दुःखद: अश्रुओं के सैलाब के बीच पंचतत्व में विलीन हुई उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) - Mukhyadhara

दुःखद: अश्रुओं के सैलाब के बीच पंचतत्व में विलीन हुई उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari)

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श्रीनगर/मुख्यधारा

हजारों लोगों के नम आंखों के बीच आखिरकार आज शाम को श्रीनगर के एनआईटी घाट पर उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी(Ankita Bhandari) पंचतत्व में विलीन हो गई है। अंकिता के भाई ने उसे मुखाग्नि दी।

इससे पहले आज सुबह अंकिता(Ankita Bhandari) का अंतिम संस्कार किया जाना था, किंतु परिजन और हजारों की संख्या में उमड़े आक्रोशित लोगों के भारी विरोध के कारण उसका अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। दिनभर मौके पर हजारों की संख्या में मौजूद लोग विरोध दर्ज कर रहे थे।

आज देर शाम किसी तरह अंकिता के पिता को समझाया गया। इसके बाद उन्होंने लोगों से अपील की, तब जाकर अंकिता के शव को अंतिम संस्कार के लिए एनआईटी घाट पर ले जाया गया।

हालांकि इस दौरान पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। जैसे ही अंकिता के सब को ले जाने के लिए एंबुलेंस पहुंची, गुस्साए लोग मोर्चरी के गेट पर खड़े हो गए। वहां मौजूद लोग दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और लोगों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। बड़ी मशक्कत के बाद पुलिस अंकिता की शव को वहां से निकाल पाई।

इस दौरान अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों लोगों की आंखों से अश्रु धाराएं निकल रही थी। गमगीन माहौल के बीच अंकिता भंडारी पंचतत्व में विलीन हो गई।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जताई शोक संवेदनाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज अंकिता भंडारी के पिताजी से दूरभाष के माध्यम से बात करते हुए अपनी शोक संवेदनाएं प्रकट की। साथ ही उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार इस जघन्य अपराध की त्वरित एवम् निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई करेगी, जो इस प्रकार के घृणित कार्य को करने वाले अपराधियों के लिए एक नजीर साबित होगी।

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प्रकरण की तेजी से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन

मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि इस प्रकरण की तेजी से जांच करने के लिए एसआईटी का गठन किया जा चुका है तथा इस मामले में संलिप्त दोषी लोगों को शीघ्रता से सजा मिले, इसके लिए उन्होंने फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से मुकदमे की पैरवी करने की सिफारिश भी की।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री धामी द्वारा अभिभावकों और पारिवारिकजनों को हरसंभव मदद देने का पूर्ण आश्वासन भी दिया।
इस दौरान श्रीनगर में मृतक कु. अंकिता के अंतिम संस्कार में आयुक्त गढ़वाल मंडल सुशील कुमार, पुलिस उपमहानिरीक्षक केे. एस. नगन्याल, जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान तथा प्रशासन के अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशवंत सिंह चौहान ने मृतक के माता-पिता, भाई, पारिवारिक रिलेटिव को सांत्वना देते हुए शासन- प्रशासन की तरफ से हरसंभव सहयोग देने का आश्वासन दिया तथा जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पारिवारिक सदस्यों और उपस्थित आम जनमानस द्वारा कु. अंकिता के अंतिम संस्कार में किए गए सहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
इस दौरान पुलिस अधीक्षक चमोली श्वेता चौबे, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार शेखर चंद्र सुयाल, उप जिलाधिकारी श्रीनगर अजयवीर सिंह, उप जिलाधिकारी पौड़ी आकाश जोशी, क्षेत्राधिकारी श्रीनगर श्याम दत्त नौटियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी और आम जनमानस कु. अंकिता के अंतिम संस्कार में शामिल रहे।
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए उठाई यह 7 सवाल

हरीश रावत ने कहा है कि उत्तराखंड की बेटी अंकिता(Ankita Bhandari) का बलिदान तो हो गया, उत्तराखंड 7 प्रश्नों का उत्तर चाहता है!

1. जब चीला से अंकिता नहीं लौटी अभियुक्त अकेले आया तो सारे रिजॉर्ट और आस-पास ये चर्चा हो गई कि अंकिता को नहर में डाल दिया गया है, फिर भी स्थानीय पटवारी को छुट्टी पर क्यों जाने दिया?

2. प्रशासन को मीडिया के सारे घटनाक्रम छपने के बाद भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने में इतना वक्त क्यों लगा ?

3. अभियुक्त को पुलिस कस्टडी के बजाए जुडिशरी ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजने का निर्णय किस स्तर पर लिया गया ?

4. अंकिता का शव खोजने में जो विलंब हुआ, वह साक्ष्य मिटाने की कड़ी तो नही है ?

5. अपराधी के कहीं अपराधो के साक्ष्य स्थल पर बुलडोजर फिराने और लोगों को आग लगाने के लिए उकसाने के पीछे कौन है और यह कृत्य किसके हाथों से हुआ?

6. अभियुक्त को छात्र जीवन से ही मिले राजनीतिक संरक्षण देने वाले संरक्षकों के चेहरे भी क्या बेनकाब होंगे ?

7. पुलिस ने अभी अभियुक्त का पुलिस रिमांड क्यों नहीं मांगा?

 

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