करोड़ों श्रद्धालुओं की भावना के अनुरूप होगा अयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठन की घोषणा पर भाजपा ने प्रधानमंत्री का आभार जताया
विजेंद्र राणा
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने प्रधनमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज संसद
में श्री राम जन्मभूमि पर श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट गठित किये जाने की घोषणा का स्वागत करते हुये उनका आभार जताया है। उन्होंने कहा कि अब करोड़ों श्रद्धालुओं की भावना के अनुरूप अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर भव्य व दिव्य मंदिर का निर्माण हो सकेगा।
देहरादून स्थित भाजपा मुख्यालय में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण की मांग लम्बे समय से चली आ रही थी और भारतीय जनता पार्टी ने हमेशा इस विषय के साथ स्वयं को जोड़़कर रखा। जैसा कि प्रधनमंत्री ने कहा कि ये विषय उनके हृदय के निकट रहा है। व्यक्तिगत तौर पर उनकी भी भवनायें श्री राम मंदिर के साथ जुड़ी रही है और वे स्वयं भी श्री राम मंदिर निर्माण के आंदोलन के साथ जुडें़ रहे।
उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर निर्माण के साथ देश विदेश के करोड़ों-करोड़ों श्रद्धालुओं की प्रत्यक्ष व परोक्ष की सहभागिता रही है। उत्तराखण्ड के लोंगों ने भी इस आंदोलन में सक्रिय योगदान दिया। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में केन्द्र सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार से तथ्यों के आधर पर पैरवी की गयी और जिस रूप में उच्चतम न्यायालय ने अपना निर्णय दिया है वह अपने आप में ऐतिहासिक महत्व का है। यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है कि करीब 450 वर्ष बाद बनने वाले श्री राम मंदिर निर्माण के हम प्रत्यक्षदर्शी होगे और हमारी आने वाली पीढिय़ां इस महान कार्य से प्रेरित होती रहेगी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशानुसार एक स्वायत्त ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का गठन किया जायेगा और इसी क्रम 5 एकड़ भूमि वक्फ बोर्ड को प्रदान की जायेगी। जैसा कि गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्रा ट्रस्ट में 15 ट्रस्टी होंगे, जिनमें से एक ट्रस्टी एक दलित समाज से रहेगा। यह निर्णय सामाजिक सौहार्द को मजबूत करने वाला निर्णय अभूतपूर्व है। करोड़ों लोगों का सादियों का इंतजार शीघ्र समाप्त होगा वे प्रभु श्री राम के जन्मभूमि पर उनके भव्य मंदिर में दर्शन कर पायेंगे।