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Eco Tourism: धनोल्टी क्षेत्र में पारिस्थितिकी और ईको टूरिज्म के विकास के लिए NMCGWII परामर्श कार्यशाला आयोजित

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Eco Tourism: धनोल्टी क्षेत्र में पारिस्थितिकी और ईको टूरिज्म के विकास के लिए NMCGWII परामर्श कार्यशाला आयोजित

नदी और लोगों के बीच बेहतर सम्बन्ध स्थापित करना और ‘अर्थ गंगा’ की अवधारणा को साकार करना है उद्देश्य

धनोल्टी/मुख्यधारा

धनोल्टी क्षेत्र में पारिस्थितिकी और ईको टूरिज्म के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण एन.एम.सी.जी.डब्ल्यू.आई.आई. परामर्श कार्यशाला जलज परियोजना के अंतर्गत ईको हट सभागार में आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य नदी और लोगों के बीच बेहतर सम्बन्ध स्थापित करना और ‘अर्थ गंगा’ की अवधारणा को साकार करना है।

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मसूरी वन प्रभाग के अधिकारी, वन विशेष‌ज्ञ और स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के सदस्य हुए शामिल

कार्यशाला में मसूरी वन प्रभाग के अधिकारियों, वन क्षेत्र के विशेष‌ज्ञों और स्थानीय स्वयं सहायता समूहों के सदस्य शामिल हुए। इस आयोजन का मुख्य लक्ष्य क्षेत्र की इको-टूरिज्म के संभावनाओं को उजागर करना था। विशेषज्ञों ने स्थानीय संसाधनों को समुचित उपयोग सतत विकास के उपाय और पर्यटकों के लिए आकर्षण बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।

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नदी संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता पर फोकस

कार्यशाला में नदी संरक्षण और पर्यावरणीय स्थिरता पर जोर दिया गया। साथ ही स्थानीय समुदायों को इको-टूरिज्म से आर्थिक लाभ पहुंचाने के उपायों पर भी विचार किया गया। इस पहल से न केवल क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार और आर्थिक अवसर भी मिलेंगे।

कार्यशाला के माध्यम से ‘अर्थगंगा’ की अवधारणा को साकार करने की दिशा महत्वपूर्ण कदम उठाए गए। पर्यावरणीय और आर्थिक दोनों दृष्टिकोण से क्षेत्र के विकास में सहायक होंगे।

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अंजना शर्मा सीनीयर प्रोजेक्ट सहायक ने जलज परियोजना की पृष्ठभूमि को विस्तार से बताया।

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सौरव गवन प्रोजेक्ट वैज्ञानिक ने जलज परियोजना का उद्देश्य और इस कार्यशाला में इसका योगदान प्रस्तुति के माध्यम से समझाया।

नमामि गंगे तथा भारतीय वन्य जीव संस्थान से समुदायों के लिए कार्य 2017 से हो रहा है। इन कार्यों को मजबूती के लिए तथा प्रधानमंत्री की सोच को आगे बढ़ाने के लिए जलज परियोजना लाई गई, जिससे लोकल समुदाय तथा एसएचजी ग्रुप की महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो सके। इसके साथ-साथ प्राकृतिक संसाधन के प्रति जागरूक हो सके।

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अपने गांवों के स्थानीय उत्पादों को दें बढ़ावा : कहकशां नसीम

अपर सचिव वन, वन संरक्षक यमुना वृत कहकशां नसीम द्वारा उपस्थित लोगों से पने गांवों के स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे स्थानीय लोगों की आर्थिकी मजबूत हो सके व मार्केट तक पहुंचाने का कार्य जलज के द्वारा सहयोग किया जाए और विभागीय व शासन स्तर तक हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

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धनोल्टी ईको पार्क समिति के साथ वन विभाग के कर्मचारियों देवलसारी रेंज, जौनपुर रेंज, भद्रीगाड रेंज सहित विभिन्न गांवों से भटौली, द्वारिकापुरी, पंतवाड़ी, नेज्ञाना, बिच्छू आदि गांवों के स्वयं सहायता समूह के सदस्य उपस्थित रहे।

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इस मौके पर अपर सचिव वन वन संरक्षक यमुना कहकशां नसीम, डीएफओ मसूरी अमित कंवर, उप प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश चंद्र नौडियाल, सचिव ईको पार्क मनोज उनियाल, कुलदीप नेगी, जौनपुर रेंज वन क्षेत्राधिकारी लाखीराम आर्य, लतिका उनियाल, प्रमोद बंगवाल, सुशील गौड़, उर्मिला चौहान, सुनीता, अनिल सिंह, राजेश कुमार, आरती पंवार व सुप्रिया रावत आदि मौजूद थे।

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