जगदम्बा कोठारी
ऋषिकेश। लाॅकडाउन के कारण जहां प्रवासी उत्तराखंडी देशभर में जगह जगह फंसे हैं, वहीं अन्य राज्यों के हजारों लोग भी उत्तराखंड मे फंसे हैं। इनमे बड़ा वर्ग बिहार और उत्तर प्रदेश के कामगर मजदूरों का हैं। लाॅक डाउन के कारण इन मजदूरों के आगे दो वक्त के खाने का इंतजाम करने का संकट खड़ा हो गया था। इन लोगों के दो वक्त के भोजन व्यवस्था के लिए कुछ जागरुक युवा आगे आये। ऋषिकेश श्यामपुर भल्ला फार्म के कुछ जागरुक युवकों के द्वारा अपने निजी संसाधनों और सामाजिक लोगों के सहयोग से पिछले एक माह से प्रतिदिन एक हजार लोगों के लिए भोजन बनाया जा रहा है।
संकट की इस घड़ी मे यह युवा कोरोना योद्धा बनकर सामने आये और इनके द्वारा प्रतिदिन बड़ी मात्रा मे भोजन बनाकर तैयार किया जा रहा है।
श्यामपुर भल्लाफार्म क्षेत्र पंचायत सदस्य प्रभाकर पैन्यूली बताते हैं कि बिना किसी सरकारी सहयोग के इतनी बड़ी मात्रा मे भोजन व्यवस्था करना किसी चुनौती से कम नहीं था। हमने शुरूआत मे दो तीन सौ लोगों के लिए भोजन उपलब्ध करवाने का प्रयास किया लेकिन खाने वालों की संख्या मे इजाफा होने के बाद आस पड़ोस के लोगों से भी हमे मदद मिलने लगी और अब हम पिछले एक माह से लगभग हजार लोगों को प्रतिदिन ताजा और पोष्टिक भोजन उपलब्ध करवा रहे हैं।
क्षेत्र के ही जागरुक और सामाजिक कार्यकर्ता भगवती थपलियाल कहते हैं कि कोरोना संक्रमण की परवाह न करते हुए भी हमारी दर्जन भर लोगों की टीम सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर प्रतिदिन सुबह से ही इस कार्य मे लग जाती है। खाना बनाने के इस कार्य मे हमे महिलाओं का भी सहयोग मिलता है।
महामारी के दौर मे इन युवाओं का यह सराहनीय कदम है। संक्रमण के डर के बीच भी इनके द्वारा एक हजार भूखे लोगों को रोजाना खाना खिलाना किसी बड़ी उपलब्धी से कम नहीं है। इनकी टीम मे दिवाकर पैन्यूली,महेंद्र थपलियाल, गणेश रावत, रामरतन रतूड़ी, राकेश व्यास, संजय व्यास रोशन पैन्यूली, मयंक रतूड़ी, वसीम, जितेंद्र वर्मा, जगमोहन रावत, आनंद रावत, मंगल सिंह लक्ष्य रावत, आदि लोग शामिल हैं।
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