government_banner_ad उत्तराखंड: भर्ती परीक्षाओं में नकल विरोधी अध्यादेश 2023 को राजभवन से मिली मंजूरी, नकलचियों पर ऐसे लगेगी लगाम (Anti-copying ordinance 2023) - Mukhyadhara

उत्तराखंड: भर्ती परीक्षाओं में नकल विरोधी अध्यादेश 2023 को राजभवन से मिली मंजूरी, नकलचियों पर ऐसे लगेगी लगाम (Anti-copying ordinance 2023)

admin
FB IMG 1675967877482
उत्तराखंड: भर्ती परीक्षाओं में नकल रोकने वाले अध्यादेश 2023 को राजभवन से मिली मंजूरी, नकलचियों पर ऐसे लगेगी लगाम (Anti-copying ordinance 2023)
  • नकल में लिप्त होने वालों पर आजीवन कारावास तथा दस करोड़ के जुर्माने का प्रावधान
देहरादून/मुख्यधारा
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मंजूरी दे दी है।  इसके साथ ही ये अध्यादेश प्रदेश में लागू हो गया है।
उत्तराखण्ड प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं में पारदर्शिता एवं शुचिता को सुनिश्चित करने के लिए  दिनांक 09 फरवरी, 2023 को उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अध्यादेश 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा अनुमोदन प्रदान करते हुए माननीय राज्यपाल की मंजूरी के लिए अग्रसारित किया था।  इस अध्यादेश में दोषियों के विरूद्ध सख्त प्रावधान किए गए हैं।
यदि कोई व्यक्ति, प्रिटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता संस्था, प्रबंध तंत्र, कोचिंग संस्थान इत्यादि अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए आजीवन कारावास तक की सजा तथा दस करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई व्यक्ति संगठित रूप से परीक्षा कराने वाली संस्था के साथ षडयंत्र करता है तो आजीवन कारावास तक की सजा एवं 10 करोड़ रूपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी प्रतियोगी परीक्षा में स्वयं नकल करते हुए या अन्य परीक्षार्थी को नकल कराते हुए अनुचित साधनों में लिप्त पाया जाता है तो उसके लिए तीन वर्ष के कारावास व न्यूनतम पांच लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। यदि वह परीक्षार्थी दोबारा अन्य प्रतियोगी परीक्षा में पुनः दोषी पाया जाता है तो न्यूनतम दस वर्ष के कारावास तथा न्यूनतम 10 लाख जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
यदि कोई परीक्षार्थी नकल करते हुए पाया जाता है तो आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए डिबार करने तथा दोषसिद्ध ठहराए जाने की दशा में दस वर्ष के लिए समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है। यदि कोई परीक्षार्थी दोबारा नकल करते हुए पाया जाता है तो क्रमशः पांच से दस वर्ष के लिए तथा आजीवन समस्त प्रतियोगी परीक्षाओं से डिबार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
अनुचित साधनों के इस्तेमाल से अर्जित सम्पति की कुर्की की जायेगी। इस अधिनियम के अन्तर्गत अपराध संज्ञेय, गैर जमानती एवं अशमनीय होगा।
Next Post

हादसा (Asharodi accident): देहरादून लौट रही दूल्हा-दुल्हन की कार ने बाइक सवार को मारी जबरदस्त टक्कर, मां-बेटे की दर्दनाक मौत, एक जख्मी

हादसा (Asharodi accident): दूल्हा-दुल्हन की कार ने बाइक सवार को मारी जबरदस्त टक्कर, मां-बेटे की दर्दनाक मौत, एक जख्मी देहरादून/मुख्यधारा शादी के बंधन में बंधने के बाद देहरादून अपने घर लौट रहे दूल्हा-दुल्हन की कार ने एक बाइक सवार मां-बेटे […]
Asharodi Accident

यह भी पढ़े