मुख्यधारा ब्यूरो
देहरादून। यूं तो वैश्विक महामारी कोरोना से देशभर में लोग चिंतित हैं और अपने-अपने घरों में कैद हैं, लेकिन जब बात विदेश से लौटने वालों या फिर विदेशी नागरिकों की मौजूदगी की हो तो आम जन की चिंता बढऩे के साथ ही प्रशासन की जिम्मेदारी भी काफी अधिक बढ़ जाती हैै।
प्रदेश में सर्वाधिक लगभग एक हजार विदेशी नागरिक पौड़ी जिले में ही फंसे हुए हैं। ये सभी नागरिक कोरोना वायरस की शुरुआत से पहले ही यहां पहुंच चुके थे। ऋषिकेश स्वर्गाश्रम में इनकी काफी संख्या बताई जा रही है।
इसके अतिरिक्त नैनीताल में 14 व अल्मोड़ा में 81 विदेशी नागरिकों के मौजूदगी की खबर है। इसके अलावा चंपावत, उत्तरकाशी, देहरादून व हरिद्वार में भी कुछ विदेशी नागरिक फंसे हुए हैं। एलआईयू रिपोर्ट के मुताबिक पौड़ी जनपद में करीब 900 लोग विभिन्न स्थानों पर मौजूद हैं।
प्रदेश के विभिन्न जिलों में फंसे विदेशी नागरिकों ने स्वदेश लौटने की इच्छा भी जताई है, लेकिन जब तक उन्हें विदेश मंत्रालय से अनुमति प्राप्त नहीं हो पाएगी, जब तक उन्हें नहीं छोड़ा जा सकेगा। विदेश मंत्रालय से अनुमति मिलने के बाद ही उत्तराखंड सरकार द्वारा विदेशियों को सड़क मार्ग से जाने की अनुमति दी गई है।
हालांकि कुछ देशों की अनुमति मिलने के बाद आज बुधवार से विदेशियों को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। आज स्वीडन के नागरिकों व अन्य नागरिकों को तीन बसों से ऋषिकेश-स्वर्गाश्रम क्षेत्र से दिल्ली भेज दिया गया है। जहां से विशेष विमान के द्वारा उन्हें उनका देश पहुंचाया जाएगा।
पौड़ी जनपद में 71 लोग ऐसे हैं, जो विदेशों से होकर इस बीच जनपद के विभिन्न विकासखंडों में लौटे हैं। ऐसे में प्रशासन को अतिरिक्त कसरत करनी पड़ रही है। ऐसे 31 लोगोंं को अब तक स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में क्वारेंटाइन में रखा गया है। पौड़ी जनपद में अब तक कुल 11,118 लोग लौट चुके हैं।
कोविड-19 से बचाव की निगरानी के लिए बनाए गए जिला प्रभारी मंत्री डा. हरक सिंह रावत भी सक्रिय हैं। हरक सिंह के अनुसार ऐसे जो लोग देश-विदेशों से आए हैं, इन पर ग्राम प्रधानों, खंड विकास अधिकारियों, एसडीएम व डीएम द्वारा नजर रखी गई है। समय-समय पर इनकी जांच की जा रही है। विशेषकर विदेशी लोगों को चिन्हित कर उनकी जांच व क्वारेंटाइन की जा रही है।