गांधी जयंती के दिन सड़क खुलवाने को लेकर बागी-व्यासघाट मार्ग पर ग्रामीणों ने किया जोरदार प्रदर्शन
व्यासघाट-कौडियाला मोटर मार्ग के बागीधार के समीप किनसुर प्रधान दीपचन्द शाह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर जताया आक्रोश
द्वारीखाल/मुख्यधारा
आज दो अक्टूबर के दिन द्वारीखाल ब्लॉक के ग्रामसभा किनसुर क्षेत्र में व्यासघाट-कौडियाला मोटर मार्ग पर क्षतिग्रस्त जोन बागी-व्यासघाट में पहाड़ी से आ रहे मलबे से परेशान होकर प्रधान दीपचन्द शाह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग के खिलाफ जोरदार नारेबाजी के साथ प्रदर्शन कर इस जगह का स्थायी समाधान करने की मांग की है, ताकि बार-बार सड़क क्षतिग्रस्त न हो।
आज सुबह प्रधान किनसुर दीपचन्द शाह के नेतृत्व में ग्राम बागी व किनसुर के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और लोनिवि के खिलाफ हाय-हाय के नारे लगाकर अपना आक्रोश व्यक्त किया। इस दौरान प्रधान श्री शाह ने बताया कि उनके द्वारा पीडब्ल्यूडी श्रीनगर के अधिशासी अभियंता को अवगत कराया गया है। साथ ही दूसरी मशीन भी मौके पर उपलब्ध कराने की मांग की है। जिस पर उन्हें उक्त स्थान को आवाजाही के लिए शीघ्र खुलवाने का आश्वासन दिया गया है। प्रधान बताते हैं कि पहाड़ी से हल्की बारिश में भी बार-बार मलबा आने से वह स्थान कच्चा हो गया है। उन्होंने शासन-प्रशासन एवं लोक निर्माण विभाग को इस स्थान के भूगर्भीय जांच कराकर इसका ट्रीटमेंट कर स्थायी समाधान करने की मांग की है। इस दौरान बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।
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बता दें कि व्यासघाट-कौडियाला मोटर मार्ग पर बागीधार से थोड़ा आगे झूला पुल के समीप पहाड़ी से बार-बार मलबा गिरकर सड़क को क्षतिग्रस्त कर रहा है। जिससे क्षेत्रवासियों के वाहन मुख्य सड़क सतपुली-देवप्रयाग मोटर मार्ग तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें पैदल ही वहां से जाना पड़ रहा है। यही नहीं बीमार व्यक्तियों को भी कंधे पर बैठाकर पार जाना पड़ रहा है। वहीं राशन आदि सामान भी कंधों पर ही लाना पड़ रहा है। हालांकि लोनिवि श्रीनगर की ओर से मौके पर छोटी जेसीबी मशीन रहती है, लेकिन भारी मात्रा में मलबा आने के कारण वह भी रोड खुलवाने में नाकाफी है। इस संबंध में ग्राम प्रधान द्वारा कई बार संबंधित विभाग को अवगत कराया जा चुका है।
आपको यह भी बताते चलें कि यह वही सड़क है, जिसके लिए सिंगटाली नामक स्थान पर मोटर पुल बनाए जाने की वर्षों से मांग की जा रही है। यदि सिंगटाली में मोटर पुल बन जाता तो फिर इस सड़क के भी दिन बहुर सकते थे। यही नहीं बरसात के समय जब ऋषिकेश-देवप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग क्षतिग्रस्त होता है तो उस समय ये सड़क एक बेहतरीन विकल्प हो सकती थी, किंतु इसे क्षेत्रवासियों का दुर्भाग्य ही कहा जा सकता है कि जिस पौड़ी जिले ने राज्य को पांच मुख्यमंत्री दिए, उस जिले को जोड़ने के लिए सिंगटाली में मोटर पुल का शुभारंभ नहीं हो पाया है।
बहरहाल, देखने वाली बात यह होगी कि ग्रामीणों की समस्या का संबंधित विभाग कब तक समाधान कर पाता है।