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Uttarkashi Tunnel Accident: एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचेंगे सिलक्यारा (Silkyara), मलबे को भेदकर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाने में मिलेगी मदद

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Uttarkashi Tunnel Accident: एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर पहुंचेंगे सिलक्यारा (Silkyara), मलबे को भेदकर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचाने में मिलेगी मदद

उत्तरकाशी/मुख्यधारा

एयरफोर्स के तीन विशेष विमान 25 टन भारी मशीन लेकर के आ रहे हैं, जो मलबे को भेद कर स्टील पाइप दूसरी तरफ पहुंचने में मददगार साबित होगी। इस मशीन के जरिए प्रति घंटे 5 मीटर मलबा निकला जा सकेगा।

आज शाम से इस मशीन के जरिए काम शुरू करने की कोशिश की जाएगी।

अब नॉर्वे और थाईलैंड की विशेष टीमों की मदद ली जा रही है।

रेस्क्यू टीम ने थाईलैंड की उसे रेस्क्यू कंपनी से संपर्क किया है, जिसने थाईलैंड की गुफा में फंसे बच्चों को बाहर निकाला था।

नॉर्वे की एनजीआई एजेंसी से भी संपर्क किया गया है, जिससे सुरंग के भीतर ऑपरेशन में विशेष सुझाव लिए जा सके।

भारतीय रेल, आर वी एन एल, राइट्स एवं इरकॉन के विशेषज्ञों से भी सुरंग के भीतर ऑपरेशन से संबंधित सुझाव लिए जा रहे हैं।

एनएचएआईडीसीएल के डायरेक्टर अंशु मनीष खलको ने दी सिलक्यारा सुरंग रेस्क्यू अभियान की अपडेट

जनपद उत्तरकाशी के यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर धरासू एवं बड़कोट के मध्य सिल्क्यारा के समीप निर्माणाधीन लगभग 4531 मी0 लम्बी सुरंग जिसका कि सिल्क्यारा की तरफ से 2340 मी० तथा बड़कोट की तरफ से 1600 मी0 निर्माण हो चुका है, में दिनाँक 12 नवम्बर 2023 की प्रातः 08:45 पर सिल्क्यारा की तरफ से लगभग 270 मीटर अन्दर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में ऊपर से मलबा सुरंग में गिरने के कारण 40 व्यक्ति फँस गये थे। कार्यदायी संस्था एन एच. आई.डी.सी.एल. द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना के अनुसार फँसे हुये व्यक्तियों में से 02 उत्तराखण्ड के 01 हिमाचल का. 04 बिहार के 03 पश्चिम बंगाल के 08 उत्तर प्रदेश के 05 उड़ीसा के 15 झारखण्ड के एवं 02 असम के हैं।

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सुरंग के अंदर कम्प्रेशर के माध्यम से निरन्तरता में ऑक्सीजन प्रवाहित की जा रही है और दबाव युक्त हवा के साथ भोजन सामग्री के छोटे-छोटे पैकेट भी फँसे हुये व्यक्तियों तक पहुँचाये जा रहे हैं। फँसे हुये व्यक्तियों के साथ वॉकी-टॉकी के माध्यम से बातचीत की जा रही है और प्राप्त सूचना के अनुसार सभी व्यक्ति सुरक्षित हैं।

सम्बन्धित विशेषज्ञों से विचार-विमर्श कर एन.एच.ए.आई. आर.बी.एन.एल., एन.. एच.सी.एल. एल. एण्ड टी. टी.एच.डी.सी. बी.आर.ओ. एवं एन.एच.आई.डी.सी.एल. के स्तर से उपलब्ध करवाये गये तकनीकी एवं अन्य उपकरणों व संसाधनों के द्वारा सुरंग के अन्दर आये मलबे को युद्ध स्तर पर हटाये जाने का कार्य किया जा रहा है तथा साथ-साथ सुरंग की दीवार पर शॉर्ट क्रीटिंग का कार्य भी किया जा रहा है। इसके साथ ही उपस्थित विशेषज्ञों के परामर्श पर फँसे हुये मजदूरों तक पहुँचने के लिये मलबा हटाकर सेटरिंग प्लेट लगा कर उन्हें निकालने के लिये सुरक्षित मार्ग (ESCAPE PASSAGE) तैयार किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं, परन्तु सुरंग के ऊपरी भाग से आ रहे मलबे के कारण इस कार्य में बाधा पहुँच रही है।

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मलबे के बीच स्टील पाइपों को धकेलने के लिए स्थापित की गई ड्रिलिंग मशीन के स्थान पर एक हाई पावर ड्रिलिंग मशीन को नई दिल्ली से नजदीकी एअर बेस चिन्यालीसौड़ तक पहुंचाया जा रहा है साईट पर सभी व्यवस्थायें की जा रही है और हाई पावर मशीन को शीघ्र ही स्थापित और संचालित किया जायेगा।

