आगामी 6 जनवरी 2024 को मीडिया को उनकी मांगों को लेकर एक मंच पर सक्रिय करने के लिए प्रेस महाकुंभ (Press Mahakumbh) का होगा आयोजन
ऋषिकेश/मुख्यधारा
विजयदशमी के पावन त्यौहार के अवसर पर हरिद्वार हरकी पैड़ी में आगामी 6 जनवरी 2024 को देश के मीडिया को उनकी मांगों को लेकर एक मंच पर सक्रिय करने के लिए प्रेस महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है। उसके निमित्त (कुम्भ की) गंगाजल कलश की पूजा जीतमणि पैन्यूली संयोजक, सम्पादक पहाड़ों की गूंज राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र और अध्यक्ष उत्तराखंड वैब मीडिया एसोसिएशन ने उत्तराखंड के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित अभिषेक वशिष्ठ के द्वारा कराया गया।
इस अवसर पर राज्य आंदोलनकारी एवं संपादक लपराल साप्ताहिक समाचार पत्र डा. कृपाल सिंह सरोज एवं पहाड़ी रैबार राष्ट्रीय मासिक पत्रिका के संपादक अंजू कंडारी मौजूद रहे। इस महाकुंभ कलश को श्री बद्रीनाथ धाम में श्री बद्रीनाथ के आशीर्वाद लेकर प्रत्येक राज्यों में पत्रकारों से रूबरू, स्पर्श कराएंगे और उनको निमंत्रण देंगे।
इस महाकुंभ का उद्देश्य पत्रकारों को संवैधानिक अधिकार दिलाने के साथ साथ उनके मान सम्मान बढ़ाने हेतु किया जा रहा है और इसकी तैयारी हमने कोरोना काल में 350 से ज्यादा पत्रकारों के बलिदान होने पर हमने महसूस किया कि इस देश में लोकतंत्र के चार स्तंभ है। विधायिका का राष्ट्रपति भवन, कार्यपालिका का संसद भवन, न्यायपालिका का सुप्रीम कोर्ट दिखाया जाता है, परंतु चौथा स्तंभ का कोई चेहरा दिखाया नहीं जाता। वह नीचे बैठकर फोटोग्राफर हैं, जो कि लोकतंत्र का अहम हिस्सा है। उसको अछूत समझ कर चुप हो जाते हैं। तब 2021 में आन्दोलन करने की अनुमति नहीं मिल पाने से, पत्रकारों का संवैधानिक अधिकार देने के लिए अपने निवास स्थान लिखवार गांव प्रताप नगर टिहरी गढ़वाल में हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई 2021 से 5 जून तक धरना, प्रदर्शन, मौन, व्रत से आंदोलन के किया गया।
इसकी खबर पहाड़ों की गूंज में प्रकाशित होने के बाद देश के युवा वैज्ञानिक डॉक्टर शैलेंद्र कुमार विराणी मध्य प्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचाया गया। जिसका संज्ञान सुप्रीम कोर्ट ने लिया। अब यह प्रकरण राष्ट्रपति के विचार अधीन है। उसके बाद नवंबर 2021 में अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन द्वारा 110 राष्ट्रों के वर्चुअल सम्मेलन बुलाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाग लिया। उन्होंने मजबूत लोकतंत्र में मीडिया को और अधिकार देने के लिए 110 राष्ट्राध्यक्ष के सामने बोला है। य़ह बयान झूठा नहीं है, उसे पूरा करने के लिए जुनून हमें जागरूकता अभियान में चलाना है। इसके बाद 7 जून 2023 से गांधीपार्क देहरादून में धरना प्रदर्शन मौन व्रत किया गया।
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पत्रकारों को और ज्यादा अधिकार देने के लिए कहा है। इसके बावजूद आज 2023 हो गया, उनके द्वारा अधिकार देने की बात तो दूर है। पत्रकारों का उत्पीड़न करने के लिए 48 घंटे में पत्रों को आरएनआई कार्यालय में जमा करने का आदेश 25 सितंबर 2023 को दे दिए गए, जो कि व्यावहारिक नहीं है। इस तरह के आदेश से पत्रकारों में आक्रोश है। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ का प्रकाशक, स्वामी पेपर देहरादून में यातायात के साधन न होने पर जमा नहीं कर सकता है। मध्य प्रदेश में पत्रकारों का उत्पीड़न हुआ, जिसका विरोध धरना देकर किया गया।
आज पत्रकारों को यदि संवैधानिक अधिकार नहीं दिया जाता है तो उनका प्रतारण बढ़ता ही जाएगा, इसको रोकने के लिए आगामी 6 जनवरी 2024 को प्रेस महाकुंभ का आयोजन पंत द्वीप हरिद्वार में किया जा रहा है, इसमें प्रत्येक आने वाले प्रेस के साथियों का सम्मान का प्रसारण किया जाएगा। उससे उनकी अंतर्राष्ट्रीय पहचान मीडिया के प्रसारण में होगी और हमारी एक आवाज होने से हमारे संवैधानिक अधिकार देने का रास्ता प्रशस्त होगा। हमारी मीडिया से अपील है कि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे हैं।
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उन चुनाव की सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएंगे तो उन तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सभी साथी हमारे हरिद्वार में होने वाले कार्यक्रम के बारे में अपनी ओर से प्रकाशित करते रहें, ताकि इस महाकुंभ से पहले प्रधानमंत्री आपकी सुरक्षा के लिए अधिकार देने की घोषणा कर सकें। आप लोगों ने अपने स्तर से प्रकाशित करने के बाद प्रधानमंत्री द्वारा निश्चित रूप से इसमें कार्रवाई होगी, तब महाकुंभ की सफलता का एक कदम आगे बढ़ जाने से मिल जाएगी।