महिलाओं के स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक है सही पोषण : कुसुम कण्डवाल
- जेलों में महिला बंदियों के स्वास्थ्य आदि की समस्यों के लिये आयोग कर रहा मोनिटरिंग : कुसुम कण्डवाल
- महिला आयोग ने सुद्धोवाला जेल में तैयार कराई पोषण वाटिका, महिला बंदियों के लिए लगाया स्वास्थ्य शिविर
देहरादून/मुख्यधारा
सोमवार 30 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजे उत्तराखंड राज्य महिला आयोग के द्वारा राष्ट्रीय महिला आयोग के सहयोग से पोषण माह के अंतर्गत जनपद देहरादून के जिला कारागार, सुद्धोवाला में पोषण जागरूकता अभियान के अन्तर्गत पोषण के महत्व और जागरूकता, पोषण वाटिका निर्माण व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया।
शिविर का शुभारंभ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल, महानिरीक्षक कारागार उत्तराखण्ड विमला गुंज्याल, उप महानिरीक्षक कारागार दधिराम मौर्य, सदस्य सचिव महिला आयोग उर्वशी चौहान सहित सभी विशेषज्ञों ने दीप प्रज्ज्वलन कर के किया।
कार्यक्रम में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में पोषण माह को मनाया जा रहा है, क्योंकि सरकार का उद्देश्य होता है कि देश के सभी नागरिकों को स्वस्थ व सही पोषण युक्त आहार मिले। सबसे ज्यादा पोषक तत्वों युक्त भोजन मोटे अनाज का होता है जिसका उपयोग हमारे लिए अमृत के समान है।
उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में महिला आयोग ने जेल में महिला बंदियों के चिंता करते हुए उनके सही पोषण के लिए जागरूकता कार्यक्रम व स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया है।
वहीं आयोग अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की विभिन्न समस्याओं का समाधान योग, आयुर्वेद के अनुसार मेडिसन पौधों के माध्यम से भी हो जाता है जिसके लिए आयोग द्वारा यहां पोषण वाटिका तैयार की जा गयी है तथा उनसे सम्बन्धी मेडिसन पौधों की जानकारी यहाँ महिला बंदियों को उपलब्ध कराई जा रही है। जिससे कि आवश्यकता आप लोग इसका उपयोग कर सके।
जिसमे प्रसिद्ध गेस्ट्रो सर्जन डॉ विपुल ने महिलाओं को पेट सम्बन्धी समस्या की जानकारी दी तथा कहा कि मिलेट्स के रोजाना उपयोग से हमारे शरीर की विटामिन, मिनरल, कैल्शियम की ज़रूरतें पूर्ण हो सकती हैं।
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आकांक्षा रतूड़ी ने महिलाओं सम्बन्धी विभिन्न समस्याओं के समाधान व उचित उपचार की जानकारी दी।
डॉ. तरुण दास ने महिलाओं को उचित व संतुलित आहार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई।
तथा पतंजलि से पहुंची आयुर्वेदाचार्य सीमा जोहर ने महिलाओं को योग सहित औषधीय पौधों की जानकारी उपलब्ध कराई तथा उन्हें उन पौधों की विशेषता तथा उनके माध्यम से होने वाले उपचार तथा उपयोग की पूर्ण जानकारी दी।
कार्यक्रम में महानिरीक्षक कारागार विमला गुंज्याल (आईपीएस) ने कहा कि हमारे कारागार की बंदियों को स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देने के लिए मैं महिला आयोग का आभार व्यक्त करती हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब तक यह बंदी हमारे कारागार में है यह स्वस्थ रहे यह हमारा कर्तव्य है। जेल में सभी बंदियों को सही पोषण मिले इसके लिए मिलेट्स का भोजन दिया जाता है तथा हमारा यही उद्देश्य रहेगा कि मोटे अनाज का उपयोग हमारे जिलों में निरंतर रहे।
उत्तराखंड राज्य महिला आयोग द्वारा जिला कारागार परिसर में महिला बंदियों की स्वास्थ्य जांच हेतु शिविर लगाया गया, जिसमें आरोग्यधाम अस्पताल के डॉक्टरों की टीम मौजूद रही। साथ ही महिला बंदियों के उपयोग हेतु जिला कारागार परिसर में पोषण वाटिका भी तैयार कराई गई जिसमें विभिन्न औषधीय पौधे तुलसी, गिलोय, अश्वगंधा, शतावरी, हरड़ बहड़, सहजन, निर्गुंडी, एलोविरा , हल्दी सहित अन्य पौधे लगाए गए तथा आंगनवाड़ी बहनों द्वारा पोषण प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया एवं समस्त महिला बंदियों को शिविर के दौरान मिलेट्स युक्त भोजन भी कराया गया।
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राज्य महिला आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान ने महिला बंदियों को आयोग से संबंधित जानकारी दी तथा कहा कि यदि उन्हें कोई समस्या हो तो वह आयोग को लिख सकती हैं।
कार्यक्रम का समापन आयोग के विधि अधिकारी दयाराम सिंह द्वारा समस्त प्रतिभागियों व कारागार के कर्मचारी के धन्यवाद से किया गया।
कार्यक्रम का संचालन उप निरीक्षक स्वाति चमोली द्वारा किया गया।
इस अवसर पर आयोग की सदस्य विमला नैथानी, वैशाली नरूला, डिप्टी जेलर पवन कोठारी, ग्राम प्रधान सुद्धोवाला मुनेश रानी, CDPO रेनु सिंह,आयोग के कर्मचारीगण व समस्त महिला बन्दी उपस्थित रहे।
इस दौरान आयोजित पत्रकार वार्ता में माननीय अध्यक्ष कुसुम कंडवाल द्वारा दिया गया वक्तव्य –
“उत्तम स्वास्थ्य पर सभी महिलाओं का हक है और आज महिला बंदियों के स्वास्थ्य को लेकर यह विशेष शिविर लगाया गया है।
राज्य महिला आयोग इससे पूर्व हल्द्वानी कारागार, टिहरी कारागार और हरिद्वार कारागार में भी महिला बंदियों के स्वास्थ्य और अन्य समस्याओं को लेकर निरीक्षण किया गया है।
महिला बन्दियों के सुरक्षा स्वास्थ्य और पोषण का दायित्व सरकार का है और सरकार महिला बंदियों को यह सब प्रदान कर रही है जिसकी मोनिटरिंग समय समय और आयोग करता रहता है।