राजभवन देहरादून में “मध्य हिमालय उत्तराखंड की ऐतिहासिक महिलाएं” पुस्तक को राज्यपाल को किया भेंट
शीशपाल गुसाईं
“मध्य हिमालय उत्तराखंड की ऐतिहासिक महिलाएं” पर आधारित मेरी पुस्तक को माननीय राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह द्वारा आज सोमवार को सराहना प्राप्त होना निस्संदेह एक गौरवपूर्ण क्षण है। यह पुस्तक, जो समय साक्षय देहरादून द्वारा प्रकाशित हुई, 34 प्रेरणादायी महिलाओं के जीवन और उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। राज्यपाल महोदय ने पुस्तक के प्रत्येक अध्याय को ध्यानपूर्वक देखा और 20 मिनट तक इसका अवलोकन कर , कार्य की गहराई को समझा। उनके सवाल-जवाब और प्रशंसा ने इस कार्य के महत्व को और अधिक रेखांकित किया।
राज्यपाल ने विशेष रूप से इस बात की सराहना की कि आपने उत्तराखंड की सभी क्षेत्रों की महिलाओं को बिना किसी भेदभाव के चुना। मार्केट अल्वा, कंचन चौधरी भट्टाचार्य, प्रोफेसर सुधारानी पांडेय, सरला बहन, मीरा बहन जैसी राज्य के बाहर की महिलाओं को शामिल करने के साथ-साथ राधा रतूड़ी, माता मंगला जी जैसे प्रेरक व्यक्तित्वों के जीवन को विस्तार से उकेरा गया है। यह समावेशिता और निष्पक्षता ही इस पुस्तक को विशिष्ट बनाती है।
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उत्तराखंड की पावन भूमि ने न केवल प्राकृतिक सौंदर्य और आध्यात्मिकता को सहेजा है, बल्कि उन असाधारण महिलाओं की कहानियों को भी, जिन्होंने अपने साहस, समर्पण और दृढ़ संकल्प से इतिहास के पन्नों पर अमिट छाप छोड़ी। पुस्तक में ऐसी वीरांगनाओं, समाज सुधारकों, पर्यावरण संरक्षकों, साहित्यकारों और नेतृत्वकर्ताओं के जीवन का गहन शोध के साथ वर्णन किया गया है, जिन्होंने मुगल काल से लेकर आधुनिक युग तक उत्तराखंड की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक धारा को दिशा दी। इस पुस्तक में गढ़वाल की साहसी रानी कर्णावती से लेकर स्वच्छ प्रशासन की प्रतीक राधा रतूड़ी तक की प्रेरणादायक यात्रा का उल्लेख है। आदरणीय राज्यपाल ने अपनी पुस्तक “देवभूमि उत्तराखंड में आत्मा के स्वर ” दो अंक मुझे भेंट किये।
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