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एस.जी.आर.आर.यू. में उत्साह से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

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  • एस.जी.आर.आर.यू. में उत्साह से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
  • मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान संकाय की पहल पर किया गया आयोजन

देहरादून/मुख्यधारा

श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय (एस.जी.आर.आर.यू) में सामाजिक एंव मानविकी विज्ञान संकाय द्वारा 21 फरवरी को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। हिन्दी विभाग द्वारा अतंराष्ट्रीय मातृभाषा के उपलक्ष्य पर भाषाः विचारों का वाहक, भाषा और संस्कृति अटूट संबध, भाषा और बहुभाषावादःवैश्विक परिप्रेक्ष्य, भाषा और विविधताः एकता में अनेकता, विषयों पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

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कार्यक्रम की शुरुआत सामाजिक एवं मानविकी विज्ञान संकाय की डीन प्रो. प्रीती तिवारी ने की। उन्होंने मातृभाषा के महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह प्रतियोगिता विद्यार्थियों के लिए एक उत्कृष्ट मंच है जहाँ वे अपनी प्रतिभा और रचनात्मकता का प्रदर्शन कर सकते हैं।

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इस तरह की प्रतियोगिताओं का आयोजन विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है। प्रतियोगिता में सभी विभागों के विद्यार्थियों द्वारा उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया गया। प्रतियोगिता में पूनम ने प्रथम, पूर्णिमा ने द्वितीय और शेफाली ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

उन्होंने छात्रों को जानकारी देते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का उद्देश्य भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को बढ़ावा देना तथा मातृभाषा के महत्व को उजागर करना है। यूनेस्को ने 1999 में इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मान्यता दी। यह दिवस हमें अपनी भाषा और संस्कृति के संरक्षण के प्रति जागरूक करता है।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रोफेसर गीता रावत ने कहा कि इस प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जिस उत्साह और लगन के साथ भाग लिया है वह सराहनीय है। यह अनुभव उनके भविष्य में भी काम आएगा।

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कार्यक्रम की समन्वयक हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ कल्पना थपलियाल व अंजलि डबराल रहीं। इस अवसर पर उपस्थित शिक्षकों ने भी अपने विचार साझा करते हुए बताया कि मातृभाषा न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत है, बल्कि शिक्षा और अभिव्यक्ति का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी है।

इस मौके पर सामाजिक एवं मानविकी विज्ञान संकाय के सभी विभागों के विभागाध्यक्ष समेत सभी शिक्षकगण व छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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