बजट 2025 : केंद्र सरकार ने बजट में मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी छूट के साथ किसान-महिला और यूथ पर विशेष फोकस रखा, जानिए बजट कैसा रहा
नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा
मुख्यधारा डेस्क
केंद्र सरकार ने इस बार मध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया। इस बजट में सबसे बड़ा एलान टैक्स में छूट देना रहा। आज पूरे देश भर में केंद्र सरकार की आयकर में दी गई छूट ट्रेंड हो रही है। नौकरीपेशा से जुड़े लोग गुणा-भाग लगाने में जुटे हुए हैं कि उनकी कितनी बचत होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार को यूनियन बजट पेश कर दिया। बजट में वित्त मंत्री ने कई बड़े एलान किए हैं। बजट 10 थीम पर है। इसमें किसान, यूथ, महिला पर खास फोकस है। कृषि सेक्टर के लिए वित्त मंत्री ने पीएम धन धान्य स्कीम का एलान किया। दलहन पर आत्मनिर्भरता के लिए स्पेशल प्लान बताया। वित्त मंत्री ने कहा कि अगले हफ्ते नया इनकम टैक्स बिल लाया जाएगा।
यह मोदी सरकार 3.0 का दूसरा पूर्ण बजट है। इससे पहले लोकसभा चुनाव 2024 के बाद सरकार ने 23 जुलाई 2024 को पहला बजट पेश किया था। सीतारमण का यह लगातार 8वां बजट है। केंद्र सरकार ने बजट 2025 में मिडल क्लास के लिए सौगातों की बौछार कर दी है। उनकी कई मुरादें पूरी कर दी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12.75 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स फ्री कर दी है। हालांकि यह फायदा सिर्फ उन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो नई टैक्स व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करेंगे। पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर अभी भी आपकी 2.5 लाख रुपए तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी। हालांकि इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87ए के तहत आपको 5 लाख तक की इनकम पर जीरो टैक्स देना होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स स्लैब में बदलाव किया है। अब सैलरी पाने वाले शख्स को 4 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं, 4 लाख से 8 लाख रुपये तक की आय वालों को 5 फीसदी टैक्स देना होगा। 8 लाख से 12 लाख रुपये पर यह दर 10 फीसदी हो जाएगी। 12 लाख से 16 लाख रुपये, 16 लाख से 20 लाख रुपये और 20 लाख से 24 लाख रुपये की आय पर टैक्स रेट क्रमशः 15 फीसदी, 20 फीसदी और 25 फीसदी है। पहले न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये तक की सालाना कमाई पर शून्य टैक्स लगता था। अब सरकार ने इस लिमिट को बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया है।
वहीं 5 फीसदी टैक्स स्लैब अब 4 से 8 लाख रुपये पर है। यह पहले 3 से 7 लाख रुपये था। वहीं, 7 से 10 लाख रुपये के टैक्स स्लैब पर 10 फीसदी टैक्स था। इसे अब रिवाइज्ड करके 8 से 12 लाख रुपये कर दिया गया है। 12 से 15 लाख रुपये के स्लैब में पहले 15 फीसदी टैक्स था। इससे बदलकर 12 से 16 लाख रुपये कर दिया गया है।15 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब को अब टुकड़ों में बांट दिया गया है। 16 से 20 लाख रुपये के ब्रैकेट पर अब 20 फीसदी, 20 से 24 लाख रुपये पर 25 फीसदी और 24 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा।
सरकार ने बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लीमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक करने का एलान किया है। देशभर के 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
