Header banner

पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का मामला नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नियम 58 के तहत सदन में उठाया

admin
yes

पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) का मामला नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नियम 58 के तहत सदन में उठाया

गैरसैंण/मुख्यधारा

नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बैंड में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान कहा कि ओपीएस एक राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। देशभर में सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के लिए मुखर हैं। वे समय-समय पर ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाते रहते हैं।

यह भी पढ़ें : Uttarakhand: धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में विधवा पुत्रवधू को भी मृतक आश्रित में जोड़ा गया, इन 7 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

यशपाल आर्य ने कहा कि यही वजह है कि राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि राज्यों में कांग्रेस की सरकारों ने पुरानी पेंशन लागू करने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य किया है। जो कर्मचारी 2005 के बाद भर्ती हुए हैं, उन्हें पेंशन नहीं मिलती है और ना मिलने की कोई आशा है, जबकि नेताओं को , आईएएस को, पीसीएस और जजों को 2005 के बाद भी पेंशन मिलती है। यह अत्याचार है। एमपी एमएलए को भी ओल्ड पेंशन मिलती है विधायिका और न्यायपालिका को भी पुरानी पेंशन मिलती है। इसके साथ ही सेना को भी ओल्ड पेंशन दी जाती है।

यह भी पढें : Uttarakhand: यहां चिकित्सकों के बंपर प्रमोशन, देखें सूची

अगर न्यू पेंशन स्कीम ही इतनी अच्छी है तो यह लोग खुद पर इसे लागू क्यों नहीं करते !

सेना को और न्यायपालिका को नई पेंशन स्कीम के दायरे में क्यों नहीं रखते !

नई पेंशन स्कीम और कुछ नहीं, यह सिर्फ और सिर्फ कर्मचारियों का शोषण है।

अगर भाजपा सरकार एक देश, एक विधान और एक संविधान की पक्षधर है तो उसको एक ही पेंशन स्कीम पूरे देश में लागू करनी चाहिए।

यह भी पढें : ब्रेकिंग: अरुणाचल प्रदेश में भारतीय सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश (Helicopter Crash), दोनों पायलट लापता

राज्य सरकार ये जवाब दे सकती है की ये केंद्रीय विषय है तो मैं आपकी जानकारी में लाना चाहूंगा कि संविधान की सातवीं अनुसूची में राज्य सूची का बिन्दु संख्या 42 स्पष्ट कहता है कि स्टेट पेंशन जो राज्य की समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) से दी जाएंगी उन पर राज्य सरकार का कानून बनाने का अधिकार है। ऐसे में आपका यह कहना उचित नहीं होगा कि ओल्ड पेंशन स्कीम केन्द्र सरकार द्वारा ही दी जा सकती है।

कोरोना काल में जहां लाखों युवाओं की नौकरियां चली गई थी, वहां इनमें से बड़ी संख्या में युवा ऐसे थे, जो अपने माता-पिता को पेंशन के रूप में मिलने वाली ऑक्सीजन पर निर्भर थे। RBI अडानी अंबानी जैसे उद्योगपतियों के लाखों करोड़ रुपए के कर्ज़ राइट आफ करके माफ कर देता है और फिर वापस उन्हें लाखों करोड़ों रुपए के कर्ज़ भी वापस देता रहता है, तब RBI को मुसीबत नहीं आती।

यह भी पढें : Health: ग्लूकोमा (Glaucoma) से चली जाती है आंखों की रोशनी, आंखों की नियमित व समय पर करवाएं जांच : प्रो.( डॉ.) मीनू सिंह

कर्मचारी के मंहगाई भत्ते की बढ़ोतरी पर गणना की जाकर, वित्तीय भार के समाचार मुख्य पृष्ठ पर छापे जाते हैं। कर्मचारी पेंशन आंदोलन के लिए दिन रात एक किए हुए है। पेंशन सम्मान जनक जीवन के अधिकार की लड़ाई है।

यशपाल आर्य ने अनुरोध करते हुए कहा कि मानवीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड में भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू क जाए एवं केन्द्र सरकार को भी इसके लिए अपनी सिफारिश भेजें।

Next Post

Uttarakhand: धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में विधवा पुत्रवधू को भी मृतक आश्रित में जोड़ा गया, इन 7 प्रस्तावों पर लगाई मुहर

Uttarakhand: धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में विधवा पुत्रवधू को भी मृतक आश्रित में जोड़ा गया, इन 7 प्रस्तावों पर लगाई मुहर कैबिनेट की बैठक में धामी सरकार ने 7 प्रस्तावों पर लगाई मुहर विधवा पुत्रवधू को भी मृतक आश्रित […]
IMG 20230316 WA0052

यह भी पढ़े