दिल्ली का जनादेश : दिल्ली में 27 साल बाद लौटा भाजपा का राज, केजरीवाल का ओवर कॉन्फिडेंस आप का बना हार का कारण
(दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही थी। वहीं आम आदमी पार्टी भी इस बार ढेरों वायदों के साथ दिल्ली में हैट्रिक लगाने के लिए पूरे आत्मविश्वास से भरी हुई थी लेकिन दिल्ली के वोटरों ने इस बार केजरीवाल को नकार दिया और भाजपा को जीत की खुशियां दे दी। दिल्ली की जनता जनार्दन ने इस बार भाजपा पर अपना विश्वास जताया। लंबे अंतराल के बाद दिल्ली में “डबल इंजन” की सरकार हो गई है। दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम में मुख्य पांच बातें निकलकर सामने आई। 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। आम आदमी पार्टी के टॉप लीडर्स अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्वाज और सत्येंद्र जैन चुनाव हार गए। कांग्रेस तीसरी बार भी अपना खाता नहीं खोल सकी। दिल्लीवासियों ने इस बार मुफ्त की सौगातों को नकार दिया। केजरीवाल का ओवर कॉन्फिडेंस आप के लिए हार का कारण बना। सबसे बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का रहा। लगातार तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इस बार भी एक भी सीट नहीं जीत पाई। भाजपा में जश्न का माहौल है वहीं आम आदमी पार्टी में मायूसी हुई है। )
शंभू नाथ गौतम
दिन बुधवार, तारीख 5 फरवरी साल 2025 । इस दिन देश की राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे थे। दिल्ली चुनाव के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज के महाकुंभ में स्नान कर रहे थे। संगम में डुबकी लगाते समय पीएम मोदी के जेहन में दिल्ली चुनाव रहे होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने मां गंगा से इस बार दिल्ली में भाजपा की सत्ता वापसी का वरदान जरूर मांगा होगा। आखिरकार भाजपा इस बार दिल्ली के सिंहासन पर विराजमान हो गई।
दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी लंबे समय से सत्ता पाने के लिए संघर्ष कर रही थी। वहीं दूसरी ओर आम आदमी पार्टी भी इस बार ढेरों वायदों के साथ दिल्ली में हैट्रिक लगाने के लिए पूरे आत्मविश्वास से भरी हुई थी लेकिन दिल्ली के वोटरों ने इस बार केजरीवाल को नकार दिया और भाजपा को 27 साल बाद जीत की खुशियां दे दी।
इससे पहले 1993-1998 तक दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार थी। लंबे अंतराल के बाद एक बार फिर दिल्ली की कमान भाजपा के हाथ में आ गई है। अब दिल्ली में झाड़ू का शासन खत्म और कमल खिल गया है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई है। इससे पहले लगातार दो बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ऐसी प्रचंड आंधी चली थी कि विपक्ष बनने के लिए किसी पार्टी को पर्याप्त सीटें ही नहीं मिल पाई थी। अब इस बार के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ही नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट हार गए हैं।
शनिवार, 8 फरवरी की सुबह 8 बजे तक दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आने से पहले भाजपा और आम आदमी पार्टी अपनी-अपनी सरकार बनाने के दावा करते रहे। लेकिन दिल्ली की जनता जनार्दन ने इस बार भाजपा पर अपना विश्वास जताया। लंबे अंतराल के बाद दिल्ली में “डबल इंजन” की सरकार हो गई है।
दिल्ली चुनाव परिणाम में मुख्य पांच बातें निकलकर सामने आई। 27 साल बाद भाजपा की सत्ता में वापसी हुई। आम आदमी पार्टी के टॉप लीडर्स चुनाव हार गए। कांग्रेस तीसरी बार भी अपना खाता नहीं खोल सकी। दिल्लीवासियों ने इस बार मुफ्त की सौगातों को नकार दिया।
केजरीवाल का ओवर कॉन्फिडेंस आम आदमी पार्टी के लिए हार का कारण बना। सबसे बुरा हाल कांग्रेस पार्टी का रहा। लगातार तीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस इस बार भी एक भी सीट नहीं जीत पाई। दिल्ली की कस्तूरबा नगर एकमात्र ऐसी विधानसभा है, जहां कांग्रेस दूसरे नंबर पर रही। 2020 में भाजपा ने महज 8 सीटें जीती थीं। 2025 में 6 गुना ज्यादा यानी 48* से ज्यादा सीटों पर जीती। भाजपा की पिछले चुनाव (2020) के मुकाबले 39 सीटें बढ़ीं।
वहीं, आप को 39 सीटों का नुकसान हुआ है। आम आदमी पार्टी को इस बार 22* सीटों पर जीत मिली है। तीन बार लगातार दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली से चुनाव हार गए। बीजेपी के प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को 3182 वोटों से हरा दिया। डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया भी अपनी सीट बचा नहीं पाए। सिसोदिया को भाजपा उम्मीदवार तरविंदर सिंह मरवाह ने हराया। इसके साथ सौरभ भारद्वाज, सत्येंद्र जैन सत्येंद्र जैन और सोमनाथ भारती भी चुनाव हार गए हैं।
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दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी कालका सीट से चुनाव जीत गई हैं। आम आदमी पार्टी कट्टर ईमानदारी, कट्टर देशभक्ति और इंसानियत को अपनी विचारधारा बताती रही है। दिल्ली में शराब घोटाले और शीश महल जैसे मुद्दों से पार्टी की कट्टर ईमानदारी पर धब्बा लग गया।
दिल्ली की सत्ता गंवाने के बाद पार्टी के हाईकमान की साख पर भी बट्टा लगा है। जहां से आप पूरे देश की सियासत में छा जाने के ख्वाब देखने लगी थी, अब उसकी मनपसंद सियासत का केंद्र दिल्ली की सत्ता हाथ से चली गई। वहीं जीत का जश्न मनाने के लिए आम आदमी पार्टी मुख्यालय में की गई तैयारी धरी की धरी रह गई। चुनाव परिणाम देखने के लिए मुख्यालय के बाहर जहां तीन-तीन बड़ी बड़ी स्क्रीन लगाई गई थीं, जीत के माहौल में गाने बजाने के लिए बड़े-बड़े स्पीकर वाले साउंड लगाए गए थे। लोग खुशी मनाने के लिए डफली लेकर भी वहां पहुंचे थे, मगर चुनाव परिणाम के पहले राउंड से जिस तरीके से माहौल आपके खिलाफ शुरू हुआ, धीरे-धीरे कार्यकर्ताओं का जोश भी ठंडा होता गया। कार्यकर्ता शांत होते गए, यहां तक कि सबसे ज्यादा कष्ट उन्हें अरविंद केजरीवाल के चुनाव हारने का रहा। भाजपा की जीत पर दिल्ली में भाजपाइयों ने सड़क पर उतरकर जमकर जश्न मनाया।
भाजपा के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों के बेटे चुनाव जीत गए हैं। नई दिल्ली से प्रवेश वर्मा और मोतीनगर से हरीश खुराना। प्रवेश पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। खुराना पूर्व सीएम मदन लाल खुराना के बेटे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम प्रदेशों के मुख्यमंत्री ने दिल्ली में मिली शानदार जीत पर बधाई दी है। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान हुआ था और इस बार 60.54 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि दिल्ली में पिछली बार 62.60 प्रतिशत मतदान हुआ था। 12 साल बाद आम आदमी पार्टी दिल्ली की सत्ता से बाहर हो गई।
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