एक्सक्लूसिव: डीएफओ बी.के. सिंह से डीएम ने किया जवाब तलब। प्रशासन को गुमराह करने और मिथ्या सूचना देने का आरोप - Mukhyadhara

एक्सक्लूसिव: डीएफओ बी.के. सिंह से डीएम ने किया जवाब तलब। प्रशासन को गुमराह करने और मिथ्या सूचना देने का आरोप

admin
van

मुख्यधारा ब्यूरो

टिहरी। टिहरी डैम वन प्रभाग के प्रभागीय अधिकारी बीके सिंह को टिहरी के जिलाधिकारी ने जिला प्रशासन को गुमराह किए जाने का प्रयास और मिथ्या सूचना देने के आरोप में 2 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। यही नहीं डीएफओ को कहा गया है कि क्यों न इस कृत्य के लिए आप के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं अन्य नियमों के तहत सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाए।

आज टिहरी के जिलाधिकारी डॉ. वी षणमुगम ने टिहरी डैम वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी बीके सिंह को नोटिस जारी किया है। डीएफओ बीके सिंह पर आरोप है कि वहां लॉकडाउन की अवधि में 9 मई की सुबह टिहरी से देहरादून गए थे। जिसके बाद 13 मई की शाम को वह टिहरी वापस लौटे।
 इस पर नगरपालिका टिहरी की सीआरटी टीम के द्वारा 14 मई को डीएफओ को क्वारंटीन करने के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह तो अपने कार्यक्षेत्र घनसाली में ही मौजूद थे। जिसके बाद सीआरटी टीम ने फिर उनकी यात्रा का डाटा खंगाला और टीम द्वारा 16 मई को पुन: डीएफओ बीके सिंह को और उनके वाहन चालक धन सिंह को क्वारंटीन किया गया।
जिलाधिकारी ने अपने पत्र में लिखा है कि एक जिला स्तरीय अधिकारी होने के बावजूद भी डीएफओ बीके सिंह ने मिथ्या सूचना दी। साथ ही अपने कर्तव्यों का पालन न करते हुए जिला प्रशासन को गुमराह करने का प्रयास किया। डीएफओ का यह कृत्य बहुत ही खेद जनक बताया गया है।
जिलाधिकारी ने डीएफओ को कहा है कि वह उच्चाधिकारियों की बगैर अनुमति के अपने मुख्यालय से बाहर गए। इस संबंध में वह 2 दिन के भीतर अपना स्पष्टीकरण दें। क्यों न इस कृत्य के लिए डीएफओ के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 एवं अन्य नियमों के तहत सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाए।
 जिलाधिकारी टिहरी की इस कार्यवाही के बाद अन्य अधिकारियों को भी स्पष्ट संदेश देने का प्रयास किया गया है कि बगैर अनुमति के कोई भी न तो अपने मुख्यालय से बाहर जाएं और न सूचनाएं छुपाने का प्रयास करें।
dfo
 जाहिर है कि डीएम टिहरी के इस संदेश के बाद बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों को भी इससे कड़ी नसीहत के रूप में देखा जा रहा है कि यदि उनके द्वारा भी इस तरह की कोई गलती की गई तो उन पर उनकी थोड़ी सी लापरवाही भारी पड़ सकती है।
Next Post

मार्मिक वीडियो : उत्तराखण्ड के पत्रकार ने पेश की कोरोना में मानवता की मिसाल

देहरादून।  लॉकडाउन के 50 दिन से ज्यादा गुजरने के बाद जब मजदूर सड़क पर पैदल चलने को मजबूर हैं और सरकारें कान में रुई डाल कर तमाशा देख रही हैं। ऐसे में भीषण गर्मी के बीच सड़क पर चलते मजदूरों […]
PicsArt 05 18 10.50.16

यह भी पढ़े