ट्रंप को झटका : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जन्मजात नागरिकता के फैसले को कोर्ट ने लगाई रोक, असंवैधानिक करार दिया
मुख्यधारा डेस्क
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अदालत से बड़ा झटका लगा है। ट्रंप के सबसे बड़े फैसले में से एक अमेरिका में जन्मसिद्ध अधिकार कानून को खत्म करने वाले आदेश पर रोक लग गई है। चार डेमोक्रेटिक शासित राज्यों वाशिंगटन एरिजोना इलिनोइस और ओरेगन की याचिका पर विचार करते हुए अमेरिकी जिला न्यायाधीश जॉन कॉफेनॉर ने ट्रंप प्रशासन के आदेश को लागू करने के अस्थायी रूप से रोकने का आदेश दिया है। कोर्ट ने ट्रंप के फैसले को असंवैधानिक बताया है।
एक संघीय न्यायाधीश ने गुरुवार को फैसला सुनाया कि जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करने का राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कार्यकारी आदेश “स्पष्ट रूप से असंवैधानिक” है और नीति को प्रभावी होने से रोकने के लिए एक अस्थायी स्टे आदेश जारी किया। सिएटल में स्थित रोनाल्ड रीगन द्वारा नियुक्त न्यायाधीश जॉन कफनौर ने वाशिंगटन राज्य के अटॉर्नी जनरल निक ब्राउन और तीन अन्य डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले राज्यों के आपातकालीन अनुरोध को स्वीकार कर लिया, ताकि कानूनी चुनौती जारी रहने तक अगले 14 दिनों के लिए कार्यकारी आदेश को रोक दिया जा सके। कफनौर ने कहा, मैं चार दशकों से बेंच पर हूं। मुझे कोई दूसरा मामला याद नहीं है जिसमें प्रस्तुत प्रश्न इतना स्पष्ट हो। न्यायाधीश ने पूछा, “जब कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने का निर्णय लिया गया था, तब वकील कहां थे। उन्होंने कहा कि यह उनके दिमाग को भ्रमित” करता है कि बार का एक सदस्य यह दावा करेगा कि आदेश संवैधानिक था।नए आदेश के मुताबिक अगर जन्म के साथ किसी बच्चे को अमेरिका की नागरिकता चाहिए तो उसके माता या पिता में से एक का अमेरिकी नागरिक होना अनिवार्य होगा। साथ ही किसी एक के पास ग्रीन कार्ड होना चाहिए या किसी एक का अमेरिका की सेना में होना जरूरी है।
ट्रंप का कहना है कि यह आदेश ‘बर्थ टूरिज्म’ और अवैध प्रवासियों को रोकने की दिशा में बहुत बड़ा कदम है। नागरिकता हासिल करने के मकसद से प्रवासी अमेरिका जाकर अपने बच्चे को जन्म देते हैं, जिससे बच्चे को खुद ही वहां की नागरिकता मिल जाती है।अमेरिका की संविधान में हुए 14 वें संशोधन के मुताबिक जन्म के आधार पर नागरिकता देने का प्रावधान है। मतलब, अमेरिका में जन्म लेने वाला हर बच्चा खुद ही अमेरिका का नागरिक बन जाता है। भले ही उसके माता-पिता की नागरिकता कुछ भी रही हो। अमेरिका में सबको बराबरी का अधिकार देने के मकसद से यह संविधान संशोधन 1868 में लागू हुआ था। काफी समय से राजनीतिक दल अवैध प्रवासियों और घुसपैठ का मुद्दा लगातार उठा रहे थे। खासतौर पर ट्रंप इसके सख्त खिलाफ थे।