मामचन्द शाह
देहरादून। जी हां! आपको सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा, किंतु कटु सत्य है कि द्वारीखाल ब्लॉक क्षेत्रवासी समेत संपूर्ण पौड़ी जनपद के लोग सिंगटाली मोटर पुल निर्माण के लिए छटपटा रहे हैं। इस पुल के बन जाने से सिंगटाली से व्यासघाट की सड़क जुड़ जाएगी और इससे गढ़वाल-कुमाऊं की दूरी भी काफी कम हो जाएगी, किंतु वर्षों बाद भी पुल निर्माण न होने से अब क्षेत्रवासियों का सब्र का बांध टूटने लगा है।
दरअसल गढ़वाल से कुमाऊं की दूरी कम करने के उद्देश्य से सिंगटाली मोटर पुल के लिए वर्ष 2006 में मंजूरी मिली थी। तत्पश्चात वर्ष 2008 में इसके लिए सर्वेक्षण हुआ था। हैरानी की बात है कि तब से लेकर इतने वर्षों बाद भी यह पुल आज भी धरातल पर नहीं उतर पाया।
ढांगू विकास समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी के नेतृत्व में क्षेत्रवासी सिंगटाली पुल निर्माण की मांग को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उदय सिंह नेगी बताते हैं कि स्वीकृत सिंगटाली पुल के लिए विश्व बैंक पीडब्ल्यूडी खंड पौड़ी गढ़वाल द्वारा धनराशि भी उपलब्ध करा दी गई थी, जिसका अब मात्र टेंडर होना बाकी रह गया था, किंतु क्षेत्र के करीब 1000 से अधिक गांवों और एक लाख से अधिक की जनसंख्या को उनके अधिकारों से वंचित करते हुए एक अन्य प्रोजेक्ट के चलते अचानक उसको निरस्त कर दिया गया। इससे सिंगटाली पुल निर्माण अधर में लटक गया है। नेगी ने बताया कि सिंगटाली पुल निर्माण की मांग को लेकर अब तक वे प्रदेश सरकार व कई केंद्रीय मंत्रियों को अवगत कराकर थक चुके हैं, किंतु इस समस्या का कहीं से भी समाधान नहीं हो पा रहा है। फलस्वरूप क्षेत्रवासियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
इससे पहले ढांगू विकास समिति ने ऋषिकेश में बैठक कर महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की और आगामी आने वाले दिनों में कई बिंदुओं पर काम करने की रणनीति बनाई। अध्यक्ष उदय सिंह नेगी ने कहा कि पहाडिय़ों की भूमि को बाहरी लोगों को दिया जा रहा है तथा हमारे हक को छीना जा रहा है। उन्होंने पुल निर्माण को लेकर क्षेत्रवासियों के सहयोग की जरूरत बताई। यह पुल गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने के साथ ही स्वरोजगार और आपात परिस्थिति में ऋषिकेश, देहरादून जैसे शहरों तक पहुंचा जा सकता है। इस दौरान सभी ने सिंगटाली मोटर पुल के पूर्व चयनित स्थान पर ही निर्माण कार्य प्रारम्भ करवाने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि यदि मोटर पुल के विषय में उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका भी दायर करनी पड़े तो वह इसके लिए तैयार हैं। इसके अलावा इस बात पर सहमति बनी कि यदि सिंगटाली मोटर पुल निर्माण का कार्य जल्द शुरू नहीं किया जाता है तो विधानसभा चुनाव 2022 का सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा और इसका पत्र भारतीय निर्वाचन आयोग को ग्राम सभाओं से प्रेषित किए जाएंगे।
इससे पहले एक नवंबर 2020 को भी महादेवचट्टी पौड़ी गढ़वाल में सिंगटाली पुल निर्माण को लेकर एकसभा का आयोजन किया गया था। जिसमें एक संगठित कार्यकारिणी ढांगू विकास समिति का गठन किया गया है। जिसमें समिति के अध्यक्ष उदय सिंह नेगी, उपाध्यक्ष भारत सिंह रावत, करण सिंह पवार, महासचिव/मंत्री संदीप सिंह राणा, सह सचिव कल्याण सिंह बिष्ट, कोषाध्यक्ष राजीव बिष्ट, संरक्षक सोहन सिंह बिष्ट, सत्य प्रसाद बर्थवाल, हर्षवर्धन, विक्रम सिंह नेगी, शिवदयाल सिंह नेगी, पृथ्वीधर काला, मीडिया प्रभारी सुनीता पंवार, प्रवक्ता संतोष रयाल, दीपचंद शाह, वेद प्रकाश मैठाणी, यशपाल सिंह बिष्ट, वीरेंद्र सिंह रावत, ऑडिटर विनोद बड़थ्वाल, राजेंद्र सिंह पवार तथा कार्यकारिणी में क्षेत्र के समस्त क्षेत्र पंचायत सदस्य, प्रधान और उपप्रधान और क्षेत्र के प्रत्येक गांव से 4 सदस्यों को रखा गया है।
