- फैसले पर लगी निगाहें : अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज फैसला सुनाएगी अदालत, पिता ने कहा- हत्यारों को फांसी की सजा मिले
देहरादून/मुख्यधारा
अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार के अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने दो साल की लंबी सुनवाई के बाद आज, 30 मई 2025 को फैसला सुनाने जा रही है। इस फैसले पर उत्तराखंड सहित पूरे देश की निगाहें टिकी हैं, क्योंकि इस हत्याकांड ने पूरे प्रदेश में भारी आक्रोश पैदा किया था। मामले की सुनवाई दो साल आठ महीने तक चली।
अंकिता के पिता वीरेन्द्र सिंह भंडारी ने कोर्ट और आम जनता से भावुक अपील की है। उन्होंने कहा कि मेरे जीते जी मेरी बेटी के हत्यारों को फांसी की सजा मिले। वीरेन्द्र भंडारी ने आरोप लगाया कि सरकार द्वारा अजय कुमार को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है और निष्पक्ष जांच में बाधा डाली गई है।
28 मार्च 2023 से शुरू हुई इस सुनवाई के बाद अब सभी की नजर कोर्ट के फैसले पर है। सवाल यह है कि क्या तीनों आरोपियों को कठोर सजा मिलेगी या वे इस मामले से बच निकलेंगे? अंकिता के परिवार और समर्थकों के साथ-साथ पूरे प्रदेश की जनता को इस फैसले से न्याय की उम्मीद है।
अंकिता भंडारी हत्याकांड ने न केवल उत्तराखंड बल्कि पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा और कार्यस्थल पर यौन शोषण जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया। आरोप है कि अंकिता पर रिजॉर्ट में “विशेष सेवा” देने का दबाव डाला गया था, जिसके इनकार पर उसकी हत्या की गई।इस मामले में एक कथित “वीआईपी” की संलिप्तता की बात भी सामने आई, जिसके कारण यह केस और भी चर्चा में रहा।
18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की हत्या कर शव को नहर में फेंक दिया था
18 सितंबर 2022 को पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनतंत्रा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के पद पर कार्यरत अंकिता भंडारी (19) की कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्या ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर हत्या कर दी थी।
अंकिता का शव नहर में मिलने के बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलकित भारतीय जनता पार्टी के पूर्व नेता विनोद आर्या के बेटे हैं। मामला प्रकाश में आते ही पार्टी ने आर्या को बाहर का रास्ता दिखा दिया। एसआईटी की जांच के बाद वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक व दो अन्य कर्मियों के खिलाफ करीब 500 पेज की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई।
अभियोजन पक्ष की ओर से इस मामले में 97 गवाह बनाए गए थे। जिसमें से अभियोजन पक्ष ने विवेचक समेत 47 गवाह परीक्षित कराए। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354 (ए) (छेड़खानी व लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय हुए हैं।
दूसरे आरोपी सौरभ भास्कर और तीसरे आरोपी अंकित गुप्ता पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोपों पर विचारण किया गया।