खराब मौसम में इंडिगो फ्लाइट का आगे का हिस्सा टूटा, इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई, 227 यात्री बाल-बाल बचे
मुख्यधारा डेस्क
मानसून आने में केवल पांच दिन रह गए हैं लेकिन उससे पहले बुधवार शाम को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तराखंड में मौसम एक बार फिर बिगड़ा। बरिश के साथ आंधी, तूफान आने से भारी नुकसान हआ है। दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद समेत आसपास क्षेत्रों में बारिश तेज आंधी ने भारी तबाही मचाई। सैकड़ों पेड़, खंबे और होर्डिंग गिर गए। घना अंधेरा होने से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा । हालांकि मौसम बिगड़ने से गर्मी से राहत भी मिल गई।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में भी बारिश होने से तापमान कम हो गया। वहीं दूसरी ओर खराब मौसम में दिल्ली से श्रीनगर जा रही इंडिगो एयरलाइंस की फ्लाइट ओलावृष्टि के कारण टर्बुलेंस में फंस गई। पायलट ने इमरजेंसी लैंडिंग कराई। प्लेन में सवार सभी 227 यात्री और एयर क्रू सुरक्षित हैं। विमान का ‘नोज कोन’ यानी आगे का हिस्सा टूट गया। इस वजह से विमान ने दोबारा उड़ान नहीं भरी। अभी तक ये नहीं पता चला है कि विमान के आगे का हिस्सा कैसे टूटा। इस फ्लाइट में टीएमसी तृणमूल कांग्रेस के सांसदों का एक दल भी सवार था। इनमें डेरेक ओब्रायन, नदीमुल हक, सागरिका घोष, मानस भुइयां और ममता ठाकुर शामिल हैं।
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जानकारी के मुताबिक सांसदों का यह दल दिल्ली से पुंछ जा रहा था। टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने इस खतरनाक हादसे के बारे में बताते हुए कहा कि झटकों के दौरान फ्लाइट में चिल्ला-चिल्ली मच गई थी. लोग दुआ कर रहे थे, रो रहे थे और घबराए हुए थे। उन्होंने इसे एक ‘मौत के करीब का अनुभव’ बताया। घोष ने कहा, “मैंने सोचा मेरी जिंदगी यहीं खत्म हो जाएगी। हम सब जब फ्लाइट से उतरे तो देखा कि प्लेन की नोज कोन टूट चुकी है।सागरिका घोष ने पायलट की सराहना करते हुए कहा कि जिस तरह पायलट ने स्थिति को संभाला, वह सराहनीय है। वह कहती हैं कि उस पायलट को सलाम, जिसने हमें बचाया। हम सबने उतरते ही पायलट को धन्यवाद दिया है।
कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी वजह बिजली गिरना बताई जा रही है। बता दें कि विमान में टर्बुलेंस या हलचल का मतलब होता है- हवा के उस बहाव में बाधा पहुंचना, जो विमान को उड़ने में मदद करती है। ऐसा होने पर विमान हिलने लगता है और अनियमित वर्टिकल मोशन में चला जाता है यानी अपने नियमित रास्ते से हट जाता है। इसी को टर्बुलेंस कहते हैं। कई बार टर्बुलेंस से अचानक ही विमान ऊंचाई से कुछ फीट नीचे आने लगता है।
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दिल्ली-एनसीआर में तेज आंधी में पेड़ और दीवार गिरने से 20 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश में बुधवार शाम अचानक मौसम बदला। मेरठ, आगरा समेत 12 शहरों में तेज आंधी के साथ बारिश हुई। 11 जिलों में बिजली, पेड़ और दीवार गिरने से 20 की मौत हो गई। प्रदेश के 39 जिलों में आज भी बारिश का अलर्ट है। छत्तीसगढ़ में बुधवार को बिजली गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई। बलरामपुर में पिता-पुत्र समेत 3 की जान गई । मौसम विभाग के मुताबिक आज 10 जिलों में आंधी-बारिश का ऑरेंज अलर्ट है। इधर, दिल्ली-एनसीआर में बुधवार शाम करीब 8 बजे तेज आंधी-तूफान के साथ जोरदार बारिश हुई और कुछ जगहों पर ओले भी गिरे। तेज आंधी के कारण कई जगहों पर पेड़ और बिजली के खंभे तक गिर गए, जिस वजह से रास्ते जाम हो गए। आंधी-तूफान और बारिश के बीच दो लोगों की मौत भी हो गई, जबकि कम से कम 11 लोग घायल हो गए। खराब मौसम के चलते दिल्ली मेट्रो की सेवाएं भी प्रभावित हुईं, जबकि 50 से ज्यादा फ्लाइट डिले हुई। 10 फ्लाइट को जयपुर और एक को मुंबई डायवर्ट करना पड़ा।राजस्थान के 17 जिलों में हीटवेव का अलर्ट जारी किया है। बुधवार को देश के टॉप-5 गर्म शहरों की लिस्ट में राजस्थान के 3 शहर शामिल रहे। श्रीगंगानगर 47.6 डिग्री तापमान के साथ सबसे गर्म शहर रहा। कई जिलों में अगले 2 दिन अधिकतम तापमान 48 डिग्री तक पहुंच सकता है।
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