Graphic Era: सफलता के लिए नजरिया बदलें: डॉ घनशाला
देहरादून/मुख्यधारा
ग्राफिक एरा (Graphic Era) ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने कहा कि सफलता के लिए छात्र-छात्राओं को अपना नजरिया बदलना पड़ेगा। आज नबंरों से कहीं ज्यादा महत्व प्रैक्टिकल नॉलेज का है। यह जिंदगी की वास्तविक चुनौतियों का सामना करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है।
डॉ कमल घनशाला आज ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के बीटेक के नये सत्र के इंडक्शन प्रोग्राम में छात्र छात्राओं और अभिभावकों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सफलता एक दिन में प्राप्त नहीं होती, इसके लिए पहले दिन से ही लक्ष्य बनाकर चलना आवश्यक है। अपनी कमियों को पहचानना और उन्हें दूर करना सफलता की राह को आसान बनाता है। प्रैक्टिल नॉलेज के साथ ही सॉफ्ट स्किल, बॉडी लैंग्वेज, अनुशासन और प्रोफेशनलिज्म महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में कक्षा बारह तक हर साल 90 प्रतिशत अंक आयें या 50 प्रतिशत, बच्चे अगली क्लास में पहुंच जाते हैं, लेकिन अब स्थितियां अलग होने वाली हैं। बीटेक के बाद प्रोफेशनल लाईफ शुरु होती है और पूरी जिंदगी की पढ़ाई व ट्रेनिंग से सफलता का स्तर निर्धारित होता है। उन्नीस साल की पूरी पढ़ाई और ट्रेनिंग को कुछ मिनट के इंटरव्यू में अपनी बॉडी लैंग्वेज, कम्युनिकेशन स्किल और ज्ञान के जरिये सामने रखना होता है। इसके लिए पहले से कठिन परिश्रम और अभ्यास आवश्यक है। ग्राफिक एरा में इन पर पहले दिन से ध्यान दिया जाता है।
डॉ घनशाला ने अपने कामयाबी के सफर की दास्तान सुनाते हुए नये छात्र छात्राओं को मेहनत से विचलित न होने और लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखने का आह्वान किया। अपनी रुचि के अनुसार कोर्स के अलावा भी नई तकनीकें सीखने और शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए खेल व अन्य गतिविधियों में शामिल होने पर उन्होंने जोर दिया।
उन्होंने कहा कि ग्राफिक एरा से गूगल, अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट, एडोबी जैसी तमाम बड़ी कम्पनियों में ही प्लेसमेंट नहीं होते, बल्कि छात्र छात्राओं को अपने स्टार्ट अप शुरु करने के लिए इन्क्यूबेशन सेंटर में स्थान, सुविधाएं और विशेषज्ञों का मार्गदर्शन उपलब्ध कराया जाता है। इस सुविधा के चलते 500 करोड़ रुपये के 75 से अधिक बड़े स्टार्ट अप यहां के छात्र-छात्राओं ने स्थापित किए हैं और अब वे कम्पनी मालिक बनकर दूसरों को रोजगार दे रहे हैं।
चेयरमैन डॉ कमल घनशाला ने छात्र-छात्राओं को नशे, जुए, साइबर अपराधों और दुर्घटनाओं से बचने के लिए आगाह करते हुए कई उदाहरण भी दिये। डॉ घनशाला ने प्रख्यात कवि संतोषानंद की पंक्तियां-
आंखों में समंदर है, आशाओं का पानी है, जिंदगी और कुछ भी नहीं, तेरी मेरी कहानी है…
बेहतरीन अंदाज में गाकर इस गीत को उन माता-पिताओं से जोड़ा जो आज अपने लाड़ले या लाड़ली को बड़ी आशाओं के साथ पढ़ाई के लिए अपने से दूर छोड़कर जा रहे हैं। उनके शब्दों और अंदाज से काफी ऐसे बच्चों की मम्मियों की आंखें भर आईं, जो आज दूर दूर से अपने बच्चों को छोड़ने यहां आईं थी।
इंडक्शन समारोह में ग्राफिक एरा में होने वाली गतिविधियों और मेडिकल कालेज से संबंधित लघु फिल्में भी दिखाई गईं। समारोह में कुलपति डॉ संजय जसोला, कुलसचिव डॉ अरविंद धर, निदेशक अवस्थापना डॉ सुभाष गुप्ता, एचओडी कम्प्यूटर साईंस डॉ दिब्यहश बोरदोलोई, एचओडी बीटेक फर्स्ट ईयर डॉ अमित मिश्रा भी मौजूद थे। संचालन साहिब सबलोक ने किया। इंडक्शन प्रोग्राम दो हफ्ते चलेगा।
नये सफर की खुशी से खिले चेहरे
ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में बीटेक का नया सत्र शुरु होने के साथ ही रौनक और बढ़ गई है।
देश के तमाम राज्यों से आये विभिन्न संस्कृतियों से जुड़े नये छात्र छात्राएं आज सुबह से विश्वविद्यालय पहुंचने लगे थे। स्कूलों की चारदीवारी से बाहर निकल कर जिंदगी के नये सफर की शुरुआत के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचने की खुशी और कुछ बड़ा करने के सपनों से युवाओं के चेहरे खिले हुए हैं।
विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों, आधुनिक प्रयोगशालाओं, लायब्रेरी, वाई फाई जोन, लॉन आदि में सैल्फी लेने का सिलसिला भी शुरु चल रहा था। बच्चों के साथ ही उनके अभिभावक भी फोटो खिंचाते नजर आये। बीबीए और बीसीए का इंडक्शन प्रोग्राम 12 अगस्त को और एमबीए व अन्य कई पाठ्यक्रमों का इंडक्शन 16 अगस्त को शुरू होगा।