पतंग महोत्सव : गुजरात में शुरू हुआ अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव, कई राज्यों से पहुंचे पतंगबाज, तीन दिन उड़ाई जाएंगी रंग-बिरंगी पतंगें
मुख्यधारा डेस्क
अब आने वाले तीन-चार दिन देश में धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। दो दिन बाद 13 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने जा रहा है। उसी दिन लोहड़ी का पर्व भी मनाया जाएगा। यह त्योहार पंजाब समेत कई राज्यों में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इसके अगले दिन 14 जनवरी को मकर संक्रांति (खिचड़ी) का पर्व देश भर में पूरे श्रद्धा के साथ मनाया जाएगा। भारत एक ऐसा देश है, जहां एक ही त्योहार को इसके हर प्रांत में अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है।
बिहार-उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और झारखंड में जहां नए साल का पहला त्योहार मकर संक्रांति कहलाता है, तो पंजाब में इसे लोहड़ी के नाम से जाना जाता है। असम में यह माघ बिहू या भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता है तो गुजरात में उत्तरायण के नाम से इस त्योहार को मनाया जाता है। मकर संक्रांति पर प्रयागराज के महाकुंभ में पहला बाद स्नान भी होने जा रहा है।
मकर संक्रांति के दिन भारत में पतंग उड़ाने की भी परंपरा रही है। गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश समेत तमाम राज्यों में लोग पतंगबाजी करते हैं। खासतौर पर गुजरात में तो पतंगबाजी को देखने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग पहुंचते हैं।
आज से गुजरात के अहमदाबाद में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की शुरुआत हो गई। सीएम भूपेंद्र पटेल ने महोत्सव की शुरुआत की। समारोह में 47 देशों के 143 पतंगबाज और देश के 11 राज्यों के 52 पतंगबाज हिस्सा लेंगे। महोत्सव का आयोजन गुजरात पर्यटन विभाग की तरफ से 11 से 14 जनवरी तक किया जाएगा।
गुजरात के लगभग हर घर में छत पर पूरा परिवार इकट्ठा होकर तिल के लड्डू, उंध्यू, मुरमुरा लड्डू आदि का स्वाद चखते हैं। गाने और डीजे के धून पर थिरकते हैं और दोस्तों के साथ मिलकर दिन में अलग-अलग आकृतियों की पतंग उड़ाते हैं और सूर्यास्त होने के बाद आसमान कंदील छोड़ते हैं, जिसके पीछे पतंग की पूंछ बनी होती है।1989 से, अहमदाबाद शहर ने उत्तरायण के आधिकारिक उत्सव के हिस्से के रूप में अंतर्राष्ट्रीय पतंग महोत्सव की मेजबानी की है, जिसमें दुनिया भर से मास्टर पतंग निर्माता और उड़ाने वाले अपनी अनूठी कृतियों का प्रदर्शन करने और बेहद अनोखी पतंगों से लोगों को मंत्रमुग्ध करने के लिए आते हैं। यहां काफी अलग-अलग चीजें देखने को मिलती हैं जैसे कि लोग एक ही डोर पर 500 तक पतंगें उड़ाते हैं जो एक क्लासिक आकर्षण बन गया है। आप पतंग फेस्टिवल को देखने और यहां भाग लेने के अलावा ये भी आप कई कल्च चीजों एंजॉय कर सकते हैं। आप यहां शॉपिंग कर सकते हैं और गुजरात में ही अलग-अलग जगहों पर जा सकते हैं। गुजरात राज्य अपने अलग-अलग प्रकार के मेलों और त्योहारों के लिए देश भर के साथ-साथ विश्व स्तर पर भी प्रसिद्ध है। गुजरात के मेले और त्यौहार यहां की स्थानीय लोक संस्कृति का प्रतिबिंब हैं, जिसमें समाज का हर वर्ग उत्साह से भाग लेता है। इसलिए, ऐसे मेले और त्योहार पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने का एक बहुत अच्छा अवसर प्रदान करते हैं।