पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा
मुख्यधारा
करीब 2 साल से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) अपने ही पार्टी से नाराज चल रहे थे। आखिरकार आज गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसे उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा।
3 पन्नों के इस्तीफे में उन्होंने लिखा, दुर्भाग्य से पार्टी में जब राहुल गांधी की एंट्री हुई और जनवरी 2013 में जब आपने उनको पार्टी का उपाध्यक्ष बनाया, तब उन्होंने पार्टी के सलाहकार तंत्र को पूरी तरह से तबाह कर दिया।
आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा राहुल की एंट्री के बाद सभी सीनियर और अनुभवी नेताओं को साइडलाइन कर दिया गया और गैरअनुभवी सनकी लोगों का नया ग्रुप खड़ा हो गया और यही पार्टी को चलाने लगा।
बता दें कि आजाद (Ghulam Nabi Azad) कई दिनों से हाईकमान के फैसलों से नाराज थे। इसी महीने 16 अगस्त को कांग्रेस ने आजाद को जम्मू-कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन आजाद ने अध्यक्ष बनाए जाने के 2 घंटे बाद ही पद से इस्तीफा दे दिया था।
आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने कहा था कि ये मेरा डिमोशन है। 73 साल के आजाद अपनी सियासत के आखिरी पड़ाव पर फिर प्रदेश कांग्रेस की कमान संभालना चाह रहे थे, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी बजाय 47 साल के विकार रसूल वानी को ये जिम्मेदारी दे दी।
वानी गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के बेहद करीबी हैं। वे बानिहाल से विधायक रह चुके हैं। आजाद को यह फैसला पसंद नहीं आया। कहा जा रहा है कि कांग्रेस नेतृत्व आजाद के करीबी नेताओं को तोड़ रहा है और आजाद इससे खफा हैं।
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