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ये चरक क्या बला है! यमकेश्वर के उमरोली गांव की गौशाला में घुसकर इस वन्य जीव ने गायों को किया अधमरा (Charak’s attack)

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ये चरक क्या बला है! यमकेश्वर के उमरोली गांव की गौशाला में घुसकर इस वन्य जीव ने गायों को किया अधमरा (Charak’s attack)

यमकेश्वर/मुख्यधारा
उत्तराखंड के पहाड़ों में आपने बाघ, तेंदुआ, गुलदार व भालू आदि खूंखार जानवरों द्वारा पालतू पशुओं पर हमला किए जाने की घटनाएं अक्सर सुनी होंगी, लेकिन यदा-कदा आपने यह भी जरूर सुना होगा कि (विशेषकर यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत) उक्त गांव में चरक ने हमला (Charak’s attack) कर पशुओं को मार गिराया है। ऐसा ही एक मामला यमकेश्वर ब्लॉक के अंतर्गत उमरोली गांव में सामने आया है। जहां उक्त जीव ऊपर से तोड़कर गौशाला में घुसा और पालतू गायों को अधमरा कर दिया। इस हमले के बाद ग्रामीण डर से सहमे हुए हैं।
उमरोली की ग्राम प्रधान कृष्णा नेगी ने मुख्यधारा को जानकारी देते हुए बताया कि यह घटना दो दिन पूर्व की रात्रि की है। उमरोली गांव के मनोज सिंह पुत्र वीरेंद्र सिंह की गौशाला में वन्य खूंखार जीव चरक ने हमला कर दिया। उक्त जीव ने गौशाला के ऊपर लगे टिनशेड (चद्दर) को उखाड़ डाले और रास्ता बनाकर गौशाला के भीतर घुस गया। उन्होंने बताया कि गौशाला में 4 गायें बंधी थी, उन चारों गायों पर चरक ने हमला किया। जिसमें से एक गाय की हालत गंभीर बनी हुई है और तीन गाय घायल हुई हंै। हमले से घायल हुई इन गायों की कभी भी मौत हो सकती है।
गौवंश मालिक मनोज सिंह ने उक्त घटना पर आधारित मुआवजा दिए जाने की मांग की है।
बताते चलें कि बीते कुछ वर्षों से एक अनोखा जंगली जानवर, जिसका नाम चरक बताया जाता है, ने यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में गौशालाओं पर इस तरह के हमले किए। कुछ बुजुर्ग बताते हैं कि ये जानवर दिखने में भालू की तरह प्रतीत होता है, किंतु यह भालू नहीं होता। यह बात भी निकलकर सामने आई कि ये जंगली जानवर अपना बरसात के समय इस तरह की वारदातें अधिक करता है।
करीब डेढ वर्ष पूर्व ठंठोली गांव की एक गौशाला में घुसकर भी उक्त वन्य जीव ने दो-तीन गायों को मार गिराया था।

क्या है इस वन्य जीव की खासियत

इस वन्य जीव की खासियत यह है कि यह रात्रि के समय ही इन घटनाओं को अंजाम देता है। यह जंगली जानवर गौशाला का दरवाजा नहीं तोड़ता, बल्कि गौशाला चाहे चद्दर से ढकी हो या फिर पठाल वाली हो, वह उसे ऊपर से उखाड़कर अपने लिए जगह बनाता है और अंदर जाकर सभी जानवरों को मार देता है। यह भी रोचक तथ्य है कि आज तक इस जीव को किसी ग्रामीण द्वारा नहीं देखा गया। ऐसे में ग्रामीणों को अपने पशुधन की सुरक्षा की चिंता सता रही है। पूर्व में वन विभाग को भी इस जंगली जानवर से संबंधित शिकायत की गई, लेकिन उससे भी कोई हल नहीं निकल पाया।
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