पौड़ी गढ़वाल के कांडई मल्ली गांव के पौराणिक नागराजा मंदिर परिसर से दानपात्र चोरी - Mukhyadhara

पौड़ी गढ़वाल के कांडई मल्ली गांव के पौराणिक नागराजा मंदिर परिसर से दानपात्र चोरी

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पौड़ी गढ़वाल के कांडई मल्ली गांव के पौराणिक नागराजा मंदिर परिसर से दानपात्र चोरी

पौड़ी गढवाल। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कांडई मल्ली गांव में इष्ट देवता भगवान श्रीमन्नारायण श्रीकृष्ण नागराजा मंदिर में स्थापित दानपात्र के चोरी हो जाने से देवभूमि में रहने वाले लोगों के में आश्चर्य, अफसोस, दुख व आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी है।

5 जुलाई को कांडई मल्ली गांव के पौराणिक मंदिर परिसर में स्थापित दानपात्र में भक्तों व श्रद्धालुओं द्वारा दो वर्ष से अर्पित दान, दक्षिणा, भेंट और सेवा रुपी संग्रह पर न जाने किस अज्ञात नास्तिक की कुदृष्टि पड़ी कि वह इस पूंजी को चुरा कर ले गया।

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गांव में इस घटना से काफी हड़कंप मच गया है। गांव के प्रवासी और स्थानीय निवासियों ने इस घटना पर चिंता जाहिर की है। गांव की प्रधान रीना रावत ने इस संबंध में लिखित शिकायत जिला प्रशासन पौड़ी में कर दी है। उन्होंने बताया कि “गांव व मंदिर के इतिहास में यह इस तरह की पहली घटना है जिस पर विश्वास करना नामुमकिन सा है “।

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गांव के निवासी नेत्र सिंह रावत ने बताया कि “किसी पर भी शक और आशंका जाहिर करना पहाड़ के सीधे सादे जीवन व स्वभाव में नहीं है।”

दिल्ली में रह रहे गांववासियों में भी बेहद भावुक लहर उमड़ पड़ी है। दिल्ली में रह रहे सरत सिंह रावत ने बताया कि “गांव की कई पीढ़ियों की आस्था के केंद्र नागराजा मंदिर में चोरी हो जाने से वह अत्यंत दुखी व मायूस हैं”।

एक अन्य निवासी और भक्त पवन सिंह गुसाईं ने बताया कि “भगवान श्रीमन्नारायण नागराजा के मंदिर में चोरी हो जाने से समस्त भक्तों की आस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा व सभी लोग भगवान जी का ध्यान करें”।

गांव के पूर्व प्रधान दिगम्बर सिंह रावत ने बताया कि ” चोरी किया दानपात्र मंदिर से दूर बंजर ढलानों में मिला। चोरी कम से कम दो व्यक्तियों की मिलीभगत से हुई है। लोहे की सब्बल, हथोड़े और छेनी से दानपात्र को जमीन से उखाड़ कर काटने के बाद उसमें से सारी संग्रह राशि जो कि कम से कम ₹10,000 से 15,000 रही होगी, चोरी हुई है।”

पौड़ी में कार्यरत स्कूल शिक्षक सत्यपाल सिंह रावत ने इस घटना को चिंता पूर्ण बताते हुए बताया कि “सादगी व आपसी विश्वास व प्रेम सद्भाव से भरे ग्रामीण समाज में ऐसी घटनाएं यहां की संस्कृति में विकृति का संकेत हैं “।

गौरतलब है कि पहाड़ के जीवन व अंतस्थ गांवों में इस तरह की सामाजिक समस्याओं से मुक्त समझा जाता रहा है। लोगों ने इस बात का भी संकेत व अंदेशा जताया है कोरोना संकट में बेरोजगारी से जुड़ी समस्याओं व मुश्किल में आए लोगों ने इस हरकत को अंजाम दिया हो।

गांव के सभी नागरिकों ने अपने इष्ट देवता से सभी के कल्याण की कामना करते हुए इस घटना से शांति और सद्भाव बनाए रखने की अपील की है। प्रशासन से इस घटना की जांच व आसपास के गांवों में ऐसे अपराधी तत्वों से सावधानी व सजग रहने को कहा है।

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