ज्वलंत सवाल: सिंगटाली पुल (Singtali Bridge) निर्माण को वित्तीय स्वीकृति न होने से टूटा क्षेत्रवासियों के सब्र का बांध। 16 मार्च को धरना-प्रदर्शन की चेतावनी
द्वारीखाल/मुख्यधारा
सिंगटाली पुल निर्माण की वर्षों से राह देखते-देखते अब क्षेत्रवासियों की आंखें पथरा गई है। बीते 17 सालों से लबित और 2006 में जिसकी वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति हो गई थी, की राज्य सरकार द्वारा लगातार उपेक्षा और पीडब्ल्यूडी विभाग की अकर्मण्यता के कारण अब क्षेत्र वासियों का सब्र टूट गया है।
सिंगटाली मोटर पुल के लिए लगातार प्रयासरत सिंगटाली मोटर पुल संघर्ष समिति को क्षेत्र के 30 से अधिक ग्राम प्रधान 10 से अधिक क्षेत्र पंचायत सदस्य और अन्य समाज सेवी संस्थाओं ने आग्रह किया की अब आंदोलन ही अंतिम विकल्प है।
16 मार्च 2023 को एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन सिंगटाली में किया जाना है और प्रदर्शन के दिन की एसडीएम नरेंद्र नगर के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया जाना है। इस बाबत सूचना थाना मुनिकीरेती को दे दी गई।
गौरतलब है कि इस मोटर पुल हेतु समिति मुख्यमंत्री, पीडब्ल्यूडी मंत्री सतपाल महाराज से लेकर अपने क्षेत्रीय विधायक रेणु बिष्ट तक को मिल चुकी है। साथ ही राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी, नरेश बंसल, सांसद निशंक, तीरथ सिंह रावत, द्वारीखाल ब्लॉक प्रमुख महेंद्र राणा इस बाबत मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुके हैं, किंतु राज्य सरकार इस कार्य को नहीं करवा रही है।
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समिति ने अभी सांकेतिक एक दिवसीय शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करेगी। यदि तब भी सरकार ने सुना नहीं, या अगले 15 दिनों में वित्तीय स्वीकृति नहीं करवाई गई तो अगले महीने शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के समय सिंगटाली में अनिश्चित काल के लिए सड़क को जाम कर दिया जायेगा। जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
यह मोटर पुल गढ़वाल मंडल का मुख्यालय पौड़ी की दूरी कम करता है तो वहीं गढ़वाल और कुमाऊं के मध्य एक सुगम मार्ग भी बनाता है।