नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल के पूर्व महानिदेशक राजेंद्र सिंह ने आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य के तौर पर अपना पदभार संभाल लिया। हाल ही में मोदी सरकार ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी थी। उनकी नियुक्ति आज से अगले 5 साल के लिए होगी।
उत्तराखंड से पहली बार किसी सेवानिवृत्त अफसर को एनडीएमए में यह बड़ी जिम्मेदारी मिली है। तटरक्षक बल में लंबा अनुभव रखने वाले राजेंद्र सिंह के होने से एनडीएमए को उनकी विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने एनडीएमए के तीन सदस्यों के लिए अधिसूचना जारी की थी, जिसमें राजेंद्र सिंह भी शामिल हैं। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने राजेंद्र सिंह को आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति का अध्यक्ष बनाया था। उन्हें मंत्री का दर्जा भी दिया गया था।
देहरादून के जौनसार बावर क्षेत्र के गांव बिरमऊ के रहने वाले राजेंद्र सिंह 1980 में तटरक्षक बल में शामिल हुए थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा व उच्च शिक्षा मसूरी और देहरादून में हुई थी।
कोस्टगार्ड में महानिदेशक के तौर पर अपने कार्यकाल में राजेंद्र सिंह के प्रयासों से ही उत्तराखंड में तटरक्षक भर्ती केंद्र का रास्ता साफ हुआ। उन्होंने सेवानिवृत्ति से पहले इसका शिलान्यास भी करवाया।
राजेंद्र सिंह के अलावा एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर का कार्यकाल अगले 5 वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है। उनका नया कार्यकाल 16 फरवरी 2020 से प्रभावी हो गया है।
इससे पहले कमल किशोर संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम में आपदा निवारण विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे थे। इनके अलावा कृष्ण वत्स (पॉलिसी एडवाइजर, डिजास्टर रिकवरी, क्लाइमेट चेंज ऐंड डिजास्टर रिस्क रिडक्शन, यूएनपीडी) और रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन को भी प्राधिकरण का सदस्य नियुक्त किया गया है।