- फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) क्यों है जरूरी, जानिए देहरादून के प्रसिद्ध फिजियोथेरेपिस्ट डा. गगनदीप सिंह से
मामचन्द शाह/देहरादून
आज की भागदौड़-भरी जिंदगी में समय कब हाथ से निकल जाता है, पता ही नहीं चलता। कड़ी मेहनत के बल पर व्यक्ति के बैंक अकाउंट में तो संभवत: बढोतरी हो सकती है, किंतु रिटायरमेंट के बाद स्वस्थ जीवन और उपार्जित धन का उपभोग करने की अभिलाषा पाले व्यक्ति का स्वास्थ्य तब तक जवाब देने लग जाता है। कारण यह है कि धन कमाने की होड़ में अधिकांश लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति घोर लापरवाही बरतते हैं।
बेशक आज स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्धियां हासिल हो रही हों, लेकिन इनके बीच एक ऐसी चिकित्सकीय पद्धति है, जो न सिर्फ आपके शरीर के दर्द को कम कर सकती है, बल्कि इसके रूल्स को अगर सही से फॉलो किए जाएं तो यह पैशेंट की बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती है। इस पद्धति का नाम है फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) यानि भौतिक चिकित्सा।
शरीर पर दर्द झेल रहे मरीज के लिए फिजियोथेरेपी कई मायनों में कारगर साबित होती है। यह रिहैब्लिटेशन, चोट को रोकने में मददगार और स्वास्थ्य और फिटनेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा शरीर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करने के साथ ही हड्डियों और जोड़ों को भी सुदृढ बनाता है।
आइए जानते हैं श्री गुरु तेग बहादुर हॉस्पिटल देहरादून के सुप्रसिद्ध फिजियोथेरेपिट डॉक्टर गगनदीप सिंह से बाचतीत के अंश:-
Q – फिजियोथेरेपी (Physiotherapy)
– फिजियोथेरेपी एक हैल्थ प्रोफेशन है। शारीरिक रूप से और एक्सीडेंट में फ्रैक्चर होने या फिर सर्वाइकल व कमर दर्द की समस्या आजकल बहुत तेजी से बढ़ रही है। इन बीमारियों को सबसे पहले पैशेंट फिजियोथेरेपी से ही ठीक कराने का प्रयास करे तो ज्यादा बेहतर होगा।
Q – फिजियोथेरेपी (Physiotherapy ) कितने प्रकार की होती है? आप किन विधियों से ट्रीटमेंट करते हैं?
– आमतौर पर छह प्रकार की सबसे ज्यादा चलती हैं। आर्थोपेडिक यानि हड्डियों और मांसपेशियों से जुड़ी हुई समस्या देखी जाती है। इसके अलावा न्यूरो में मस्तिष्क की और रीढ़ की हड्डी की समस्या होती है। यदि किसी को पैरालाइस हो जाता है तो न्यूरो से संबंधित उपचार इस विधि से किया जाता है। स्पोर्ट्स के अंतर्गत खेलकूद के समय चोट लगने पर तो फिजियोथेरेपी खिलाडिय़ों के लिए रामबाण का काम करती है। इसके अलावा कार्डियो थेरेपी उन मरीजों के लिए होती है जो हॉस्पिटल में एडमिट रहते हैं। ऐसे मरीजों को चेस्ट फिजियोथेरेपी दी जाती है। रिहेब्लिटेशन भी एक फिजियोथेरेपी होती है। इसके अलावा आजकल रोबोटिक फिजियोथेरेपी भी एक नई तरह की फिजियोथेरेपी विकसित की गई है, जो विदेशों से अब भारत की तरफ भी बड़ी तेजी से बढ़ रही है।
Q – क्या अन्य उपचार के साथ भी फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) की जा सकती है?
