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सफलता: अलकेश की असाधारण प्रतिभा ने छुआ आसमान, बिना कोचिंग के पहले प्रयास में पीसीएस अधिकारी बन युवाओं में जगाई अलख

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सफलता: अलकेश की असाधारण प्रतिभा ने छुआ आसमान, बिना कोचिंग के पहले प्रयास में पीसीएस अधिकारी बन युवाओं में जगाई अलख

नीरज उत्तराखंडी/पुरोला

व्यक्ति के पास यदि दृढ़ इच्छाशक्ति का तूफान और मेहनत व लगन रूपी पतवार हो, तो वह न केवल बड़ी से बड़ी मुश्किलों का सहजता से सामना करता है वल्कि जीवन में सफलता अर्जित कर प्रेरणा की अलख भी जगाता है।ऐसा ही कर दिखाया होनहार युवा अलकेश ने जो युवाओं के लिए एक प्रेरणा की मशाल बन गए।

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अलकेश ने बिना किसी कोचिंग के पहले ही प्रयास में पीसीएस परीक्षा में सफलता हासिल कर उप जिला अधिकारी बनें। जो युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत है।

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जनपद उत्तरकाशी के विकासखंड पुरोला के पुजेली कुमोला निवासी अलकेश नौडियाल ने अपनी असाधारण प्रतिभा के बूते बिना कोचिंग के पहले ही प्रयास में पीसीएस अधिकारी बन युवाओं में अलख जगाई है।

अलकेश नौडियाल के पिता चन्द्र मोहन नौडियाल शिक्षक व सुलोचना नौडियाल, सामाजिक कार्यकर्ता हैं।

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अलकेश नौडियाल की बेसिक शिक्षा हिमगिरी शिक्षा निकेतन पुरोला से हाई स्कूल -विद्या मंदिर पुरोला, माध्यमिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज हुड़ोली और
स्नातक की शिक्षा पंत नगर टेक्निकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियर में हुई।

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यह भी बताते चलें कि 6 माह पहले लोअर पीसीएस में 5वीं रैंक लेकर नायब तहसीलदार बनें लेकिन संतुष्ट नहीं हुए और सफलता का सफर जारी रखा और अब अपर पीसीएस में 6वीं रैंक हासिल कर डिप्टी कलेक्टर पद हेतु चयन हुए।

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अलकेश ने उप जिला अधिकारी बन युवाओं के मन में मेहनत से सफलता अर्जित करने की अलख जगा दी। पिता चन्द्र मोहन नौडियाल ने बताया कि 1 वर्ष ऑल इंडिया इंजीनियरिंग सर्विस के लिए दिल्ली में कोचिंग की परंतु उसमें सिलेक्शन नहीं हुआ।

कोरोना काल में घर आने के बाद सिविल सर्विस की तैयारी की इसी बीच 2021 में लोअर पीसीएस और अपर पीसीएस की विज्ञप्ति उत्तराखंड में निकली और इन दोनों में अप्लाई किया इसके साथ समीक्षा अधिकारी के लिए भी अप्लाई किया तीनों परीक्षा के प्रीलिम निकले लेकिन लोअर पीसीएस और अपर पीसीएस के मैंनस में सैलेक्शन के बाद समीक्षा अधिकारी की आगे की परीक्षा नहीं दी। अपने पहले ही प्रयास में लोअर पीस और अपर पीस में सफलता प्राप्त की।

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अलकेश के पिता शिक्षक चन्द्र मोहन नौडियाल बतातें हैं कि अलकेश ने इंटर के बाद 1 साल कोटा में रहकर इंजीनियरिंग के लिए कोचिंग भी ली परंतु सिविल सर्विस के लिए कोई कोचिंग नहीं ली और ना कभी कोई माक इंटरव्यू दिया घर पर रहकर के सेल्फ स्टडी की 1 वर्ष लाइब्रेरी में जाकर के पढ़ाई की।

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इंजीनियरिंग में इसका एनआईटी में भी हो गया था परंतु समय से रिपोर्टिंग न करने के बाद एनआईटी में सिलेक्शन छूट गया और इसलिए पंतनगर टेक्निकल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में इंजीनियरिंग की।

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