आंदोलन में प्रदेश के सफाई कर्मचारी भी शामिल
देहरादून। प्रमोशन में आरक्षण खत्म करने से नाराज एससी-एसटी कर्मचारियों के आंदोलन में अब प्रदेश के सफाई कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। आंदोलन को मारक बनाने के लिए उत्तराखंड एससी-एसटी इंप्लाइज फेडरेशन ने सफाई कर्मचारियों की ठेका प्रथा समाप्त करने की मांग को भी अपने एजेंडे में शामिल कर लिया है।
फेडरेशन ने प्रदेश सरकार को 15 अप्रैल तक का अल्टीमेटम दिया है। चेतावनी दी गई है कि इस अवधि में सरकार ने प्रमोशन आरक्षण बहाल करने समेत 10 मांगों पर कार्रवाई नहीं की तो पूरे प्रदेश में सफाई व्यवस्था ठप कर दी जाएगी। यह घोषणा फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करम राम ने देहरादून में पत्रकारों से वार्ता के दौरान की।
इससे पूर्व फेडरेशन के नेताओं और देवभूमि उत्तराखंड सफाई कर्मचारी संघ, अखिल भारतीय सफाई मजबूर कांग्रेस, वाल्मीकि संघ, एऽिल भारतीय अनुसूचित जाति शोषित वर्ग उत्थान समिति, कामगार कल्याण समिति, जनजाति शिक्षक एसोसिएशन मूल पिछड़ा वर्ग इंप्लाइज एसोसिएशन के नेताओं के साथ बैठक की और एक संयुत्त आंदोलन करने का फैसला किया।
फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष करम राम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहीं नहीं कहा कि प्रमोशन में आरक्षण को खत्म कर दिया गया। सरकार ने संविधान को भी नहीं देखा। संविधान में प्रतिनिधित्व की व्यवस्था है। सबका विकास सबका साथ और सबका विश्वास एक जुमला है। एक वर्ग से बात की गई, दूसरे वर्ग की अनदेखी कर दी गई। हमसे बात क्यों नहीं गई।
इंदु कुमार समिति और इरशाद हुसैन आयोग की रिपोर्ट सरकार के पास है। इन रिपोर्टों के आधार पर सरकार एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व को देखती और तब प्रमोशन में आरक्षण पर निर्णय लेती, लेकिन सरकार ने तानाशाह की तरह फैसला कर दिया। यदि प्रमोशन में आरक्षण नहीं देंगे तो हमारे समाज के व्यत्तिफ कैसे उन पदों पर पहुंच पाएंगे, जिनसे नीति निर्धरण होता है। इन सब बातों से व्यथित होकर आज वाल्मीकि समाज के लोग भी हमारी मांग के समर्थन आ गए हैं। अब साझा एजेंडे पर निर्णायक आंदोलन छेड़ा जाएगा। सरकार को 15 अप्रैल तक का समय दिया जा रहा है। हमारी मांगें नहीं मानी गई तो फिर पूरे प्रदेश में सफाई व्यवस्था ठप कर दी जाएगी।
फेडरेशन की मांगें
-प्रमोशन में आरक्षण की व्यवस्था को तत्काल लागू किया जाए।
-बैकलॉग के पदों को विशेष भर्ती अभियान के तहत भरने के लिए 6 अप्रैल तक विज्ञप्तियां निकाली जाएं।
-रोस्टर को शून्य मानकर उत्त तिथि से प्रमोशन व सीधी भर्ती में जनजाति का रोस्टर आरंभ किया जाए।
-राज्य सरकार की सेवाओं में ओबीसी का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए।
-राज्य में नौ नवंबर 2000 से पूर्व निवास कर रहे एससी व एसटी वर्ग को जाति प्रमाण पत्र व मूल निवास प्रमाण पत्र दें।
-संविदा आउटसोर्स के माध्यम से भरे जा रहे पदों में आरक्षण को शत प्रतिशत लागू किया जाए।
– सभी सरकारी व अद्र्ध सरकारी संस्थानों, नगर निकायों में सफाई व्यवस्था की ठेकेदारी प्रथा बंद कर स्थायी नौकरी दें।
-सफाई कर्मचारियों के मृत संवर्ग के पदों को पुनर्जीवित किया जाए, उनके प्रमोशन की व्यवस्था हो।
-पूर्व से कार्यरत सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए, उन्हें जोखिम व अन्य भत्ते दिए जाएं।
-निकायों में तैनात सफाईकर्मियों को केंद्रीकृत सेवा के समान वेतन और भत्ते दिए जाएं।