जगदीश ग्रामीण/ऋषिकेश
47 वर्षीय ऋषिकेश निवासी व्यवसायी “रवि कुमार जैन” हम सबके लिए आदर्श हैं, प्रेरणास्रोत हैं व मार्गदर्शक हैं। वे हर 3 / 4 माह में रक्तदान करते हैं। अपने मित्रों को भी रक्तदान (blood donor) के लिए प्रेरित करते हैं।
रक्त की जिस किसी भी व्यक्ति को जरूरत पड़ती है, आपका प्रयास रहता है कि समय पर उस जरूरतमंद व्यक्ति को रक्त मिल जाए। आपका यह प्रयास जब सफल होता है तो निश्चित रूप से मन को आत्मिक शांति मिलती है।
रवि कुमार जैन जी बताते हैं कि वह शुरू में जब छात्र राजनीति में थे तो शौकिया तौर पर रक्तदान करते थे, लेकिन उनके जीवन में एक वाकया ऐसा आया, जब एक सज्जन रात में उनके पास आए और अपनी पत्नी के लिए रक्त (blood donor) की व्यवस्था करने के लिए कहा।
श्री जैन बताते हैं कि मैं नींद में था। मैंने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया और मैं उनकी कोई मदद नहीं कर सका। उन्हें रक्तदान (blood donor) नहीं किया। उन्होंने देखा कि दूसरे दिन हमारी दुकान के आगे से ही एक शव यात्रा निकल रही थी। मैंने ध्यान से देखा तो पाया कि जो व्यक्ति रात मेरे पास रक्त की मांग को लेकर आए थे, वे उस शव यात्रा में शामिल थे। उन्होंने बताया कि समय पर रक्त की व्यवस्था न होने के कारण पत्नी का इंतकाल हो गया है। बस उसी दिन से जैन साहब के जीवन की दशा और दिशा बदल गई और दूसरों की जिंदगी बचाने का संकल्प ले लिया। थभी से वह अपने व्यवसाय के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेने लगे।
आज 47 वर्ष की अवस्था में रवि कुमार जैन 81 बार रक्तदान (blood donor) कर चुके हैं। वह संकट में फंसे लोगों की मदद कर आज स्वस्थ हैं, सानंद है, प्रसन्न हैं। दूसरों की मदद करके आप को सुकून मिलता है। इसी प्रकार से आप अन्य सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं। निश्चित रूप से श्री जैन समाज के लिए आदर्श व प्रेरणास्रोत हैं।
आजादी के अमृत महोत्सव के शुभ अवसर पर मुख्यधारा अपने आसपास रहने वाले ऐसे ही नायकों को सैल्यूट करता है। जय हिंद! जय भारत! वंदे मातरम! जय उत्तराखंड!