पीएम ब्रुनेई में : पीएम मोदी के दौरे से चर्चा में आया ब्रुनेई, यहां के सुल्तान की ‘लग्जरी लाइफ’ पूरी दुनिया भर में फेमस, जानिए इस धनाढ्य देश के बारे में
मुख्यधारा डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों तीन दिवसीय विदेश दौरे पर हैं। विदेश दौरे के पहले चरण में प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को दो दिवसीय दौरे पर ब्रुनेई पहुंचे। यहां पहुंचने पर प्रधानमंत्री का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया गया। ब्रुनेई एक ऐसा देश है जहां के सुल्तान करीब तीन दशक पहले तक दुनिया में सबसे अमीर हुआ करते थे। हालांकि अभी भी यहां के सुल्तान विश्व के धनाढ्य लोगों में शामिल हैं । सुल्तान की लग्जरी लाइफ की दुनिया भर में चर्चा में रहती है। आज ब्रुनेई देश के बारे में जानेंगे पहले पीएम मोदी की इस यात्रा का क्या उद्देश्य है, के बारे में जाना जाए। लुक ईस्ट के विपरीत भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मकसद एशिया-प्रशांत में पड़ोसियों के साथ आपसी रणनीतिक, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है।
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पीएम मोदी का ब्रुनेई दौरा कई मामलों में ऐतिहासिक है। ये किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला ब्रुनेई दौरा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एयरपोर्ट पर क्राउन प्रिंस हाजी अल-मुहतादी बिल्लाह ने उनका रेड कार्पेट वेलकम किया। इसके बाद उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। ब्रुनेई की राजधानी बंदर सेरी बेगवान के होटल में भारतीय समुदाय के लोगों ने भी उनका स्वागत किया। दोनों देशों के बीच 2024 में राजनयिक संबधों के 40 साल पूरे हुए हैं। पीएम मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हाजी हसन अल-बोल्कैया के निमंत्रण पर यहां आए हैं। यहां उनका दुनिया के सबसे बड़े महल ‘इस्ताना नुरुल इमान’ में भी स्वागत किया गया। बोल्कैया ब्रुनेई के 29वें सुल्तान हैं। 1984 में अंग्रेजों के जाने के बाद से वे ब्रुनेई के प्रधानमंत्री पद पर भी हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद बोल्कैया सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा हैं। उन्होंने 2017 में 50 साल राज करने पर गोल्डन जुबली मनाई थी। अब आइए जानते हैं यहां के सुल्तान के बारे में। सुल्तान हसनल बोलकिया का महल किसी भी राष्ट्र अध्यक्ष के निवास से पूरी तरह अलग है।
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दुनिया का सबसे बड़ा महल 2 मिलियन वर्ग फीट में फैला हुआ है और इसमें 1,700 कमरे और 22 कैरेट सोने का गुंबद है। ब्रुनेई, बोर्नियो द्वीप पर स्थित है, जो सिक्किम और त्रिपुरा जैसे भारतीय राज्यों से छोटा है, लेकिन इसके सुल्तान की अथाह संपत्ति और लग्जरी लाइफ स्टाइल ने बार-बार दुनिया भर की नजरें अपनी तरफ खींची है। ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के बाद दुनिया में दूसरे सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाले सम्राट बोलकिया की कुल संपत्ति कथित तौर पर 30 बिलियन डॉलर है। हसनल बोलकिया ब्रुनेई के शासक हैं। यह वह सुल्तान है, जिसकी गिनती दुनिया के अमीर लोगों में होती है। यह देश साल 1984 में ब्रिटेन से आजाद हुआ था। इस बीच सुल्तान उमर अली सैफुद्दीन तृतीय 5 अक्टूबर 1967 से इस देश के राजा थे। इनके बाद अब हसनल बोलकिया करीब 59 सालों से सम्राट के पद पर काबिज हैं। ये अपने लग्जरी लाइफस्टाइल और अमीरियत की वजह से दुनियाभर में फेमस हैं। इस देश में सजा शरिया कानून के हिसाब से दी जाती है। हसनल बोलकिया अपनी लग्जरी लाइफ के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। सबसे खास नका महल जो कई एकड़ में फैला है और उसमें बहुत सी चीजें सोने की हैं। इसके अलावा उनके पास एक प्राइवेट प्लेन है, जिस पर भी सोने की परत लगी हुई है। इसके साथ ही कहा जाता है कि दुनिया में सबसे ज्यादा गाड़ियों का कलेक्शन ब्रुनेई के सुल्तान का ही है। कई गाड़ियों पर सोने की परत चढ़ी हुई है। सुल्तान की प्रोपर्टी को लेकर कई रिपोर्ट्स मौजूद हैं, जिसमें दावा किया गया है कि उनके पास कुल 30 बिलियन डॉलर की संपत्ति है। सुल्तान का सोने के प्रति इतना प्रेम है कि घर में सोने के बेसिन लगे हैं। इतना ही नहीं कार, प्लेन पर भी सोना लगाया गया है।
तेल और प्राकृतिक गैस भंडारों से समृद्ध ब्रुनेई भारत के लिए क्यों अहम हैं
प्रधानमंत्री की यात्रा के दूसरे दिन यानी आज भारत और ब्रुनेई के बीच एनर्जी समझौता हो सकता है। प्रधानमंत्री बुधवार शाम को सिंगापुर रवाना होंगे। अब आइए जानते हैं ब्रुनेई देश के बारे में। ब्रुनेई तेल और प्राकृतिक गैस भंडारों में समृद्ध है। ब्रुनेई, दुनिया के सबसे बड़े महाद्वीप एशिया में स्थित एक छोटा मुस्लिम देश है। यह दक्षिण-पूर्व एशिया में जनसंख्या के हिसाब से सबसे छोटा देश भी है। इसकी आबादी करीब 4.5 लाख है। यानी भारत के एक छोटे से कस्बे से भी कम यहां की आबादी है। इस देश का कुल क्षेत्रफल 5750 वर्ग किलोमीटर के आसपास है। दिल्ली- एनसीआर क्षेत्रफल इससे कहीं ज्यादा निकलेगा। ब्रुनेई एक दौर में अपने तेल कुओं की बदौलत दुनिया के सबसे संपन्न देशों में शामिल रहा है। इसकी प्रति व्यक्ति आय 35,813 डॉलर सालाना है। यहां की 82% आबादी मुस्लिम है। ईसाई, बौद्ध और अन्य अल्पसंख्यक में आते हैं। ब्रुनेई की भौगोलिक स्थिति भी काफी अहम है। यह दक्षिण-पूर्वी एशिया, बोर्नियो द्वीप के उत्तरी तट के साथ, दक्षिण चीन सागर और मलेशिया की सीमा पर स्थित है। दक्षिण चीन सागर के जरिए हिंद और प्रशांत महासागरों को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों के करीब है। लिहाजा भारत के लिए ब्रुनेई अहम हो जाता है।
भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी अलग-अलग लेवल पर विशाल एशिया-प्रशांत क्षेत्र के साथ आर्थिक, रणनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए एक राजनयिक नजरिया है। ये पॉलिसी नवंबर 2014 में 12वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में शुरू की गई थी। अभी म्यांमार में एक्ट ईस्ट पॉलिसी, लुक ईस्ट पॉलिसी का एक्सटेंशन है। लुक ईस्ट पॉलिसी को 1992 में अधिनियमित किया गया था। लुक ईस्ट के विपरीत भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का मकसद एशिया-प्रशांत में पड़ोसियों के साथ आपसी रणनीतिक, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देना है। इस पॉलिसी के तहत भारत ने चीन के हिंद महासागर में बढ़ती समुद्री क्षमता का मुकाबला करने के लिए दक्षिण चीन सागर और हिंद महासागर में रणनीतिक साझेदारी का निर्माण किया है। संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम) इसमें शामिल हैं।
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