लड्डुओं में मिलीभगत : देश के प्रतिष्ठित और अमीर मदिरों में शुमार तिरुपति मंदिर के प्रसाद के खेल में कई अहम किरदार, भ्रष्टाचारियों ने श्रद्धालुओं की आस्था पर पहुंचाई चोट
मुख्यधारा डेस्क
दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में स्थित और करोड़ों श्रद्धालुओं का आस्था का केंद्र तिरुपति मंदिर में प्रसाद के रूप में मिलने वाला लड्डू में खूब जमकर भ्रष्टाचार का खेल हुआ। तिरुपति मंदिर में भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से लाखों से श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इसके साथ यह देश के सबसे अमीर मंदिरों की लिस्ट में भी शुमार है। तिरुपति मंदिर पर सबसे अधिक सोने-चांदी से लेकर करोड़ों रुपए दान और चढ़ावा आता है। तिरुपति मंदिर की तमाम जानी-मानी हस्तियों की गहरी आस्था है। बड़े-बड़े नेता और अभिनेता यहां पर आकर माथा टेकते हैं। मंदिर में दर्शन करने के लिए हर रोज भक्तों की भारी भीड़ रहती है। लेकिन भ्रष्टाचारियों ने मंदिर में मिलने वाले प्रसाद लड्डू में भी जमकर भ्रष्टाचार का खेल किया। जानवरों की चर्बी मिलाकर लड्डू बनाए गए और श्रद्धालुओं को बेचे गए।
मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी के मिलावट का खेल कब से चल रहा था इस पर तो जांच जारी है। भ्रष्टाचारियों ने तिरुपति मंदिर की आस्था के साथ जमकर खिलवाड़ किया है, लाखों, करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था पर चोट भी पहुंचाई। दो दिनों से भारत में तिरुपति मंदिर चर्चा में बना हुआ है। इसके साथ मंदिर की छवि भी धूमिल हुई है।
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लड्डुओं के इस खेल में मौजूदा मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी आमने-सामने हैं। लड्डुओं को जांच के लिए लैब भेजा गया था। नायडू ने एक प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के प्रमुख जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान प्रसाद में दिए जाने वाले लड्डुओं में इस्तेमाल किए गए घी के नमूनों में बीफ टैलो, मछली के तेल और सुअर की चर्बी यानी लार्ड के अंश पाए गए थे।
मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने इसके पूरे आरोप पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर मढ़ दिए।
हालांकि आंध्र आंध्र के मशहूर तिरुपति मंदिर की लड्डू कंट्रोवर्सी के कई किरदार हैं। पूर्व सीएम से मौजूदा सीएम तक। मंदिर मैनेज करने वाले ‘तिरुमला तिरुपति देवस्थानम’ से लेकर सैंपल जांच करने वाली नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड तक की इसमें मिलीभगत है। आइए जानते हैं इस मामले की शुरुआत कैसे हुई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य के मुख्यमंत्री नायडू ने जगन मोहन सरकार पर मंदिर के लड्डू में पशु की चर्बी मिलाने का आरोप लगाया।
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नायडू ने कहा, पिछले 5 साल में जगनमोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। यहां के लड्डू में घी की जगह जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया। हम शुद्ध घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। नायडू की पार्टी टीडीपी ने एक लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि का दावा किया।
वाईएसआर कांग्रेस ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। कोर्ट इस पर 25 सितंबर को सुनवाई करेगा। वहीं तिरुपति मंदिर के लड्डू में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलने के मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आंध्र प्रदेश सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, मैंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से बात की है। मंदिर के प्रसाद (लड्डू) की जांच कराई जाएगी। इस मामले में आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण में खुलकर सामने आ गए हैं। उन्होंने वाईएसआर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मंदिर और ‘सनातन धर्म’ को अपवित्र करने का आरोप लगाया है। इस बीच मंदिर तिरुपति मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। वहीं वाईएसआर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और चार साल तक तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के अध्यक्ष रहे वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, ‘यह कहना भी अकल्पनीय है कि हर दिन देवता को अर्पित किए जाने वाले और भक्तों को दिए जाने वाले लड्डुओं में पशुओं की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था।’ उन्होंने नायडू पर ‘घृणित’ राजनीति करते हुए मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है। हालांकि, घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है।
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इस बीच केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि मामले की विस्तृत जांच होनी चाहिए और दोषी को सजा मिलनी चाहिए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर मंदिर में वितरित किए जाने वाले पवित्र प्रसाद तिरूपति लड्डू में मिलावट की खबरों पर चिंता व्यक्त की। सोशल मीडिया पर राहुल गांधी ने धार्मिक स्थानों की पवित्रता बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर देते हुए इस मुद्दे की गहन जांच का आह्वान किया। एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, ‘तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर में प्रसाद के अपवित्र होने की खबरें परेशान करने वाली हैं। भगवान बालाजी भारत और दुनिया भर में लाखों भक्तों के लिए पूजनीय देवता हैं। यह मुद्दा हर भक्त को आहत करेगा और इस पर गहनता से गौर करने की जरूरत है। बता दें कि श्री वेंकटेश्वर मंदिर आंध्र प्रदेश के तिरुपति जिले में तिरुमाला पहाड़ी पर बना है। यह तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। मंदिर के 300 साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है।