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उत्तराखंड निकाय चुनाव के लिए चल रही वोटों की गिनती, देर शाम तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद ! यहां देखें रिजल्ट

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उत्तराखंड निकाय चुनाव के लिए चल रही वोटों की गिनती, देर शाम तक तस्वीर साफ होने की उम्मीद ! यहां देखें रिजल्ट

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड में दो दिन पहले 23 जनवरी को हुए निकाय चुनाव के लिए वोटों की गिनती शुरू हो गई है। उत्तराखंड निकाय चुनाव में बैलट पेपर से मतदान हुआ था इसीलिए पूरा चुनाव परिणाम आने में एक-दो दिन का समय लगेगा, लेकिन शाम तक उम्मीद की जा रही है की तस्वीर साफ हो जाएगी।

राजधानी देहरादून में निकाय चुनाव परिणाम को लेकर सियासी माहौल गर्म है। इन चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच है। हालांकि कुछ सीटों पर कई अन्य दल और निर्दलीय भी अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। आज दोपहर बाद उत्तराखंड के 100 नगर निकायों के चुनाव परिणाम आने शुरू हो जाएंगे।

देखें रिजल्ट…

https://secresult.uk.gov.in/ElectionResultDashboard_main

प्रदेश में 11 नगर निगम, 46 नगर पालिका और 43 नगर पंचायतों में मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हो चुकी है। साथ ही निगमों में पार्षद के 540, नगर पालिकाओं में सभासद के 444 और नगर पंचायतों में वार्ड सदस्य के 298 पदों पर चुनाव की मतगणना शुरू हो गई है। मतगणना के 2 घंटे बाद 10 बजे रुझान आने शुरू हो गए हैं। पहला परिणाम आने में अभी कुछ घंटे का समय लग सकता है।

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पहली बार विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तरह निकाय चुनावों के परिणाम भी घर बैठे मोबाइल पर ऑनलाइन देखे जा सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए कुल 54 मतगणना केंद्र बनाए हैं। मतगणना के लिए 6366 कर्मचारियों की तैनाती की गई है। निकाय चुनावों में परिणाम केवल राजनीतिक दलों के लिए ही नहीं, बल्कि स्थानीय मुद्दों पर जनता की राय जानने का भी जरिया होंगे। मुकाबला कई जगहों पर कांटे का है और छोटे अंतर से हार-जीत तय हो सकती है।

सभी जिलों में अलग-अलग जगहों पर मतगणना हो रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए व्यापक तैयारियां की हैं। हर केंद्र पर सुरक्षा बल तैनात हैं और मतगणना को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

निकाय चुनावों के नतीजे राज्य में सत्ताधारी दल और विपक्ष दोनों के लिए राजनीतिक संदेश देंगे। यह न केवल जनता की मौजूदा सरकार के प्रति राय बताएंगे, बल्कि आगामी चुनावों के लिए भी दलों की रणनीति तय करेंगे।

प्रदेश में सभी की नजरें इन नतीजों पर हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उत्तराखंड के निकाय चुनावों में किसके सिर जीत का ताज सजेगा।

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23 जनवरी को प्रदेश में नगर निकाय चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत छह पूर्व मुख्यमंत्री मताधिकार का प्रयोग करने से वंचित रहे। गत गुरुवार को नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में नहीं होने का मामला तूल पकड़ गया था। यद्यपि, निकाय चुनाव निपटने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत का नाम मतदाता सूची में होने की जानकारी दी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी मतदाता सूची में नाम में त्रुटि के चलते पिथौरागढ़ क्षेत्र में मतदान से वंचित रहे। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी बीमारी के चलते अस्पताल में भर्ती हैं। वह मतदान में भाग नहीं ले सके।

पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के दिल्ली में होने के कारण मतदान नहीं करने की जानकारी सामने आई है। पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में व्यस्त होने के कारण प्रदेश में निकाय चुनाव के लिए मतदान नहीं कर सके।

इसी प्रकार पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत निकाय चुनाव में मतदाता नहीं हैं। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ही निकाय चुनाव में मतदान कर पाए।

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