जानिए आईएएस एसोसिएशन उत्तराखंड पर कैसे भारी पड़ा नौ साल के अर्पित का “अर्पण”

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नौ वर्षीय अर्पित ने अपने गुलक से निकले 8789 रुपए दिए प्रधानमंत्री केयर फंड में, जबकि प्रत्येक आईएएस ने दिए 5555 रुपये

नीरज उत्तराखंडी/पुरोला।

आज नगर पंचायत पुरोला का नौ वर्षीय अर्पित का अर्पण आईएएस एसोसिएशन उत्तराखंड पर भारी पड़ गया। नन्हें अर्पित ने पीएम केयर फंड में दान देने के लिए उत्तराखंड के नौकरशाहों से भी बड़ा दिल दिखाया। इससे अर्पित न केवल अपने जनपद, बल्कि संपूर्ण उत्तराखंड का रियल हीरो बन गया है।
आइए आपको भी रूबरू करवाते हैं अर्पित की दिलेरी से
नगर पंचायत पुरोला के वार्ड संख्या दो पुरोला गांव निवासी अरविंद खंडूड़ी के 9 वर्षीय पुत्र अर्पित खण्डूड़ी ने नई मिशाल कायम करते हुए गुलक में संचित निधि को कोरोना की जंग से लडऩे के लिए प्रधानमंत्री केयर फंड में दान कर दी है।
सम्पूर्ण देश में कोरोना से जंग के लिए जहां कई सामाजिक, धार्मिक संगठन एवं कई सेवानिवृत्त कर्मचारी, समाजसेवी आगे आकर सहयोग कर रहे हैं, वहीं इन सबसे प्रेरणा लेकर पुरोला गांव निवासी कक्षा 4 में अध्ययनरत 9 वर्षीय अर्पित खंडूरी ने शुक्रवार को अपना गुलक कोरोना वैश्विक महामारी से कोरोना संकट काल में लडऩे के लिए पुरोला प्रशासन को सौंप दिया।
उपजिलाधिकारी आईएएस मनीष कुमार ने नन्हें बालक की प्रंशसा करते हुए बताया कि गुलक से 8789 रुपये की धनराशि प्राप्त हुई है, जिसे प्रधानमंत्री केयर फंड में भेजा जाएगा। साथ ही उन्होंने इस प्रकार की संकटकालीन घड़ी में सक्षम लोगों को असहायों की मदद के लिए आगे आने की अपील की।

आईएएस के दान से भी रूबरू होते हैं

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आईएएस एसोसिएशन उत्तराखण्ड ने मुख्यमंत्री को कोरोना से लडऩे के लिए 5 लाख रुपये दान दिए। कैल्कुलेशन के हिसाब से उत्तराखण्ड में लगभग 94 आईएएस तैनात हैं। इनमें से 4 प्रतिनियुक्ति में राज्य से बाहर तैनात हैं। यानि आईएएस एसोसिएशन उत्तराखण्ड में कुल 90 सदस्य हुए। एसोसिएशन ने 5 लाख रुपये दिए। ऐसे में प्रत्येक के हिस्से 5555 रुपये का अंशदान आया। अब यह अलग बात है कि एक ट्रेनी आईएएस को लगभग 85 हजार रुपये और मुख्य सचिव को तकरीबन 2.5 लाख रुपये प्रतिमाह वेतन-भत्ता मिलता है, लेकिन हर कोई चमोली निवासी देवकी देवी तो नहीं हो सकता न! देवकी देवी के बारे में आपको संक्षिप्त में अवगत करा दें कि उन्होंने अपने जीवनभर की कमाई के 10 लाख रुपए पीएम केयर्स फंड में दान कर दिए थे। उनके इस दान से भारत के राष्ट्रपति तक प्रभावित हुए और उन्होंने ट्वीट के माध्यम से उनकी प्रशंसा की है।
आईएएस एसोसिएशन उत्तराखण्ड की अध्यक्ष मनीषा पंवार के अनुसार एसोसिएशन के सभी सदस्यों को स्वेच्छा से अपने वेतन से सहयोग करने को कहा गया था, इससे कुल 5 लाख रुपये की धनराशि एकत्रित हुई जो मुख्यमंत्री को सौंपी गई है।
अब आप ही तुलना कर लीजिए कि नौ साल के नन्हें अर्पित ने जहां कोरोना संकट में अपना पूरा गुल्लक ही दान कर लिया, जिसमें से 8789 रुपए निकले, वहीं प्रत्येक आईएएस 5555 रुपए ही दान करने की हिम्मत जुटा सके।

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कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि दान करने के लिए अथाह पूंजी की नहीं, बल्कि बड़े दिल की अधिक आवश्यकता होती है। जिस प्रकार से एक नन्हें से बालक ने अपनी अटूट देशभक्ति का परिचय देते हुए इस संकटकाल में अपना अनोखा योगदान देकर महादान किया, वह निश्चित रूप से आने वाले समय में उत्तराखंड का रियल हीरो बनने की ओर अग्रसर होगा।

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