नैनीताल। कोरोना संकट में निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने को लेकर बनाए जा रहे दबाव के विरोध में भाजपा नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता कुंवर जपेंद्र सिंह समेत अन्य लोगों द्वारा हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं को निस्तारित कर दिया गया है। हाईकोर्ट ने सरकार से सात दिनों के भीतर निजी स्कूलों को फीस से संबंधित प्रत्यावेदन देने का आदेश दिए हैं। इसके अलावा विद्यालयी शिक्षा के सचिव को भी एक सप्ताह में प्रत्यावेदन पर अपना निर्णय देने को कहा है।
बुधवार को नैनीताल हाईकोर्ट में न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति रमेश चंद्र खुल्बे की खंडपीठ में भाजपा नेता कुंवर जपेंद्र सिंह, आकााश यादव, एजुकेशन वेलफेयर सोसाइटी व अन्य याचिकाओं पर सुनवाई हुई। कुंवर जपेंद्र सिंह की याचिका में कहा गया था कि सरकार और शिक्षा विभाग के शासनादेश के बावजूद पब्लिक स्कूलों द्वारा लॉकडाउन में अभिभावकों पर जबरन फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि निजी स्कूलों द्वारा ट्यूशन फीस के अलावा अन्य गतिविधियों की फीस भी मांगी जा रही है।
वहीं निजी स्कूलों स्कूलों ने सरकार के शासनादेश को नियम विरुद्ध बताया, क्योंकि सरकार निजी स्कूलों की स्वायत्तता में दखल नहीं कर सकती है। अब फीस मामले पर एक सप्ताह के बाद सरकार और शिक्षा सचिव के प्रत्यावेदन के बाद भी स्थिति साफ हो पाएगी। ऐसे में फिलहाल अभी मामले का पूर्ण निस्तारनण होने तक निजी स्कूलों द्वारा अभिभावकों पर फीस जमा करने को लेकर दबाव नहीं बनाया जा सकता है।
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