देहरादून। उत्तराखंड क्रांति दल ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को पत्र भेजकर कहा है कि गैरसैंण बजट सत्र के दौरान एकाएक आपको रात को कुछ ख्याल आया तो आपने दूसरे दिन बिना कैबिनेट के संज्ञान लिए व कोई अन्य चर्चा के बगैर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा कर दी। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन की घोषणा करने से पहले आपने राज्य आंदोलन की अवधारणा वो 42 शहादतें, हमारी मातृ शत्ति का अपमान, बाबा मोहन उत्तराखंडी का बलिदान व पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जिन्होंने गैरसैंण को राज्य की राजधानी के लिये अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन की घोषणा एक शिगूफा तो नहीं, जनता को भ्रमित करने के लिए कोई छद्म राजनीति तो नहीं, ऐसे कई सवाल आम जनमानस के जेहन में आ रहे हैं।
इन 19 वर्षो में कितने आयोग बनाओगे, हर बार आयोगों का गठन करके एक रिटायर व्यूरोक्रेट्स को रोजगार दिया जाता है, जिसमे वो कुछ अपने सगे संबंधियों को भी रोजगार मुहैया करवा देते हैं। इसी तरह से आपने युवा आयोग की बात करके एक और परिपाटी दोहरा दी। उत्तराखंड के युवा को रोजगार देने के लिये आयोग की कोई जरूरत नहीं है, उनको सीध रोजगार दिया जाए। वैसे तो आपने समूह ग की नौकरी में उत्तराखंड के युवा का हक तो नहीं बचा सके। खैर आपका सौ दिन का लोकायुत्त तो 1500 दिनों में पहुंचने वाला है।
पत्र में कहा गया कि महोदय सरकार की अपनी बाध्यताएं होती हैं। राज्य के लिए कोई भी निर्णय कैबिनेट से भी पूछा जाता है, लेकिन आपने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की चर्चा बिना कैबिनेट में किये बिना एक इबारत लिखने के लिए कदम तो उठाया है, लेकिन उत्तराखंड क्रान्ति दल आप से कुछ सवालों का जबाब विनम्रता से चाहता है।
पत्र में उक्रांद ने सीएम से सवाल पूछा है कि मुख्यमंत्री उत्तराखंड आपने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा करने का निर्णय क्या अपने कैबिनेट में चर्चा करने के बाद लिया? बजट सत्र में राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का जिक्र नहीं था क्यों? बजट सत्र में आपके द्वारा गैरसैंण की घोषणा तो की गयी है, लेकिन बजट में ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए कोई राशि भी आवंटित नहीं की। यानि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के लिए आपकी सरकार के पेश बजट में कोई जिक्र नहीं क्यों?
बहरहाल, उक्रांद की पाती का जवाब प्रदेश सरकार किस रूप में दे पाती है, यह देखने वाली बात होगी। फिलहाल तो उत्तराखंड क्रांति दल की सीएम को लिखी चिट्ठी आम जन को खूब भा रही है।