HMPV : चीन में फैले वायरस से हालात बेकाबू, देश में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में, महाकुंभ और दिल्ली चुनावों को निपटाना भी चुनौती
मुख्यधारा डेस्क
चीन में फैले वायरस का असर अभी भारत में कोई खास नहीं दिखाई दे रहा है। देश पिछले तीन दिनों से हालात सामान्य हैं। अगर आने वाले दिनों में भारत में यह वायरस फैलता है तो इसी महीने 13 जनवरी से शुरू हो रहे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ और अगले महीने से दिल्ली विधानसभा चुनावों पर असर पड़ सकता है। हालांकि केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर है। वहीं दूसरी ओर चीन में वायरस से हालात बिगड़ने लगे हैं। वुहान में स्कूलों को बंद कर दिया गया है। बच्चों में बढ़ते मामलों को देखते हुए ही ये फैसला लिया गया है।
अस्पतालों के बाहर मरीजों की भीड़ नजर आ रही है। हालांकि, चीन का कहना है कि मीडिया खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। ये मौसम बदलने का असर है। ठंड बढ़ने से आमतौर पर लोग खांसी-जुकाम की समस्या से जूझते हैं। ये भी मौसम की वजह से ही हो रहा है।
चीन के सरकारी ब्रॉडकास्टर सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर के अंत में चीनी सीडीसी के आंकड़ों के मुताबिक, 14 वर्ष और उससे कम आयु के मामलों में एचएमपीवी की पॉजिटिव दर में हाल ही में वृद्धि हुई है। एचएमपीवी वायरस से छोटे बच्चे, वृद्ध और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग इससे ज्यादा प्रभावित होते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एसएआरएस-सीओवी-2 (कोविड-19) हैंडल से किए गए पोस्ट में कहा गया है, चीन इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरसों का सामना कर रहा है, जिससे अस्पतालों और श्मशानों पर बोझ बढ़ गया है। अस्पतालों में बच्चों को भर्ती कराया जा रहा है। बच्चों में निमोनिया बढ़ रहा है और ‘व्हाइट लंग’ के मामले भी प्रकाश में आ रहे हैं।
वायरस के बढ़ते मामलों से विश्व स्वास्थ्य संगठन भी टेंशन में आ गया है। उसने चीन से एचएमपीवी की पूरी जानकारी मांगी है। भारत में ह्यूमन मेटानिमोवायरस संक्रमण के कुछ मामले सामने आने के बाद केंद्र ने राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन संबंधी रोग सहित श्वसन संबंधी बीमारियों के लिए निगरानी बढ़ाने को कहा है। साथ ही एचएमपीवी की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने की सलाह दी है। देश में सोमवार को एचएमपीवी का पहला मामला सामने आया, जब कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में पांच बच्चों में संक्रमण की पुष्टि हुई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने कहा है कि सरकार स्थिति पर करीबी नजर रख रही है और चिंता की कोई बात नहीं है।
एचएमपीवी वायरस एक रोगजनक है जो सभी आयु वर्ग के लोगों में श्वसन संक्रमण का कारण बनता है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ एक डिजिटल बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों और एचएमपीवी मामलों एवं उनके प्रबंधन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों का जायजा लिया गया। एचएमपीवी वायरस से लड़ने के लिए अभी तक कोई एंटीबायोटिक या एंटीवायरल दवा तैयार नहीं की गई है। इसके लिए कोई वैक्सीन भी नहीं विकसित की गई है। ऐसे में बचाव ही इस वायरस से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर घर में छोटा बच्चा है तो हमें विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। एचएमपीवी वायरस भी कोरोना वायरस की तरह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने, वायरस से संक्रमित किसी वस्तु को छूने से भी यह फैल सकता है। इसलिए कोरोना की तरह एचएमपीवी से बचाव के लिए भी साफ-सफाई और बार-बार हाथ धुलना मुख्य उपाय हैं।
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एचएमपीवी वायरस पर दिल्ली सरकार ने गाइडलाइन जारी की है। दिल्ली में अधिकारियों को नजर रखने के लिए कहा गया है। सांस संबंधी मामलों की निगरानी का निर्देश दिए गए है। अस्पतालों को निर्देश दिये गए हैं कि खांसी-जुकाम से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए। अगर किसी में एचएमपीवी वायरस के लक्षण नजर आते हैं, तो उसकी जांच की जाए। हालांकि, दिल्ली में अभी तक एचएमपीवी वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है।