ढांगू क्षेत्रवासियों का कहना है कि बीते वर्ष 2020 में बरसात के समय ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग पर तोताघाटी में निर्माण कार्य होने के चलते यह मार्ग करीब पांच से छह महीनों तक अवरुद्ध रहा। इस दौरान वाहनों को टिहरी होते हुए मलेथा में इस मार्ग पर लंबी दूरी तय करके आना पड़ा। इससे लोगों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा। पहाड़ी रास्ते के अतिरिक्त इतना लंबा सफर होने के कारण इससे दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी काफी बढ़ गई, किंतु यदि सिंगटाली मोटर पुल बना होता तो इससे आसानी से ऋषिकेश से सिंगटाली पुल होते हुए व्यासघाट मार्ग से देवप्रयाग में बहुत कम दूरी और समय तय करके बद्रीनाथ मार्ग पर पहुंचा जा सकता था। इस पुल के बन जाने से यह अति महत्वपूर्ण वैकल्पिक मार्ग के रूप में भी काम कर सकता था।
यही नहीं यह पुल क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है और इससे स्वरोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। ग्रामीण काश्तकार अपनी उपज को आसानी से बाजार में बेच सकेंगे। क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा या बीमारी के समय लोग जल्द ही ऋषिकेश और देहरादून अस्पतालों में पहुंच सकते हैं।
इसके अलावा पौड़ी जनपद के बिलखेत में आयोजित होने वाले एडवेंचर फेस्टिवल को भी इस पुल के बन जाने से काफी लाभ होगा और देहरादून से आसानी से लोग इसमें शिरकत कर सकेंगे। जिससे उत्तराखंड पर्यटन में भी इजाफा होगा।
क्षेत्र की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी, सांसद रमेश पोखरियाल निशंक से मांग की है कि जल्द ही जल्न्द सिंगटाली पुल का निर्माण को शुरू करवाया जाए, जिससे क्षेत्र के विकास के द्वार खुल सकें और गढ़वाल व कुमाऊं की कनेक्टिविटी भी सुदृढ़ हो सके।
हालांकि पिछले दिनों ऋषिकेश में जानकीसेतु पुल के लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सिंगटाली पुल निर्माण को लेकर मंच से ही अपनी सहमति जताई थी। इससे लोगों की उम्मीदें एक बार फिर से जीवित हो गई और इस बात की क्षेत्रवासियों ने सराहना की थी।
बीते दिनों ढांगू विकास समिति का एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में उदय सिंह नेगी की अध्यक्षता में यमकेश्वर विधायक ऋतु खंडूड़ी से सिंगटाली मोटर पुल के संबंध में वार्ता की थी। विधायक को प्रतिनिधियों ने दो टूक कहा कि कि पूर्व चयनित स्थान पर ही मोटर पुल का निर्माण किया जाए और जल्द से जल्द क्षेत्रवासियों को मुख्यमंत्री से पुल के संबंध में वार्तालाप के लिए समय मांगा जाए।
तत्पश्चात विधायक ऋतु खंडूड़ी के नेतृत्व में ढांगू विकास समिति का प्रतिनिधिमंडल ने एक फरवरी 2021 को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की और सिंगटाली मोटर पुल निर्माण की मांग की। इस पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव ओप्रकाश के समक्ष सचिव लोक निर्माण विभाग आरके सुधांशु ने समिति को बताया कि इस पुल निर्माण के लिए फरवरी में ही हरी झंडी मिल जाएगी और इसके लिए बजट भी जारी कर दिया जाएगा। हालांकि बताया गया कि पुल को उक्त स्थान पर न बनाकर करीब तीन किमी. दूरी पर ही बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री की ओर से मिले इस आश्वासन के बाद एक बार पुन: ढांगू विकास समिति ने उनका आभार जताया है। इस आश्वासन के बाद अब उम्मीद जताई जा रही है कि शीघ्र ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा और सिंगटाली-व्यासघाट वाली सड़क पर वाहनों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।
बहरहाल, अब देखना यह है कि इतने महत्वपूर्ण सिंगटाली पुल निर्माण को लेकर सरकार कितनी जल्द हरी झंडी दिखाती है!
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