– जी, बिल्कुल, अन्य उपचार के साथ-साथ फिजियोथेरेपी की जा सकती है। ऐसे केसों में आपका संबंधित डॉक्टर आपको फिजियोथेरेपी के लिए सुझाव देते हैं। जैसे किसी पैशेंट को सर्वाइकल के साथ-साथ चक्कर भी आ रहे हैं, या फिर कमर के साथ-साथ पैरों में भी रेडिएट कर रहा है तो ऐसे मामलों में डॉक्टर दवाईयों के साथ-साथ आपको फिजियोथेरेपी करने की भी सलाह देते हैं। इस तरह के कई उदाहरण हैं, जिनमें हम अन्य उपचार के साथ-साथ फिजियोथेरेपी कर सकते हैं।
Q – पैशेंट को फिजियोथेरेपी की आवश्यकता कब पड़ती है?
– देश में आजकल बहुत सारी नई-नई समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे फिजियोथेरेपी की डिमांड भी खासी बढ़ रही है। ज्वाइंट पेन और मल्टीपल ज्वाइंट पेन, गठियाबाइ का दर्द से राहत पाने के लिए फिजियोथेरेपी कारगर साबित हो रही है।
Q – फिजियोथेरेपी से उपचार कितने समय में पूर्ण हो सकता है?
– यह दर्द और बीमारी पर निर्भर करता है। जैसे कि किसी पैशेंट को ताजी चोट लगी हो और उसका तत्काल फिजियोथेरेपी से उपचार कराना शुरू कर दिया जाए तो एक सप्ताह या दस दिनों में उसका ट्रीटमेंट पूर्ण करने की कोशिश की जाती है। इसके अलावा जैसे कोई सर्जरी मामले होते हैं या फ्रैक्चर केस होते हैं, उनमें थोड़ा ज्यादा समय लगने की संभावना होती है।
Q – सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस और इस तरह की अन्य बीमारियों का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है, क्या कारण होगा?
– आजकल मोबाइल का यूज बहुत ज्यादा हो रहा है। ऑनलाइन क्लासेस, एक शहर से दूसरे शहर में जाने के लिए बहुत ज्यादा ट्रैवलिंग इस तरह की बीमारियों का प्रमुख कारण माना जाता है। इसके अलावा विटामिन डी, कैश्यिम की कमी से भी सर्वाइकल की समस्या बढ़ रही है। साथ ही बैठने के सही पोश्चर पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। आप घंटों कंप्यूटर पर काम करना या मोबाइल पर देर तक पढ़ाई या अन्य काम करते समय रीढ़ झुकी हुई हो तो काफी लंबे समय तक ऐसे पोश्चर से सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस की समस्या बढ़ जाती है। बहुत देर तक एक ही पोजिशन में बैठने से भी सर्वाइकल की दिक्कत हो सकती है। बीच-बीच में ब्रेक लेकर टहलने से आराम मिलता है।
Q – 2030 तक फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) की कितनी आवश्यकता देखते हैं आप?
– आजकल सभी डॉक्टर फिजियोथेरेपी को काफी बढावा दे रहे हैं और वे फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाने की सलाह भी दे रहे हैं। आजकल पैशेंट भी काफी जागरूक हो चुका है और वह स्वयं भी फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर के पास अपने उपचार कराने पहुंच रहे हैं।
Q – फिजियोथेरेपी क्यों जरूरी है, इस पर मुख्यधारा के व्यूअर को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
– मैं तो यही कहूंगा कि अपनी आदतें सुधारने का प्रयास करें। यदि आप स्वयं को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो अभी से अपने बैठने या खड़े रहने के सही पोश्चर पर ध्यान देना शुरू कर दीजिए। जैसे ही आपको समस्या हो, डॉक्टर के पास जाने के बाद तुरंत फिजियोथेरेपिस्ट डॉक्टर के पास अपनी फिजियोथेरेपी कराना प्रारंभ कर दें, ताकि आप जल्द स्वस्थ हो सकें। इसके अलावा मोबाइल का उपयोग भी लिमिट के साथ हो तो यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकता है।