आईपीएस केवल खुराना कैंसर से लड़ाई हार गए हैं

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आईपीएस केवल खुराना कैंसर से लड़ाई हार गए हैं

डॉ. हरीश चन्द्र अन्डोला

आईपीएस केवल खुराना कैंसर से लड़ाई हार गये हैं उनका दिल्ली के मैक्स अस्पताल में निधन हो गया। उनके पास वर्तमान में आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी थी।

आईपीएस केवल खुराना लंबे समय से कैंसर से लड़ रहे थे और वह रविवार को ज़िंदगी की जंग हार गए। उन्होंने दिल्ली के मैक्स अस्पताल में आख़िरी सांस ली। केवल खुराना वर्ष 2005 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उनकी गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती थी। वर्तमान में उनके पास आईजी ट्रेनिंग की जिम्मेदारी थी।

आईपीएस केवल खुराना वर्ष 2013 में राजधानी देहरादून के पुलिस कप्तान भी रह चुके थे। उस वक्त उन्होंने शहर की यातायात व्यवस्था के लिए बड़े फैसले लिए थे। आज भी उनके उन प्रयासों के कारण लोग खुराना को याद करते हैं।

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उन्होंने ऊधमसिंहनगर के पुलिस कप्तान के रूप में जिम्मेदारी संभाली। केवल खुराना प्रदेश के पहले यातायात निदेशक भी बने और लगभग चार सालों तक उन्होंने यह जिम्मेदारी संभाली। ट्रैफिक ऑय एप लांच कराने और यातायात सुधार के लिए उन्हें फिक्की की ओर से अवार्ड भी दिया गया था।

इसके बाद उन्हें जनरल कमांडेंट होमगार्ड बनाया गया। अपने इस कार्यकल में उन्होंने होमगार्ड के न सिर्फ कल्याण के लिए कदम उठाए बल्कि होमगार्ड को तरह तरह की आधुनिक ट्रेनिंग कराई। इनके हथियार चलाने से लेकर रेस्क्यू तक शामिल रहा।

आईजी ट्रेनिंग रहते हुए उन्होंने आईपीसी सीआरपीसी के उर्दू के शब्दों को बदलकर आम बोलचाल की भाषा हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कराया। खुराना बदायूं जिले के रहने वाले थे। उनके पिता टेंट कारोबारी होने के साथ साथ एक साहित्यकार भी हैं। साहित्य में केवल खुराना की रुचि थी। उन्होंने तुम आओगे ना नाम से एक गीत श्रृंखला लिखकर इसका ऑडियो एल्बम भी लांच कराया था।

केवल खुराना काफी समय से बीमार चल रहे थे पहले उनका इलाज देहरादून के निजी अस्पताल में चल रहा था उसके बाद उनके परिजनों ने उन्हें दिल्ली के मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनका लंबे समय से इलाज चल रहा था, लेकिन रविवार को उनका देहान्त हो गया।

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इससे पूरे पुलिस महकमे में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में किया जायेगा।

(लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय में कार्यरत हैं।)

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