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UCC कानून : उत्तराखंड ने रचा इतिहास, विधानसभा से समान नागरिक संहिता विधेयक पारित, देश में बना पहला राज्य

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UCC कानून : उत्तराखंड ने रचा इतिहास, विधानसभा से समान नागरिक संहिता विधेयक पारित, देश में बना पहला राज्य

देहरादून/मुख्यधारा

उत्तराखंड ने आज 7 फरवरी साल 2024 को इतिहास रच दिया है। बुधवार को विशेष सत्र के तीसरे दिन शाम करीब 6 बजे विधानसभा में चर्चा के बाद समान नागरिक संहिता (UCC) का बिल पास हो गया।

एक दिन पहले मंगलवार को इस बिल को विधानसभा में पेश किया गया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा पेश किया गया समान नागरिक संहिता उत्तराखंड 2024 विधेयक सदन में पारित हो गया।

सदन में भाजपा के सभी विधायकों ने ध्वनि मत से यूसीसी (UCC) का विधेयक पारित किया, 80 प्रतिशत सहमति के साथ यह प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। सभी सदस्यों ने फिर सदन में जय श्रीराम के जयकारे लगाए।

शाम को देहरादून में स्थित विधानसभा के बाहर सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुष खड़े हुए थे जैसे ही उन्हें पता चला कि सदन में समान नागरिक संहिता विधेयक पारित हो गया है, खुशी से झूम उठे। ढोल नगाड़ों की आवाज भी सुनाई दी।

विधानसभा में यूसीसी (UCC) बिल पास होने के बाद उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यूसीसी बिल पास होने के बाद अब इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। राज्यपाल के दस्तखत होते ही ये कानून बन जाएगा। इससे राज्य के सभी लोगों पर समान कानून लागू हो जाएंगे। हालांकि, अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोगों पर इसके प्रावधान लागू नहीं होंगे।

उत्तराखंड विधानसभा के विशेष सत्र के तीसरे दिन यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पर विस्तार से चर्चा हुई। तीसरे दिन विपक्षी विधायकों ने यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल के प्रावधानों पर जमकर हंगामा किया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही दोपहर 3 बजे तक स्थगित की गई। उसके बाद सदन की कार्यवाही फिर से शुरू हुई।

ध्वनि मत से प्रस्ताव पारित होने से पहले सदन में बिल पर बोलते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने जो सपना देखा था, वह जमीन पर उतरकर हकीकत बनने जा रहा है। हम इतिहास रचने जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों को भी उसी दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। सीएम धामी ने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल को विस्तार से बनाया गया है। इसमें कई लोगों के सुझाव लिए गए हैं। उन्होंने बताया माणा गांव से इसकी शुरुआत हुई थी। इसमें तमाम राजनैतिक दलों को भी शामिल किया गया।

यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल उत्तराखंड के जन गण मन की बात है। सीएम धामी ने कहा ये कानून सबको एक रुपता में लाने का काम करता है। सीएम धामी ने कहा उत्तराखंड का धरती आज आदर्श स्थापित करने जा रही है।

उन्होंने कहा हम समरस समाज का निर्माण करने की ओर बढ़ रहे हैं। पुष्कर सिंह धामी ने कहा हम सभी को एक होकर विरोध के विपक्ष में खड़ा होना चाहिए। जिससे विकास की नई गाथा लिखी जाएगी। उन्होंने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल में इसी को लेकर प्रावधान किए गए हैं।

सीएम धामी ने कहा हमने जो संकल्प लिया था आज वो सिद्धी तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा भारत का संविधान हमें लैंगिक समानता और धर्मनिपेक्षता की सीख देता है। यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल इसी दिशा में उठाया गया कदम हैं।

सीएम धामी ने कहा जिस प्रकार से इस देवभूमि से निकलने वाली मां गंगा अपने किनारे बसे सभी प्राणियों को बिना भेदभाव के अभिसिंचित करती है, इस सदन से निकलने वाली समान अधिकारों की ये गंगा हमारे सभी नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों को सुनिश्चित करेगी।

उन्होंने कहाजब हम समान मन की बात करते हैं तो उसका यह अर्थ कदापि नहीं है कि हम सभी के कार्यों में एकरूपता हो बल्कि इसका अर्थ यह है कि हम सभी समान विचार और व्यवहार द्वारा विधि सम्मत कार्य करें।

सीएम धामी ने कहा हम हमेशा से कहते आएं हैं कि अनेकता में एकता, यही भारत की विशेषता, यह बिल उसी एकता की बात करता है, जिस एकता का नारा हम वर्षों से लगाते आएं हैं।

वहीं यूसीसी विधेयक विधानसभा से पारित होने के बाद सीएम धामी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा 12 फरवरी 2022 को लिया संकल्प आज पूरा हुआ है। इस विधेयक की मांग पूरे देश को थी, जिसे आज देवभूमि में पारित किया गया। ⁠लोग अलग-अलग बातें कर रहे थे, लेकिन आज चर्चा के दौरान स्पष्ट हो गया कि यह कानून किसी के खिलाफ नहीं। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि आज का ये दिन उत्तराखंड के लिए बहुत विशेष दिन है।

आज देवभूमि की विधानसभा में ये विशेष विधेयक, जिसकी देश में लंबे समय से मांग उठती रही, उसकी शुरूआत हुई है और विधानसभा में इसे पारित किया गया है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी धन्यवाद करना चाहता हूं कि उनकी प्रेरणा से और उनके मार्गदर्शन में हमें ये विधेयक उत्तराखंड की विधानसभा में पारित करने का अवसर मिला।

विधेयक में प्रावधान के मुताबिक, बेटा और बेटी को संपत्ति में समान अधिकार देने और लिव इन रिलेशनशिप में पैदा होने वाली संतान को भी संपत्ति का हकदार माना गया है। अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों पर यूसीसी लागू नहीं होगा। सदन में विधेयक पेश करने के बाद सीएम ने कहा कि यूसीसी में विवाह की धार्मिक मान्यताओं, रीति-रिवाज, खान-पान, पूजा-इबादत, वेश-भूषा पर कोई असर नहीं होगा।

गौरतलब है कि सीएम पुष्कर सिंह धामी ने साल 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव दृष्टिपत्र जारी होने के बाद राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की थी। उन्होंने भाजपा के सत्ता में वापसी करने के बाद सबसे पहले समान नागरिक संहिता के मामले में निर्णय लेने का एलान भी किया था।

सत्ता में आने के बाद पहली ही कैबिनेट में धामी सरकार ने समान नागरिक संहिता के लिए एक विशेषज्ञ समिति बनाने का फैसला किया था। आज उस ऐतिहासिक क्षण का सबको बेसब्री से इंतजार है। जब सदन में यूसीसी बिल पास होगा।

बता दें कि इस समिति ने ढाई लाख से ज्यादा सुझावों के बाद यूसीसी (UCC) का ड्राफ्ट तैयार किया था। उत्तराखंड पहला ऐसा राज्य होगा, जहां समान नागरिक संहिता का कानून लागू होने जा रहा है। इससे पहले गोवा में समान नागरिक संहिता लागू है, लेकिन वहां पुर्तगाल के शासन काल से ही ये लागू है।

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