केदारनाथ के मुख्य रावल भीमाशंकर लिंग ने दी अनशन की चेतावनी। ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ताम्रपत्र प्रकरण से उबाल
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी स्थल ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर मे विगत दो माह पूर्व ठोके गये कथित ताम्रपत्रों के मामले मे मंदिर के दक्षिण भारतीय मूल के मुख्य रावल श्री श्री 1008 भीमाशंकर लिंग के खुलकर सामने आने के बाद से ताम्रपत्र प्रकरण गर्माने लगा है। पिछले दो माह से दबे इस गम्भीर प्रकरण पर चुप्पी साधे जिला प्रशासन अब जाकर हरकत मे आया है।
दरअसल बीते 29 अक्टूबर को केदारनाथ कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी मूर्ति चल विग्रह डोली मे अपनी शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ के लिए प्रस्थान कर गयी थी और आज 31 अक्टूबर को अपने कई पड़ावों से होते हुए डोली को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ मे पहुंचना है लेकिन कल 30 अक्टूबर को मंदिर के रावल भीमाशंकर लिंग ने यह कहकर चौंका दिया कि जब तक मंदिर मे ठोके गये सभी 19 ताम्रपात्र को हटाकर मंदिर का शुद्दीकरण नहीं किया जाता है तब तक श्रीकेदार की डोली ओंकारेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से भीतर प्रवेश नहीं करेगी।
यह बयान सुनते ही जिला प्रशासन मे हडकंप मच गया। आनन फानन मे पूरे प्रकरण पर मजिस्ट्रैड जांच के आदेश दिये गये। प्रशासन द्वारा सभी ठोके गये 19 ताम्रपात्रों को हटाकर सील किया गया।
आज सुबह पूरे मंदिर परिसर का शुद्दीकरण किया गया तो अब जाकर मुख्य रावल ने डोली के प्रवेश पर हामी भर दी व साथ ही उन्होने प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि आज सभी दोषियों की गिरफ्तारी नहीं हुयी तो कल से वह आमरण अनशन करेंगें। उन्होने कहा कि धर्म की रक्षा मे यदि उनके प्राण भी चले जायें तो वह पीछे नहीं हटेंगे। उनके इस बयान के बाद जिला प्रशासन हरकत मे आ़या और पूरे मामले की गहनता से जांच की जा रही है।
डीएम मंगेश घिल्डियाल ने कहा है कि जांच जारी है शीघ्र मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
आपको बता दें कि केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ मे बीते 3 सितंबर को अचानक से 19 जगह पर लोहे की कील से ठोके और हिन्दी भाषा मे लिखे ताम्रपत्र दिखाई दिये जिन पर मठ के मठाधीश के हक हकूक से जुड़ी बातें लिखी थी। इन ताम्रपत्रों को सदियों से आजतक किसी ने नहीं देखा था। ऊषामठ पर मठाधीश बनने की साजिश को समझते हुए मंदिर समिति ने 6 सितंबर को ऊखीमठ थाने मे चार व्यक्तियों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करवायी थी मगर लगभग दो माह बाद भी मामले का खुलासा नहीं हुआ।
अब अचानक से इस मामले मे केदार नाथ के मुख्य रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा 1 नवंबर से अनशन की चेतावनी देने के बाद से मामला गर्माया गया है क्योंकि अभी यह मामला गढ़वाल तक ही सीमित है। अगर आज दोषियों पर कार्यवाही नहीं होती है और कल से भीमाशंकर लिंग अनशन पर बैठते हैं तो यह राष्ट्रीय स्तर की खबर बन जायेगी जिसके बाद रूद्रप्रयाग जिला प्रशासन की दिक्कतें बढना तय है।