एफआरआई के वैज्ञानिकों से बांस प्रजातियों से प्राकृतिक धागा तैयार करने और उत्तराखंड में बांस की खेती को प्रोत्साहन देने को लेकर मंथन

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एफआरआई के वैज्ञानिकों से बांस प्रजातियों से प्राकृतिक धागा तैयार करने और उत्तराखंड में बांस की खेती को प्रोत्साहन देने को लेकर मंथन

तथा किसानों को इससे जोड़ने के लिए नीति निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की गई

देहरादून/मुख्यधारा

देहरादून स्थित एफआरआई में केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक मे प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने प्रतिभाग कर एफआरआई के वैज्ञानिकों से बांस की प्रजातियों से प्राकृतिक धागा तैयार करने और उत्तराखंड में बांस की खेती को और अधिक प्रोत्साहन देने तथा किसानों को इससे जोड़ने के लिए नीति निर्माण की संभावनाओं पर चर्चा की गई। खेती के साथ-साथ प्रदेश में बांस जैसे वानिकी उत्पादों को भी कृषि प्रणाली में शामिल कर किसानों की आय में बढ़ोतरी के संबंध में मंथन किया गया।

केंद्रीय मंत्री ने कृषि विज्ञान केन्द्रों के सहयोग से मदार जैसे बहुपयोगी वृक्षों पर भी शोध को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।

इस दौरान प्रदेश के कृषि एवं ग्राम्य विकास मंत्री गणेश जोशी ने केंद्रीय वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह को अवगत कराया कि उत्तराखंड में ओक टसर रेशम उत्पादन का कार्य तेजी से प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि कीटपालन अब पूरी तरह इनडोर प्रणाली के माध्यम से किया जा रहा है और टेंट की सहायता से व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन किया जा रहा है।

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मंत्री जोशी ने केंद्रीय मंत्री से रेशम उत्पादक किसानों से मिलने का अनुरोध किया, जिसे स्वीकार करते हुए गिरिराज सिंह ने भविष्य में इस हेतु कार्यक्रम निर्धारित करने का आश्वासन दिया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की जाएगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार के नए अवसर सृजित हों और पलायन पर रोक लगने के साथ ही, इससे राज्य की आर्थिकी को नई गति मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में बांस की खेती किसानों के लिए एक सशक्त वैकल्पिक आय का स्रोत बन सकती है।

कृषि मंत्री ने केन्द्रीय वस्त्र मंत्री का प्रदेश में निर्मित हो रहे ओक टसर रेशम की शाल भेंट की।

बैठक में रेशम विभाग के निदेशक प्रदीप कुमार सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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