केंद्र सरकार ने यूरिया उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने की योजना बनाई है। सरकार तीन यूरिया संयंत्रों को दोबारा शुरू करेगी। इसके अलावा असम में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाला एक यूरिया प्लांट की स्थापना करेगी। इससे किसानों को यूरिया की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा। वहीं यूरिया का आयात घटाने में भी मदद मिलेगी।सरकार ने 10 लाख तक के शिक्षा ऋण पर से टीसीएस को हटा दिया है। इसके अलावा किराये पर वार्षिक टीडीएस सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये करने का एलान किया है। वहीं सीनियर सिटीजन के लिए कर कटौती की सीमा 1 लाख रुपये कर दी गई। पहले यह सीमा 50 हजार रुपये की थी। बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने हमेशा से मध्यम वर्ग की मेहनत और उनकी भूमिका पर भरोसा जताया है। इसी भरोसे को आगे बढ़ाते हुए बजट 2025-26 में नई कर व्यवस्था के तहत टैक्स दरों में बदलाव का प्रस्ताव किया गया है।
नई व्यवस्था में 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं देना होगा, बशर्ते इसमें विशिष्ट आय जैसे पूंजीगत लाभ शामिल न हो। यानी, जिनकी मासिक आय 1 लाख रुपये तक है, वे पूरी तरह टैक्स फ्री होंगे। वेतनभोगी करदाताओं के लिए यह सीमा 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन के कारण बढ़कर 12.75 लाख रुपये होगी। इसका सीधा फायदा यह होगा कि मध्यम वर्ग को ज्यादा बचत का मौका मिलेगा और वे इसे खर्च या निवेश में लगा सकेंगे। इस प्रस्ताव के कारण सरकार को 1 लाख करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष कर राजस्व का नुकसान होगा। लेकिन इसका उद्देश्य मध्यम वर्ग को राहत देना और देश में खपत व निवेश को बढ़ावा देना है। उन्होंने आगे कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने लोगों की जरूरतों को समझते हुए कई कदम उठाए हैं। इनमें व्यक्तिगत आयकर में सुधार, टीडीएस/टीसीएस को आसान बनाना, अनुपालनों का बोझ कम करना, और निवेश व रोजगार बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
सीतारमण ने कहा कि इन सुधारों से न केवल मध्यम वर्ग की बचत बढ़ेगी, बल्कि देश में निवेश और रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। बजट पेश करने के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, अगर आप आज जो हमने किया है उसकी तुलना 2014 में कांग्रेस सरकार के तहत किए गए उपायों से करें, तो टैक्स दरों में बदलाव का फायदा 24 लाख रुपये सालाना कमाने वालों को भी हुआ है। अब उनके पास पुरानी प्रणाली की तुलना में 2.6 लाख रुपये अधिक हैं। इसलिए, केवल 12 लाख रुपये तक की आय वालों को ही नहीं, बल्कि 24 लाख रुपये तक की आय वालों को भी इसका लाभ मिल रहा है, क्योंकि टैक्स छूट के कारण उन्हें भी कम टैक्स देना पड़ रहा है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, पूंजीगत व्यय पर सार्वजनिक खर्च में कोई कमी नहीं की गई है। हम उस मल्टीप्लायर इफेक्ट पर जोर देना जारी रख रहे हैं, जिसे सरकार द्वारा किए गए पूंजीगत व्यय ने साबित किया है और जिसने हमें मजबूती दी है। हम इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं और इसके साथ ही हमारी राजकोषीय समझदारी भी बनी हुई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “सरकार ने बजट में आयकर दरों में बदलाव के माध्यम से लोगों की जेबों में धन पहुंचाया है। टैक्स छूट सात लाख रुपये से बढ़ाकर 12 लाख किये जाने से एक करोड़ लोगों को टैक्स नहीं देना होगा।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आर्थिक संकट को हल करने के लिए बड़े बदलाव की जरूरत बतायी और इसी संदर्भ में शनिवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट को गोली के घाव पर केवल मरहम पट्टी करार दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि सरकार विचारों के संदर्भ में दिवालिया हो चुकी है। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, गोली लगने के घाव के लिए एक मरहम पट्टी। उन्होंने आरोप लगाया कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच, हमारे आर्थिक संकट को हल करने के लिए एक आदर्श बदलाव की आवश्यकता है, लेकिन यह सरकार विचारों को लेकर दिवालिया है। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, ऐसा दिखता है कि वोकल को राहत मिली है लेकिन लोकल को क्या मिला? किसानों को क्या मिला? एमएसपी के बारे में कोई जिक्र नहीं हुआ, कर्जा माफी की बात नहीं हुई। फसल बीमा योजना में जो सुधार लाने थे उसकी कोई घोषणा नहीं हुई। किसान संगठनों की मांग को नजरंदाज किया गया। मनरेगा के आवंटन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।
