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दोनों की बढ़ी मुश्किलें: लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, ये था मामला

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दोनों की बढ़ी मुश्किलें: लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत के खिलाफ सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, ये था मामला

आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह भी डबल मर्डर में दोषी करार

मुख्यधारा डेस्क

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

वहीं दूसरी ओर राजद के पूर्व सांसद प्रभु नाथ सिंह भी सुप्रीम कोर्ट के द्वारा डबल मर्डर केस में दोषी करार दिए गए हैं। दोनों नेताओं का आने वाला भविष्य अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर है। सुप्रीम कोर्ट में उनको मिली जमानत के खिलाफ याचिका दायर कर दी गई है।

सीबीआई की तरफ से ये याचिका दायर हुई है जिस पर अब 25 अगस्त को सुनवाई होने जा रही है। चारा घोटाले में ही लालू की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ी हैं, अब कोर्ट से उन्हें राहत मिलती है या झटका, इस पर ही काफी कुछ निर्भर रहने वाला है।

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बता दें कि लालू इस समय जिस मामले में फंसे है, वो चारा घोटाले के अंतर्गत आने वाले डोरंडा कोषागार केस से जुड़ा हुआ है। इस साल 27 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया था जहां पर मांग की गई थी कि लालू प्रसाद के खिलाफ नोटिस जारी किया जाए। यानी की तब लालू को सर्वोच्च अदालत से बड़ी राहत मिल गई थी। वहीं दूसरी ओर आरजेडी के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है।

सुप्रीम कोर्ट ने डबल मर्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दे दिया है। इस केस में निचली अदालत ने प्रभुनाथ सिंह को रिहा कर दिया था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट ने भी रिहाई को सही ठहराया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने प्रभुनाथ को दोषी ठहराते हुए 1 सितंबर को कोर्ट में पेश रहने के लिए कहा है। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति एएस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ ने दोहरे हत्याकांड मामले में जनता दल (यूनाइटेड) के तीन बार के सदस्य और महाराजगंज से एक बार के राजद सांसद प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया। यह दिखाने के लिए सबूत हैं कि उसने मार्च 1995 में छपरा में एक मतदान केंद्र के पास 18 वर्षीय राजेंद्र राय और 47 वर्षीय दरोगा राय की हत्या कर दी थी। दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, क्योंकि उन्होंने सिंह के सुझाव के अनुसार मतदान नहीं किया था। मारे गए लोगों के परिजनों की तरफ से गवाहों को धमकाने और प्रभावित करने का आरोप लगाने के बाद पटना उच्च न्यायालय ने मामले को छपरा से स्थानांतरित कर दिया।

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दिसंबर 2008 में पटना की एक अदालत ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया। पटना उच्च न्यायालय ने 2012 में बरी करने के फैसले को बरकरार रखा। राजेंद्र राय के भाई ने बरी किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब सुप्रीम कोर्ट ने रघुनाथ सिंह को डबल मर्डर केस में दोषी करार दिया है।

बता दें कि प्रभुनाथ सिंह इस समय 1995 के ही एक मर्डर केस में सजा काट रहे हैं। मसरख के विधायक अशोक सिंह की 1995 में हत्या हो गई थी, जिन्होंने चुनाव में प्रभुनाथ सिंह को हराया था। चुनावी हार के बाद प्रभुनाथ सिंह ने कथित तौर पर कहा था तीन महीने के अंदर अशोक सिंह को मार देंगे। अशोक सिंह की हत्या उनके घर पर दिनदहाड़े कर दी गई थी। इस केस में 2017 में प्रभुनाथ सिंह को दोषी ठहराया गया था। वे इस समय जेल में सजा काट रहे हैं। राजनीति में प्रभुनाथ सिंह पहले आनंद मोहन के साथ थे, लेकिन बाद में नीतीश कुमार के साथ आ गए। नीतीश से विवाद के बाद 2010 में प्रभुनाथ सिंह लालू यादव के साथ आ गए थे।

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