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विशेषज्ञों के द्वारा 900 मि.मी. के MS Steel Pipe को मलबे के आर-पार स्थापित किये जाने का परामर्श दिया गया है। वांछित संख्या में MS Steel Pipe घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं, जिन्हें सुरंग के अंदर स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है, 900 एम0एम0 पाइप (प्रति पाइप 6 मीटर लम्बाई) 02 ट्रॉला में कुल 08 पाइप तथा 800 एम0एम0 पाइप (प्रति पाइप 6 मीटर लम्बाई) 01 ट्रक में कुल 05 पाइप जिनकी कुल लम्बाई 30 मीटर एवं 01 अन्य ट्रक जिसमें 06 पाईप घटना स्थल पर पहुँचाये गये है।

आरवीएनएल से आरओसी मशीन / आरवीएनएल पैकेज से एक और शॉटक्रीट मशीन उपब्धल है।

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घटनास्थल पर स्टेजिंग एरिया बनाया गया है, जहाँ पर वॉर्टिकल ड्रिल मशीन, हॉरिजोण्टल ड्रिल मशीन व शॉर्टकीट मशीन उपलब्ध हैं, साथ ही सुरंग के बाहर 03 पोकलैण्ड, 02 जेसीबी, 06 ट्रक, 01 हाईड्रा, 02 लोडर तैनात हैं तथा सुरंग के अन्दर 04 पोकलैण्ड, 03 शॉर्टक्रीटिंग मशीन, 02 बूमर, 02 हाईड्रा व 02 ट्रक कार्य कर रहे हैं।

पेयजल विभाग की विशेषज्ञ टीम स्टील पाइप को सफलतापूर्वक स्थापित किये जाने में सहायता के लिए परियोजना स्थल पर उपस्थित है।

खोज-बचाव कार्यों हेतु पुलिस, एन. डी. आर. एफ. एस. डी. आर.एफ. आई.टी.बी.पी., सीमा सड़क संगठन, स्वास्थ्य विभाग व त्वरित कार्यवाही दलके सदस्यों सहित कुल 160 राहतकर्मी घटनास्थल पर तैनात किये गये हैं।

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त्वरित कार्यवाही के दृष्टिगत घटनास्थल से 05 कि.मी. की दूरी पर स्यालना के पास अस्थायी हैलीपैड का निर्माण किया गया है तथा चिन्यालीसौड़ हैलीपैड को भी राहत कार्यों हेतु चिह्नित किया गया है।

सुरंग में फँसे हुये व्यक्तियों के परिजनों की सुविधा तथा उनकी आशंकाओं के निवारण एवं उन्हें स्थिति की सही जानकारी उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जनपद प्रशासन के द्वारा इस घटना विशेष के लिये हेल्पलाइन की व्यवस्था की गयी हैं ( 01374-222722 222126, 7500337269- जनपद आपातकालीन परिचालन केन्द्र व 7455991223, 7818066867 – सिलक्यारा में स्थापित स्थलीय परिचालन केन्द्र ) ।

सुरंग से व्यक्तियों को सुरक्षित निकालने के उपरान्त उन्हें तत्काल चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग की टीमें विशेषज्ञ व उचित औषधि उपकरण, एम्बुलेंस सहित टनल गेट पर तैनात की गयी हैं। किसी भी विपरीत परिस्थिति में कार्यवाही हेतु निकटवर्ती जनपदों के चिकित्सालयों के साथ ही एम्स ऋषिकेश को हाई एलर्ट पर रखा गया है तथा ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति हेतु पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेण्डरों का भण्डारण किया गया है।

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जिलाधिकारी उत्तरकाशी मुख्य विकास अधिकारी पुलिस अधीक्षक, अपर जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी, डुण्डा / बड़कोट. एन.एच. आई.डी.सी.एल. के मुख्य प्रबन्धक एवं राजस्व टीम मौके पर मौजूद है।

इस घटना के कारणों की जाँच एवं तद्संबंधित आख्या तैयार कर उपलब्ध करवाये जाने हेतु निदेशक, उत्तराखण्ड भूस्खलन न्यूनीकरण एवं प्रबंधन केन्द्र की अध्यक्षता में गठित तकनीकी समिति जिसमें वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, केन्द्रीय भवन अनुसंधान संस्थान, भारतीय भूगर्भ सर्वेक्षण विभाग, भूगर्भ एवं खनिकर्म इकाई तथा राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण के विशेषज्ञ सम्मिलित है, के द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया जा रहा है।

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