हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर देश में फिर मचा घमासान, पहले राहुल गांधी ने उठाए सवाल, अब रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार, जानिए मामला

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हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर देश में फिर मचा घमासान, पहले राहुल गांधी ने उठाए सवाल, अब रविशंकर प्रसाद ने किया पलटवार, जानिए मामला

मुख्यधारा डेस्क

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर देश में सियासी भूचाल आ गया है। रिपोर्ट में सेबी चीफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जिसे लेकर राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए। राहुल सहित विपक्ष के नेता इस मामले की जांच संसद की संयुक्त जांच समिति से कराने की मांग कर रहे हैं।

भाजपा ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर देश में आर्थिक अराजकता फैलाने का आरोप लगाया। बीजेपी ने कांग्रेस सांसद पर पलटवार किया है। पार्टी के नेता रविशंकर प्रसाद ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर हमला बोला। रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि लग रहा था कि सत्ता से लगातार तीसरी बार दूर रहने के बाद ये लोग (कांग्रेस) अब टूलकिट का इस्तेमाल नहीं करेंगे लेकिन ये रुके नहीं हैं

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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई शनिवार को, रविवार को इन्होंने हंगामा और होहल्ला मचाया ताकि सोमवार को शेयर बाजार धाराशायी हो जाए।’ प्रसाद ने कहा कि हिंडनबर्ग की आरोपों वाली ताजा रिपोर्ट जिस समय आई है, उसकी टाइमिंग पर संदेह होता है। उन्होंने ने कहा जुलाई महाने में हिंडनबर्ग को सेबी का नोटिस मिला। इस नोटिस का जवाब देने के बदले इसने आधारहीन आरोप लगाए हैं। इन आरोपों का सेबी और सेबी के चेयरमैन ने जवाब दिया है।’ प्रसाद ने आरोप लगाते हुए कहा कि अरबपति एवं समाजसेवी जॉर्ज सोरोस का पैसा हिंडनबर्ग में लगा है। सेबी पर ये आरोप एक बड़ी साजिश का हिस्सा हैं।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी के मन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति एक अजीब तरह की नफरत है।हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में एक रिपोर्ट में सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर कथित अदाणी घोटाले से जुड़े होने का आरोप लगाया था। इस पर दंपति और अदाणी समूह ने सफाई दी थी। हालांकि, एक बार फिर अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कई नए महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं। हिंडनबर्ग का आरोप है कि उसने जनवरी 2023 में अदाणी ग्रुप पर जो खुलासा किया था, उस पर सेबी ने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की। उसका आरोप है कि यह जांच केवल इसलिए नहीं की गई क्योंकि सेबी प्रमुख और अदाणी ग्रुप के हित एक-दूसरे से जुड़े हुए थे।

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उल्लेखनीय है कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है। माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने रविवार को बयान जारी कर हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया था।

SEBI चेयरपर्सन ने कहा, जिस फंड का जिक्र किया गया है उसे उन्होंने 2015 में लिया था। तब उनका सेबी से कोई संबंध नहीं था। उन्होंने हिंडनबर्ग पर आरोप लगाया कि भारत में अलग-अलग मामलों में हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय, उन्होंने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चीफ के चरित्र हनन करने का विकल्प चुना है।

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