जागरूक बच्चे, सुरक्षित परिवार (aware children, safe family) के उद्देश्य से की गई लॉन्चिंग
शिक्षा विभाग के सहयोग से चलाया जाएगा एलपीजी सुरक्षा जागरूकता अभियान
देहरादून/मुख्यधारा
शिक्षा विभाग के सहयोग से भारत पेट्रोलियम एलपीजी सुरक्षा जागरूकता अभियान की लॉन्चिंग शुक्रवार को सुद्धोवाला स्थित एक होटल में की गई। इस मौके पर जागरूक बच्चे, सुरक्षित परिवार का नारा दिया गया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि ये एक बहुत अच्छा प्रयास है।
एलपीजी सुरक्षा जागरूकता संदेश फैलाने और एलपीजी से जुड़े खतरों के बारे में आम जनता को जागरूक करने के लिए, उत्तराखंड सरकार के शिक्षा विभाग के माध्यम से युवा दिमाग यानी उत्तराखंड के स्कूलों के छात्रों के साथ हाथ मिलाने का ये प्रस्ताव एक नया रंग लाएगा।
इस दौरान हेड एलपीजी नॉर्थ रंजन नायर ने कहा कि एलपीजी अत्यधिक ज्वलनशील पेट्रोलियम उत्पाद है।
उत्पाद से जुड़े खतरे का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल कई दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें जान-माल का नुकसान होता है। हमारा प्रयास उपयोग के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करके सभी को खाना पकाने की सुविधा प्रदान करना है। बच्चे देश का भविष्य हैं और उनमें अपने माता-पिता को प्रभावित करने की क्षमता होती है। यही वजह है कि इस कार्यक्रम को बच्चों के लिए विशेष तौर लांच किया गया है।
इस मौके पर डायरेक्टर माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी ने कहा कि स्कूलों के माध्यम से बच्चों को ये शिक्षा मिल सकेगी तो निश्चित तौर पर ये उनके रोजमर्रा के जीवन के लिए भी उपयोगी होगी।
स्टेट हेड पीयूष गुप्ता ने कहा कि हमें यकीन है कि उत्तराखंड राज्य में एलपीजी सुरक्षा जागरूकता अभियान-जागरूक बच्चे सुरक्षित परिवार पर स्कूल शिक्षा विभाग और बीपीसीएल के बीच यह सहयोग लंबे समय तक चलेगा और देश के अन्य राज्यों के लिए पथ प्रदर्शक बनेगा । एलपीजी रुड़की के टेरीटर मैनेजर सुरेंद्र डोगरा ने कहा कि इस मुहिम का उद्देश्य एलपीजी से जुड़े खतरों से लोगों को बचाना है। इसी उद्देश्य से छात्रों को इस ओर शिक्षा देकर जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर इस मौके पर मैनेजर सेल्स गढ़वाल रीजन शशिकांत भगत ने बताया कि इसको लेकर क्विज भी आयोजित की जा रही है। जिनके सवालों के जवाब ऑनलाइन देने होंगे। विनर्स को यहां आकर्षक उपहार भी दिए जाएंगे। कार्यक्रम में सुदीप्तो मजूमदार, अजय कुमार गुप्ता, विवेक मुखिया, मुकेश आदि उपस्थित थे।
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