बाजारी खाद्य पदार्थों में न ललचाएं जी। भारी मिलावट वाला खाना बिगाड़ सकता है सेहत
स्पेक्स ने की शहर के मुख्य बाजारों में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की जांच, जिसमें 82.5 प्रतिशत मिलावट पाई गई
देहरादून। स्पेक्स (सोसायटी आफ पोल्यूशन एण्ड एन्वायरमेंटल कन्जर्वेशन साइंटिस्ट) ने 27 फरवरी से 5 मार्च तक देहरादून के धामावाला, पटेलनगर, माजरा, सहारनपुर चौक, हनुमान चौक, कांवली रोड़, पल्टन बाजार, पंडितवाड़ी, प्रेमनगर, कृष्ण नगर, डाकरा, करनपुर, नाला पानी रोड, सहस्त्राधारा रोड, रायपुर, जाखन व राजपुर से होली के विभिन्न रंगों के 50 नमूने एवं 240 खाद्य पदार्थों के नमूनें एकत्रित कर उनका स्पेक्स प्रयोगशाला में परीक्षण किया। परीक्षण में पाया कि हरे रंग में मैलेचाइट ग्रीन व कॉपर सल्पफेट, बैंगनी रंग में क्रोमियम आयोडाइड, सिल्वर रंग में एल्मुनियम ब्रोमाइड, काले रंग में लेड अक्साइड, पीले रंग में मेटनिल येलो तथा लाल रंग में रोहडामिन बी व मरक्यूरिक सल्फाइट पाया गया। यह सभी घातक रसायन हैं।
इन रसायनों के प्रयोग से त्वचा रोग, आखों में जलन, अन्धापन, कैन्सर व धेने पर ये जल व मिट्टी को प्रदूषित करते हैं। बाजार में बिकने वाले होली के अधिकतर रंग धातु के आक्साइड, औद्योगिक रंग व इन्जन ऑयल से मिलकर बने होते हैं। बाजार में उपलब्ध् हर्बल व प्राकृतिक रंगों के भी 20 नमूनें लिए गये। जिनमें 11 नमूनों में मेटेलिक रंगों की मिलावट पाई गई।
धामावाला, पटेल नगर, माजरा, सहारनपुर चौक, हनुमान चौक, कांवली रोड़, पल्टन बाजार, पंडितवाड़ी, प्रेमनगर, कृष्ण नगर, डाकरा, करनपुर, नाला पानी रोड, सहस्त्रधारा रोड, रायपुर, जाखन व राजपुर बाजारों से खाद्य पदार्थों में मुख्यत: दूध, मावा, पनीर, सरसों का तेल, रिफांइड तेल, मिल्क केक, बर्फी, गुझिया, बतीसा, गुलाब जामुन आदि के 240 नमूने एकत्र किए, जिन्हें स्पैक्स प्रयोगशाला में परीक्षण किया गया।
यह प्रयोगशाला विज्ञान एवं प्रद्योगिकी विभाग भारत सरकार ने स्पैक्स को प्रदान की थी। इन नमूनों के परीक्षण का परिणाम से ज्ञात हुआ कि इन पदार्थों में 82.5 प्रतिशत मिलावट पाई गई। जिसमें दूध के 20 नमूनों में से 14 नमूनों मे ंसोडा (खाने का), सूखा दूध, अरारोट, फार्मलीन, यूरिया आदि कि 70 प्रतिशत मिलावट, मावा के 40 नमूनों में से 38 नमूनों में सूखा दूध आलू का पाउडर, आरारोट, बटर आयल आदि की 95 प्रतिशत मिलावट, पनीर के 20 नमूनों में से 15 में सूखा दूध आलू का पाउडर, आरारोट, बटर आयल की 75 प्रतिशत, मिल्क केक के 20 नमूनों में से 16 नमूनों में सूखा दूध आलू का पाउडर, अरारोट, बटर आयल आदि की 80 प्रतिशत, बर्फी के 20 नमूनों में से 19 नमूनों में सूखा, दूध आलू का पाउडर, आरारोट, बटर ऑयल आदि की 95 प्रतिशत, गुझिया के 20 नमूनों में से 17 नमूनों में पुराना मैदा, कृत्रिम मावा की 85 प्रतिशत, बतीसा के 20 नमूनों में से 10 में कृत्रिम रंग व मटर का आटा की 50 प्रतिशत, गुलाब जामुन के 20 नमूनों में से 19 नमूनों में मैदा व कृत्रिम मावा की 95 प्रतिशत, सरसों के तेल 30 नमूनों में से 28 नमूनों में मोबिल ऑयल, (रिफायड, लेड, क्रोमेट) की 93 प्रतिशत मिलावट, रिफाइंड तेल के 30 नमूनों में से 22 में मोबिल ऑयल, (रिफाइंड) की 73 प्रतिशत मिलावट पाई गई।