मोदी सरकार ने बजट में नई योजनाओं के साथ किसानों और महिलाओं पर फोकस रखा
बजट 2025 में मोदी सरकार ने कई नई योजनाओं की घोषणा की है। मोदी सरकार की ओर घोषित की गईं साल 2025 की नई योजनाओं को मुख्य फोकस किसान और महिला हैं। राज्यों के हिसाब से देखें तो बजट 2025-26 में सबसे ज्यादा फायदा बिहार को हुआ है। बिहार के लिए कई घोषणाएं की गईं हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो “प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना” की घोषणा की, वह एक महत्वपूर्ण कदम है जो भारतीय कृषि क्षेत्र में सुधार और किसानों की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए उठाया गया है। इस योजना का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में कम पैदावार, आधुनिक कृषि पद्धतियों की कमी और औसत से कम ऋण उपलब्धता वाले जिलों को प्राथमिकता देना है।कम पैदावार और आधुनिक कृषि पद्धतियों के लिए फोकस: इस योजना के तहत 100 जिलों को शामिल किया जाएगा, जहां कम पैदावार, आधुनिक कृषि पद्धतियों की कमी, और कम ऋण मानदंडों की स्थिति है।
लाभार्थी किसान: योजना का फायदा 1.7 करोड़ किसानों को मिलने का अनुमान है, जो भारतीय कृषि क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन ला सकता है। युवाओं, महिलाओं और किसानों का समर्थन: सीतारमण ने कहा कि सरकार ग्रामीण समृद्धि के लिए विशेष योजनाएं शुरू करेगी, जिससे युवा, महिलाएं और किसान लाभान्वित होंगे।
दालों में आत्मनिर्भरता: दालों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के लिए एक छह साल का कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। विशेष रूप से तुअर, उड़द और मसूर दालों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। फल और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा: सब्जियों और फलों के उत्पादन में वृद्धि करने और किसानों को लाभकारी मूल्य उपलब्ध कराने के लिए एक व्यापक कार्यक्रम का आगाज किया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार पहली बार उद्यम शुरू करने वाली पांच लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के उद्यमियों के लिए दो करोड़ रुपये का ऋण शुरू करेगी।
वित्त मंत्री ने 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते हुए यह भी कहा कि एसएमई और बड़े उद्योगों के लिए एक विनिर्माण मिशन स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा सरकार श्रम-प्रधान क्षेत्रों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए सुविधाजनक उपाय करेगी।
उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी ‘कवर’ को दोगुना करके 20 करोड़ रुपये किया जाएगा तथा गारंटी शुल्क को घटाकर एक प्रतिशत किया जाएगा।इसके अलावा बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की क सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम (एमएसएमई) के लिए क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया गया। सभी एमएसएमई के वर्गीकरण के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 और 2 गुना बढ़ाया जाएगा। साथ ही कहा कि सरकार पंजीकृत सूक्ष्म उद्यमों के लिए 5 लाख रुपये की सीमा वाले कस्टमाइज्ड क्रेडिट कार्ड पेश करेगी।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि 2047 तक 100 गीगावाट की न्यूक्लिर एनर्जी क्षमता विकसित करने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्मॉल मॉड्यूरल रिएक्टर्स के रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए न्यूक्लिर एनर्जी मिशन की स्थापना की जाएगी। 2033 तक पांच छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर चालू हो जाएंगे। बजट में वित्त मंत्री द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है। इससे किसानों को सस्ता लोन पाने में मदद मिलेगी।