जैविक खाद से मिट्टी की उर्वरा शक्ति व उत्पादकता वृद्धि की दे रहे हैं जानकारी। गांवों में बने किसान क्लस्टरों को दिया जा रहा प्रशिक्षण
नीरज उत्तराखंडी/पुरोला
पुरोला के दर्जनों गांवों में परम्परागत कृषि विकास योजना के अंर्तगत बने किसान क्लस्टरों में उद्यान विभाग व सहयोगी संस्था सुविधा किसानों को जैविक खेती व जैविक खाद बनाने के गुर शिखा रही है। साथ ही रसायनिक खादों से होने वाले नुकसान के बारे में भी किसानों को जागरूक कर रहे हैं।
परम्परागत कृषि विकास योजना के अंर्तगत विकासखंड पुरोला के करड़ा, खलाड़ी, नेत्री, चंदेली, सौन्दाड़ी, हुडोली, बेस्टी सहित दर्जनों गांवों में बने किसान क्लस्टरों में जैविक खेती व जैविक खाद बनाने की विधि के साथ किसानों को रसायनिक खाद से होने वाले नुकसान के बारे में अवगत करा रहे हैं। साथ ही जैविक उत्पादों के फायदे के बारे में किसानों को जागरूक किया जा रहा है।
सुविधा संस्था के ब्लाक समन्वयक दिनेश चौहान ने बताया कि हम संस्था के माध्यम से किसानों को जैविक खाद, जिसमें जीवामृत, पंञ्चगव्य, वर्मी कम्पोस्ट बनाने की विधि जैसे पांच किलो गाय के गोबर में पांच लीटर गोमूत्र, आधा किलो गुड़ व आधा किलो बेसन मिलाकर पन्द्रह दिनों के लिए एक बर्तन में रख कर एक उच्च गुणवत्तापूर्ण वाली जैविक खाद तैयार की जा सकती है। जिसके उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता बढ़ने के साथ ही अच्छी फसल होती है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में उद्यान विभाग से अतोल चौहान, दिनेश रावत, किसान धनबीर सिंह, यसवंत सिंह ,धाम सिंह, जयेन्द्र सिंह, अर्जुन सिंह आदि लोग उपस्थित थे।