सत्यपाल नेगी/रुद्रप्रयाग
आज ककोड़ाखाल रुद्रप्रयाग में कुली बेगार एवं बर्दायश प्रथा की विरोध क्रांति के आजादी के महान नायकों की याद में 100 वर्ष पूरे होने पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रहे। विशिष्ट अतिथि केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पूर्व मंत्री मातबर कंडारी, वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी, समीर बहुगुणा, बीरेंद्र बुटोला, पूर्व छात्र सघ अध्यक्ष अंकुर रौथाण, देवेश्वरी देवी, दीपा आर्य, पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लक्ष्मण रावत आदि रहे।
कुली बेगार प्रथा के विरुद्ध क्रांति के 100 वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर हरीश रावत ने की।
ककोड़ाखाल में आयोजित कार्यक्रम में स्मारक पर पुष्प अर्पित कर तिरंगा लहराया गया और वंदेमातरम गीत गाकर आंदोलनकारियों अमर रहे के नारे लगाये गये।
केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने बेगार प्रथा पर गहराई से प्रकाश डालते हुई, दशज्यूला, नागपुर पट्टी के लोगों को कहा कि हमारे पूर्वजों का इतना बड़ा इतिहास रहा, मगर हम इस ऐतिहासिक जगह को भूल रहे हैं। दूसरों के इतिहास पर कार्यक्रम करते हैं, मगर अपने क्षेत्र के महान योद्धाओं, क्रान्तिकारियों को पहचान नहीं दिला पा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हम शीघ्र प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलेंगे और इन आंदोलनकारी लोगों की सुध लेने की मांग रखेंगे।
कार्यक्रम में कुली बेगार प्रथा पर बनाये गए नाटक की प्रस्तुति सबसे आकर्षण का केंद्र रहा।
गांवों की बेटियों व लड़कों ने गीत गाकर अपने पूर्वजों को याद करते हुए नमन किया।
कार्यक्रम के मुख्य आयोजक ईश्वर सिंह बिष्ट ने सभी लोगों का स्वागत व धन्यवाद किया और कहा कि हम आगे भी निरन्तर हर वर्ष यहॉ पर कार्यक्रम करते रहेंगे। 72 गाँवों के इतिहास पर गम्भीर मंथन और गोष्ठियां करेंगे।
आयोजक मण्डल के अध्यक्ष आनन्द सिंह, प्रबन्धक ईश्वर सिंह बिष्ट, दिनेश बिष्ट आदि भारी संख्या में पहुंचे महिलाओं, युवाओं, बुजुर्गों व बच्चों का धन्यवाद किया।