अल्मोड़ा। डॉक्टर शुजा नाजिम ने अपने काम से न सिर्फ अल्मोड़ा के लोगों का दिल जीता, बल्कि संपूर्ण उत्तराखण्डवासियों द्वारा भी उनके काम को खूब सराहा जा रहा है और वह उत्तराखंड के रीयल हीरो बन गए हैं।
दरअसल अल्मोड़ा जिला अस्पताल में डॉक्टर शुजा नाजिम बतौर हड्डी रोग विशेषज्ञ तैनात हैं। एक दिन उनके पास गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले पनीराम अपनी डेढ़ साल की बच्ची मानसी को लेकर आए, जिसका दायें हाथ की कोहनी टूट गई थी।
डॉक्टर से जब पनीराम ने विनती की तो उन्होंने साफ कह दिया कि यहां इस तरह के ऑपरेशन करने वाली मशीन पिछले करीब दो-तीन महीने से खराब पड़ी है, ऐसे में उपचार करना संभव नहीं है। लेकिन जब बच्ची के पिता ने उनसे जोर देकर अपनी गरीब दास्तां बयां की व अन्य शहरों में जाने पर विवशता जताई तो डॉक्टर का दिल पसीज गया और वह बिना मशीन के ही बच्ची के ऑपरेशन करने चल दिए।
फिर क्या था, कहते हैं न जब आदमी ठान लेता है तो फिर उसके सुखद परिणाम भी आते हैं। कुछ समय बाद डा. शुजा नाजिम ने हाथों से ही हड्डी सेट कर बच्ची का सफल ऑपरेशन कर दिया। बताया गया कि डॉक्टर के जज्बे व परिवार की माली हालत को देखते हुए उनसे हॉस्पिटल द्वारा ऑपेरशन का खर्च भी नहीं लिया गया।
बताते हैं कि बच्ची के पिता अपनी लाडली के ऑपरेशन के बाद से इतने भावुक व खुश हैं कि वह जहां-जहां जा रहे हैं डा. शुजा नाजिम का शुक्रिया अदा करते हुए नहीं थक रहे हैं। अल्मोड़ा में डा. को खूब सराहना मिल रही है। यही नहीं संपूर्ण उत्तराखंड में डा. शुजा नाजिम के चर्चे हो रहे हैं और उन्हें प्रदेश के रीयल हीरो के रूप में देखा जा रहा है। आम जनता कह रही है कि डा. नाजिम प्रदेश के ऐसे चिकित्सकों के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो अपनी तैनाती वाले जगहों पर जाना पसंद ही नहीं करते।
बहरहाल, डा. शुजा नाजिम जैसे अनमोल चिकित्सकों की ही उत्तराखंड में जरूरत है, जो यहां के आम जनमानस की भावनाओं को समझते हैं।