धनतेरस : Dhanteras को लेकर सजे बाजार, पूरे सालभर में खरीदारी का सबसे बड़ा पर्व आज, इस दिन से होती है दीपोत्सव की शुरुआत
मुख्यधारा डेस्क
आज धनतेरस है। दीपावली से दो दिन पड़ने वाला यह दिन खरीदारी के लिए जाना जाता है। हिंदू धर्म में धनतेरस का पर्व सुख-समृद्धि के रूप में मनाया जाता है। पूरे देश भर में लोग धनतेरस पर्व पर जमकर खरीदारी करते हैं। सोना, चांदी, बर्तन और गाड़ियों की बिक्री जमकर होती है। शाम को भगवान धन्वंतरि, कुबेर और लक्ष्मी जी की पूजा होगी। परिवार को बीमारियों से बचाने और लंबी उम्र के लिए यम के नाम का दीपदान भी किया जाएगा।
धनतेरस (Dhanteras) से दीपोत्सव की शुरुआत होती है। घरों और बाजारों का माहौल त्योहारमय हो गया है। बाजारों में धनतेरस की खास तैयारियां हैं। व्यापारियों ने बर्तन और सराफा दुकानों को विशेष रूप से सजाया है। इस बार सोने और चांदी के भाव तेज है, लेकिन व्यापारियों को उम्मीद है कि सोने और चांदी की ज्वैलरी की खरीदारी जमकर होगी।
बुधवार को नरक चतुदर्शी, 31 को दीपावली मनाई जाएगी। इसे लेकर लोगों में इस पर्व को मनाने के लिए खासा उत्साह दिख रहा है। इस बार दीपोत्सव छह दिन का होगा। इस बार धनतेरस पर त्रिपुष्कर योग बन रहा है, जो सुबह 6:31 बजे से 10:31 बजे तक रहेगा। इसके अलावा धनतेरस पर सुबह 7:48 बजे तक इंद्र योग है, उसके बाद वैधृति योग बनेगा। उस दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र शाम को 6:34 बजे तक है, उसके बाद से हस्त नक्षत्र होगा।
धनतेरस के मौके पर सोने और चांदी के दाम में तेजी । 28 अक्टूबर को 10 ग्राम 24 कैरेट सोने का भाव 480 रुपए चढ़कर 78,495 रुपए हो गया। वहीं, चांदी की कीमत में भी 752 रुपए की बढ़त रही और यह 96,552 रुपए प्रति किलो की कीमत पर पहुंच गई है। इसी महीने 23 अक्टूबर को सोने ने 78,703 रुपए और चांदी ने 99,151 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था। आने वाले दिनों में सोने-चांदी में बढ़त देखने को मिल सकती है। इस साल सोना 79 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम तक जा सकता है।
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वहीं, चांदी भी 1 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकती है। धनतेरस पर गणेश, लक्ष्मी मूर्ति, खील बताशे, प्रॉपर्टी, सोना, चांदी, पीतल, आभूषण, नए बर्तन, नए कपड़े, खड़ा धनिया और झाड़ू खरीदना काफी शुभ होता है। इसके अतिरिक्त वाहन, प्रॉपर्टी, इलेक्ट्राॅनिक सामान आदि खरीदना शुभ व समृद्धिकारक होता है।
पौराणिक मान्यता के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धनवंरि अपने हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे।
धनवंतरि को विष्णु भगवान का अवतार माना जाता है, इसलिए भी यह दिन उनके प्रकाट्योत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन धन के देवता कुबेर व देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन सोना चांदी, बर्तनों की खरीद करते हैं, मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तुओं में 13 गुना वृद्धि होती है।
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